Gujarat: मेहसाना में बोले पीएम- भारत की विकास यात्रा में ये एक अद्भुत कालखंड है

New Delhi:

PM Modi in Gujarat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेहसाणा में कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया. इस दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल भी मौजूद रहे. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज से ठीक एक महीने पहले 22 जनवरी को मैं अयोध्या में प्रभु राम के चरणों में था. वहां मुझे प्रभु रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक आयोजन में शामिल होने का सौभाग्य मिला. उसके बाद 14 फरवरी (वसंत पंचमी) को अबु धाबी में खादी देशों के पहले हिंदू मंदिर के लोकार्पण का मुझे अवसर मिला. अभी 2-3 दिन पहले मुझे उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि धाम के शिलान्यास का भी मौका मिला. अब आज मुझे यहां तरभ में इस भव्य, दिव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद पूजा करने का  सौभाग्य प्राप्त हुआ है.

पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत की विकास यात्रा में ये एक अद्भुत कालखंड है. ये एक ऐसा समय है, जब देवकाज हो या फिर देश काज, दोनों तेज गति से हो रहे हैं. देवसेवा भी हो रही है और देशसेवा भी हो रही है. आज मैं इस पवित्र धरती पर एक दिव्य ऊर्जा महसूस कर रहा हूं. ये ऊर्जा हजारों वर्ष से चली आ रही उस आध्यात्मिक चेतना से हमें जोड़ती है, जिसका संबंध भगवान कृष्ण से भी है और महादेव से भी है. सैंकड़ों वर्ष पुराना ये मंदिर आज 21वीं सदी की भव्यता और पुरातन दिव्यता के साथ तैयार हुआ है. ये मंदिर सैंकड़ों शिल्पकारों, श्रमजीवियों के वर्षों के अथक परिश्रम का भी परिणाम है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां मंदिर सिर्फ देवालय या पूजा पाठ करने की जगह नहीं, बल्कि ये हमारी हजारों वर्ष पुरानी संस्कृति और परंपरा के प्रतीक हैं. हमारे यहां मंदिर देश और समाज को अज्ञान से ज्ञान की तरफ ले जाने के माध्यम रहे हैं. आज देश सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर चल रहा है. ये भावना हमारे देश में कैसे रची-बसी है, इसके दर्शन भी हमें वालीनाथ धाम में होते हैं. मोदी की गारंटी का लक्ष्य, समाज के अंतिम पायदान पर खड़े देशवासी का भी जीवन बदलना है. इसलिए एक तरफ देश में देवालय भी बन रहे हैं और करोड़ों गरीबों के पक्के घर भी बन रहे हैं.

उन्होंने कहा कि हमने गुजरात में विकास के साथ-साथ विरासत से जुड़े स्थानों की भव्यता के लिए भी काम किया है. दुर्भाग्य से आजाद भारत में लंबे समय तक विकास और विरासत के बीच टकराव पैदा किया गया. इसके लिए अगर कोई दोषी है, तो वही कांग्रेस है जिन्होंने दशकों तक देश पर शासन किया. ये वही लोग हैं, जिन्होंने सोमनाथ जैसे पावन स्थल को भी विवाद का कारण बनाया. ये वही लोग हैं, जिन्होंने पावागढ़ में धर्मध्वजा फहराने की इच्छा तक नहीं दिखाई. ये वही लोग हैं, जिन्होंने दशकों तक मोढ़ेरा के सूर्य मंदिर को भी वोटबैंक की राजनीति से जोड़कर देखा. ये वही लोग हैं, जिन्होंने भगवान राम के अस्तित्व पर भी सवाल उठाए, उनके मंदिर निर्माण को लेकर रोड़े अटकाए. और आज जब जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण हो चुका है, जब पूरा देश इससे खुश है तो भी नकारात्मकता को जीने वाले लोग नफरत का रास्ता छोड़ नहीं रहे हैं. आज नए भारत में हो रहा हर प्रयास, भावी पीढ़ी के लिए विरासत बनाने का काम कर रहा है. आज जो नई और आधुनिक सड़कें बन रही हैं, रेलवे ट्रैक बन रहे हैं, ये विकसित भारत के ही रास्ते हैं.



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