Ghutti For Newborn Baby: बच्चों के लिए अमृत है जन्म घुट्टी, जानें इस आयुर्वेदिक औषधि के लाभ

New Delhi:

Ghutti For Newborn Baby: ये तो सब जानते हैं कि नवजात शिशु का पाचनतंत्र धीरे-धीरे मजबूत होता है. यही वजह है कि उसे जन्म के बाद कई महीनों तक सिर्फ माता का दूध पीने की सलाह ही दी जाती है. इसके अलावा जन्म घुट्टी भी ऐसा पुराना नुस्खा है जो बच्चे के पाचनतंत्र को मजबूत करने में मदद करता है. बच्चों को जन्म घुट्टी देने की प्रथा सदियों से चली आ रही है. जन्म घुट्टी को आमतौर पर एक आयुर्वेदिक औषधि माना जाता है जो नवजात शिशुओं को कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है. जन्म घुट्टी या “क्रियाशील जन्म” बच्चे के पूर्विक विकास का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसकी आवश्यकता उसकी समृद्धि और स्वस्थ विकास के लिए होती है. जन्म घुट्टी एक आयुर्वेदिक औषधि है जो नवजात शिशुओं को दी जाती है. यह आमतौर पर जड़ी-बूटियों, खनिजों और अन्य प्राकृतिक पदार्थों से बनी होती है. 

 घुट्टी देने के कुछ मुख्य कारण:

पाचन क्रिया को बेहतर बनाने के लिए: जन्म घुट्टी में त्रिफला, सौंफ, अजवायन, और अन्य जड़ी-बूटियां शामिल होती हैं जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करती हैं.
पेट फूलना और गैस से राहत देने के लिए: जन्म घुट्टी पेट फूलना और गैस से राहत देने में मदद करती है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए: जन्म घुट्टी में मौजूद जड़ी-बूटियां रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करती हैं.
शिशु को शांत करने के लिए: जन्म घुट्टी शिशु को शांत करने और उसे अच्छी नींद देने में मदद करती है.

जन्म घुट्टी कैसे दी जाती है: इसे आमतौर पर शहद या पानी के साथ मिलाकर दिया जाता है. इसे बच्चे के जन्म के कुछ दिनों बाद से ही दिया जा सकता है. जन्म घुट्टी की मात्रा बच्चे की उम्र और स्वास्थ्य के आधार पर भिन्न हो सकती है. जन्म घुट्टी देने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है. हमेशा किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से खरीदें और सही मात्रा में ही दें. 

 घुट्टी के नुकसान :

  • कुछ बच्चों को जन्म घुट्टी से एलर्जी हो सकती है.
  • जन्म घुट्टी से बच्चे को दस्त या कब्ज हो सकता है.
  • जन्म घुट्टी से बच्चे को उल्टी या मतली हो सकती है.

अगर आपको जन्म घुट्टी के बारे में कोई प्रश्न या चिंता है, तो कृपया अपने डॉक्टर से बात करें. जन्म घुट्टी को आमतौर पर शहद या पानी के साथ मिलाकर दिया जाता है. इसे बच्चे के जन्म के कुछ दिनों बाद से ही दिया जा सकता है. जन्म घुट्टी की मात्रा बच्चे की उम्र और स्वास्थ्य के आधार पर अलग हो सकती है.

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