आरओ प्लांट (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
अब भूगर्भ जल का व्यावसायिक उपयोग करने पर भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद से अनापत्ति सर्टिफिकेट (एनओसी) लेना होगा। बिना एनओसी लिए भूगर्भ जलदोहन करने वालों पर दो लाख से पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। साथ ही छह महीने से एक साल तक की जेल भी हो सकती है। भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद ने एनओसी के लिए एक महीने का समय दिया है। इसके बाद विभाग अभियान चलाकर जांच कराएगा।
भूगर्भ जल प्रबंधन एवं विनियमन अधिनियम 2019 के तहत सामूहिक भूगर्भ जल उपभोक्ता (होटल, लाज, निजी आवासीय भवन, आवासीय कालोनी, मॉल्स, वाटर पार्क आदि) को भूजल के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त भूगर्भ कूप निर्माण की समस्त ड्रिलिंग संस्थाओं का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है।
इस अधिनियम की धारा-39 के अन्तर्गत बिना पंजीकरण व अनापत्ति प्रमाण पत्र के भूगर्भ जल दोहन करते पाए जाने पर व्यक्ति, समूह, संस्था को दो से पांच लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा छह माह से एक वर्ष तक का कारावास हो सकता है।
इसे भी पढ़ें: दंगा भड़काने के दोषी परवेज परवाज को दो साल का कारावास, 20 साल बाद सजा दिलाने में सफल हुई पुलिस