राजकुमार/महासमुंदः पूरे देश में गणेश उत्सव की धूम मची हुई है. वहीं छत्तीसगढ़ में भी बड़े ही धूमधाम से गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जा रहा है. प्रदेशभर के सभी पंडालों में भगवान गणेश विराजमान हो गए हैं. अब अगले 10 दिन तक भगवान गणेश की विधि-विधान के साथ पूजा की जाएगी. वहीं प्रभू गणेश को तरह-तरह के भगवान गणेश जी को भोग लगाए जा रहे हैं. लेकिन आपको बता दें कि दूर्वा यानी दूबी के बिना गणेश भगवान की अराधना अधूरी मानी जाती है.
महाराज जी बताते हैं कि कुबेर भगवान धन के घमंड में चूर हो गए थे, वो सोचने लगे कि किस देवता को भोजन कराया जाए, किसकी परीक्षा ली जाए. तो कुबेर जी भोजन का निमंत्रण लेकर भगवान महादेव के पास पहुंच गए. लेकिन शिव जी ने मना कर दिया और कहा कि आप मेरे पुत्र गणेश को ले जाइए. गणेश जी कुबेर जी के यहां भोजन करने गए और देखते ही देखते गणेश जी ने सारे भोजन ग्रहण कर लिए, कुबेर जी के यहां कोई सामाग्री नहीं बची.
कुबेर दी को गलती का एहसास
सारा का सारा भोजन भगवान गणेश ने ग्रहण कर लिया, जिससे घबरा कर कुबेर जी महादेव के पास गए और उनसे प्राथना की और कहा कि भगवन मैं धन के घमंड में चूर हो गया था. आपकी परीक्षा लेना चाह रहा था, मुझसे गलती हो गई प्रभु मुझें क्षमा करें. और कोई ऐसा उपाय बताएं जिससे गणेश जी की भूख शांत हो. कुबेर जी की बात सुनने के बाद महादेव ने कहां कि गणेश जी को साथ तुलसी के पत्र से खीर खिलाओ, कुबेर ने वैसा ही किया और गणेश जी खीर को ग्रहण किया.
इसलिए भगवान को प्रिय है दूर्वा
लेकिन, जैसे ही भगवान गणेश घर आए उनके पेट में दर्द होना शुरू हो गया. जिसके बाद भगवान शिव ने गणेश जी को दूर्वा का रस पिलाया, जिससे उनका पेट दर्द ठीक हो गया. तभी भगवान गणेश ने कहा की मेरी पूजा दूर्वा के बिना अधूरी रहेगी. तबसे भागवान गणेश को दूर्वा चढ़ाया जाता है
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FIRST PUBLISHED : September 20, 2023, 14:31 IST