Gwalior South: त्रिकोणीय मुकाबला या 2023 में होगी भाजपा-कांग्रेस में भिड़ंत?

ग्वालियर. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के सियासी रण में ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र सीट काफी अहम है. यहां का इतिहास देखें तो 1980 से 2018 तक के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस केवल 3 बार यहां से जीत पाई है. भाजपा ने 6 बार जीत हासिल की है. 1985, 93 और साल 2018 के चुनाव छोड़ 1980, 90, 1998, 2003, 2008 और 2013 में भाजपा, ने जीत दर्ज की. इस साल होने जा रहे चुनाव में भी ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट का सियासी माहौल गर्माया हुआ है. देखना दिलचस्प होगा कि किस पार्टी को यहां के मतदाता विधानसभा भेजते हैं.

2018 में विधानसभा चुनाव में ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रवीण पाठक चुनाव मैदान में थे. भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेता नारायण सिंह कुशवाह को चुनाव मैदान में उतारा था. इस चुनाव में कांग्रेस के प्रवीण पाठक ने उलटफेर करते हुए तीन बार से लगातार विधायक बन रहे भाजपा के नारायण सिंह कुशवाह को पराजित किया था. हालांकि पाठक महज 121 वोटों के अंतर से ही जीत सके थे. इसकी वजह यह भी है कि भाजपा की बागी पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता ने निर्दलीय उम्मीदवार रहते 30,745 वोट हासिल किए थे. प्रवीण पाठक को 56,369 वोट मिले थे और भाजपा के नारायण सिंह कुशवाह को 56,248 वोट. निर्दलीय प्रत्याशी और भाजपा की बागी ग्वालियर  की पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता के चुनावी मैदान में होने से इस चुनाव में भाजपा को बड़ा झटका लगा था.

2013 में भाजपा के नारायण सिंह कुशवाह ने कांग्रेस के रमेश अग्रवाल को हराया था. कुशवाह को 68,627 वोट मिले थे जबकि अग्रवाल को 52,360 वोट मिले थे. वहीं 2008 में भाजपा के नारायण सिंह कुशवाह ने कांग्रेस की रश्मि पवार शर्मा को हराया था. 2003 में भाजपा के नारायण सिंह कुशवाह ने कांग्रेस के भगवान सिंह यादव को हराया था.

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