वाराणसी जिला कोर्ट तहखाने में पूजा पाठ की अनुमति वाली याचिका पर फैसला सुनाएगी। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। 31 जनवरी को कोर्ट अपना आदेश सुना सकती है।
ज्ञानवापी मामले में आज बहुत ही अहम दिन है। वाराणसी की जिला कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट में अहम मामले हैं। इलाहबाद हाई कोर्ट में परिसर सहित वजूखाने का एएसआई सर्वे की मांग वाली याचिका पर सुनवाई होगी। वहीं दूसरी तरफ वाराणसी जिला कोर्ट तहखाने में पूजा पाठ की अनुमति वाली याचिका पर फैसला सुनाएगी। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। 31 जनवरी को कोर्ट अपना आदेश सुना सकती है।
वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की रिपोर्ट के जवाब में मस्जिद के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार अंजुमन इंतजामिया मसाजिद समिति ने निष्कर्षों से असहमति जताई है। वाराणसी जिला अदालत द्वारा एएसआई को यह जांच करने का काम सौंपा गया था कि क्या मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद हिंदू मंदिर के ऊपर किया गया था, अपनी वैज्ञानिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 17 वीं शताब्दी में औरंगजेब के शासनकाल के दौरान एक मंदिर का हिस्सा नष्ट कर दिया गया था, जिसके अवशेषों का पुन: मस्जिद निर्माण में उपयोग किया गया था।
चार खंडों में फैली एएसआई रिपोर्ट का खुलासा हाल ही में अदालत द्वारा हिंदू और मुस्लिम वादियों के सामने पेश किए जाने के बाद किया गया था। इसमें ज्ञानवापी परिसर के भीतर 55 हिंदू देवी-देवताओं की पत्थर की मूर्तियों की खोज का दावा किया गया है, जिनमें शिव लिंग, विष्णु, गणेश, नंदी, कृष्ण और हनुमान की प्रतिमाएं शामिल हैं। रिपोर्ट में सर्वेक्षण के दौरान 259 पत्थर की वस्तुओं, 27 टेराकोटा वस्तुओं, 113 धातु की वस्तुओं और 93 सिक्कों की खोज का भी विवरण दिया गया है।
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