खेड़ा के पुलिस अधीक्षक राजेश गढ़िया ने कहा, “एक ग्रामीण के रक्त के नमूने की रिपोर्ट से पुष्टि हुई है कि सिरप बेचने से पहले उसमें मिथाइल अल्कोहल मिलाया गया था।” इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पिछले दो दिनों के दौरान सिरप पीने से जहां पांच लोगों की जान जा चुकी है, वहीं दो का अभी भी इलाज चल रहा है।
गुजरात के खेड़ा जिले में मिथाइल अल्कोहल युक्त दूषित आयुर्वेदिक सिरप के संदिग्ध सेवन के बाद पिछले दो दिनों में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई है और दो को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने इस बात की जानकारी दी है। एक रिपोर्ट के अनुसार प्रारंभिक जांच से पता चला है कि ‘कालमेघासव – आसव अरिष्ट’ नाम से ब्रांडेड आयुर्वेदिक सिरप, गुजरात के खेड़ा जिले के नडियाद शहर के पास बिलोदरा गांव में एक दुकानदार द्वारा काउंटर पर लगभग 50 लोगों को बेचा गया था।
खेड़ा के पुलिस अधीक्षक राजेश गढ़िया ने कहा, “एक ग्रामीण के रक्त के नमूने की रिपोर्ट से पुष्टि हुई है कि सिरप बेचने से पहले उसमें मिथाइल अल्कोहल मिलाया गया था।” इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पिछले दो दिनों के दौरान सिरप पीने से जहां पांच लोगों की जान जा चुकी है, वहीं दो का अभी भी इलाज चल रहा है। हमने आगे की पूछताछ के लिए दुकानदार सहित तीन लोगों को हिरासत में लिया है। आपको बता दें कि मिथाइल अल्कोहल एक जहरीला पदार्थ है। अधिकारियों के मुताबिक, शराब के आदी लोग कभी-कभी ऐसे औषधीय सिरप का दुरुपयोग करते हैं। गौरतलब है कि गुजरात में शराबबंदी लागू है।
अधिकारी ने कहा, प्रारंभिक जांच से पता चला है कि सभी पांच मौतें कालमेघासव के संदिग्ध सेवन से जुड़ी थीं। दुकान के मालिक किशन सोढ़ा ने कथित तौर पर स्वीकार किया कि उन्होंने पिछले एक सप्ताह में लगभग 50 लोगों को सिरप की बोतलें बेची हैं। गढ़िया ने कहा, उसने उन्हें 100 रुपये में खरीदा और 130 रुपये में बेच दिया। उन्होंने कहा कि किशन के पिता सांकलभाई और बिलोदरा के एक अन्य निवासी बलदेव सोढ़ा ने भी इस सिरप का सेवन किया था और दोनों वर्तमान में उपचाराधीन हैं। सांकलभाई के रक्त परीक्षण में मिथाइल अल्कोहल की उपस्थिति की पुष्टि हुई, जिसका अर्थ है कि रसायन को सिरप में जोड़ा गया था…यह जांच का विषय है कि इसे किस स्तर पर जोड़ा गया था।
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