Google से मिला आईडिया, तो इस युवा किसान की बदल गई किस्मत, हो रही बंपर कमाई

नीरज कुमार/बेगूसराय. खेती-किसानी में मोटा मुनाफा कमाने के लिए किसान गूगल से भी बिजनेस आइडिया का सहारा लेने लगे हैं. गूगल की मदद से किसान अपना मनपसंद व्यवसाय भी कर रहे हैं. गूगल मछली पालन का आईडिया देने में भी किसानों के लिए मददगार साबित हो रहा है. इससे किसानों को लाभ भी मिल रहा है. आप कम जगह में भी  मछली पालन आराम से कर सकते हैं और इसका अधिक उत्पादन भी होता है. बेगूसराय के युवा किसान विजय सिंह ने गूगल से ही मदद लेकर 23 टंकी में अति सघन विधि से मछली पालन शुरू किया है. इसे वियतनाम मॉडल या फिर टंकी में मछली उत्पादन तकनीक भी कहते हैं. विजय सिंह को इस तकनीक से मछली पालन करने पर सीमित जगह में ज्यादा उत्पादन कर मुनाफा कमाने का अवसर मिला.

बेगूसराय जिला के छोड़ाही गांव के रहने वाले युवा किसान विजय सिंह 10 कट्ठे में 23 टंकी का निर्माण कर पिछले तीन साल से मछली पालन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि गूगल से मिले इस मत्स्य व्यवसाय के आईडिया को पूरा करने के लिए कृषि विभाग का सहारा लिया. यहां बिना किसी टेंशन के 4 लाख लीटर पानी में मछली उत्पादन के लिए 10 लाख का अनुदान भी मिल गया. किसान विजय सिंह ने बताया कि टंकी में मछली पालन करने में 25 लाख खर्च आया. उन्होंने बताया कि कई किस्म के मछलियों को पाल रहे हैं. जिसमें बेकर, रोहू, पंडिन, सिंघी जैसी मछलियां शामिल है. इनमें मुख्य रूप से बेकर प्रजाति की मछली को कारोबार के उद्देश्य से तैयार किया जाता है.

डिमांड बहुत ज्यादा
किसान विजय सिंह ने बताया कि बेकर प्रजाति की मछली की डिमांड सबसे ज्यादा होती है. बेगूसराय में मछली के कई सहकारी बाजार के अलावा मछली विक्रेता की संख्या ज्यादा होने की वजह से बेचने की भी टेंशन नहीं होती है. डिमांड भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने बताया कि मछली पालन में दाने से लेकर मजदूरों को वेतन देने तक में हर माह एक लाख तक खर्च हो जाता है. जबकि डेढ़ से 2 लाख तक का मछली बेच लेते हैं.

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