GK: अदालत में कितने वर्षों तक चला अयोध्या राम मंदिर का विवाद, परीक्षाओं में पूछे जा सकते हैं ये सवाल

अयोध्‍या का राममंदिर और रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा चर्चा में है. अक्‍सर UPSC, UPPCS, MPPCS समेत अन्‍य प्रतियोगी परीक्षाओं के जनरल स्‍टडी के पेपर में चर्चित विषयों पर सवाल पूछे जाते हैं. इसलिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्‍यर्थियों को इस तरह के विषयों की पूरी जानकारी रखनी चाहिए. आइए जानते हैं कि आपको राम मंदिर से जुड़े कौन-कौन से सवालों के जवाब जानने चाहिए.

अदालत में कितने साल चली लड़ाई?
प्रतियोगी परीक्षाओं में ये पूछा जा सकता है कि क्‍या आप जानते हैं कि अयोध्या राम मंदिर विवाद की लड़ाई अदालत में कितने सालों तक चली? तो इसका जवाब है कि राम मंदिर को लेकर 134 सालों तक अदालत में केस चला. दिलचस्‍प बात यह है कि यह लड़ाई 102 सालों तक फैजाबाद की जिला अदालत में चली, वहीं 23 साल तक यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में चलता रहा. इतना ही नहीं राम मंदिर का विवाद 9 साल तक सुप्रीम कोर्ट में भी चला. अयोध्या राम मंदिर का विवाद सबसे पहले, वर्ष 1885 में फैजाबाद जिला अदालत पहुंचा. महंत रघुबर दास ने तब फैजाबाद के उप जज की अदालत में मुकदमा दर्ज कराया था.

किन जजों ने सुनाया अंतिम फैसला?
राम मंदिर का फैसला सुनाने वालों में पूर्व मुख्‍य न्‍यायधीश रंजन गोगोई, जस्टिस एस ए बोबडे, वर्तमान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, पूर्व न्यायाधीश अशोक भूषण, एस अब्दुल नजीर शामिल थे.

किसने तैयार की राम मंदिर की डिजाइन?
राम मंदिर की डिजाइन किसने तैयार की यह भी जानना जरूरी है. लिखित परीक्षा या इंटरव्‍यू में अक्‍सर ऐसे सवाल पूछे जाते हैं. तो आपको बता दें कि अहमदाबाद के अहमदाबाद के चंद्रकांत सोमपुरा और उनके बेटे आशीष सोमपुरा ने राम मंदिर की डिजाइन तैयार की है. इसके अलावा राम मंदिर की डिजाइन को आकार देने का काम इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (Larsen and Toubro) ने किया.

भगवान श्रीराम की मूर्ति का शिल्‍पकार कौन है?
अयोध्‍या के श्रीराम मंदिर में स्‍थापित होने वाली भगवान श्रीराम की मूर्ति के शिल्‍पकार अरुण योगीराज हैं. वह कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले हैं. बता दें कि उनकी कई पीढ़ियां मूर्तिकला से जुड़ी हुई हैं.

किस शैली में हुआ राम मंदिर का निर्माण
भारत में कई तरह की कलाकृतियां अलग-अलग शैलियों में बनाई गईं हैं. इसी तरह राम मंदिर का निर्माण भी नागर शैली में किया गया है. नागर शैली के मंदिरों की बनावट में ऊंचाई का मानक अलग होता है.

राम मंदिर में लगे हैं कौन से पत्‍थर?
राम मंदिर में राजस्थान के मकराना पत्‍थर का उपयोग किया गया है. बता दें कि ये पत्‍थर राजस्‍थान के मकराना से निकाले गए हैं. इसकी गिनती दुनिया के बेहतरीन मार्बल्‍स में की जाती है.

राम मंदिर के निर्माण में कितना खर्च?
राम मंदिर के निर्माण में अब तक 1100 करोड़ रुपए का खर्च बताया जा रहा है. कहा जा रहा है तकरीबन 300 करोड़ रुपए और खर्च होने हैं.

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