G7 देशों के बयान में सीजफायर शब्द का इस्तेमाल नहीं: मानवता के लिए रुकने की अपील, US ने कहा- गाजा पर कब्जा न करे इजराइल

वॉशिंगटन/तेल अवीवएक घंटा पहले

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टोक्यो में मीटिंग के दौरान जी-7 देशों के विदेश मंत्री। - Dainik Bhaskar

टोक्यो में मीटिंग के दौरान जी-7 देशों के विदेश मंत्री।

इजराइल और हमास के बीच जारी जंग का आज 34वां दिन है। इस बीच, मंगलवार को जापान की राजधानी टोक्यो में G7 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के मुताबिक- मीटिंग के बाद जारी बयान में इन देशों ने सीजफायर शब्द से भी परहेज किया। इसकी जगह ‘मानवता के लिए कुछ वक्त रुकने’ जैसे शब्द का इस्तेमाल किया गया।

दूसरी तरफ, व्हाइट हाउस ने एक बार फिर इजराइल को गाजा पर कब्जे से बचने की सलाह दी है। इसके पहले प्रेसिडेंट जो बाइडेन और फॉरेन मिनिस्टर एंटनी ब्लिंकन यही बात कह चुके हैं।

G7 देश बोले- गाजा को मदद मिले

  • G7 देशों के फॉरेन मिनिस्टर्स की मीटिंग के बाद जारी बयान में कहा गया कि गाजा के लोगों की मदद के लिए रास्ते खोजने होंगे। इसके लिए जरूरी है कि कुछ वक्त के लिए जंग थमे। इसके लिए ‘ह्यूमैनेटेरियन पॉज’ शब्द का इस्तेमाल किया गया। इसमें गाजा में रह रहे लोगों की मदद पर जोर दिया गया है।
  • 7 अक्टूबर को हमास ने इजराइल पर हमला किया था। इसके बाद शुरू हुई जंग में दोनों ओर के करीब 10 हजार लोगों के मारे जाने का दावा मीडिया रिपोर्ट्स में किया जा रहा है। मीटिंग से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा- हमास को इस हाल में पहुंचाना होगा कि वो फिर 7 अक्टूबर जैसा हमला न कर पाए। हालांकि, हम चाहते हैं कि गाजा के लोगों को मदद मिले। इसके लिए कॉरिडोर बनाया जाए। इजराइल को सेल्फ डिफेंस का पूरा हक है।
अमेरिका ने कहा है कि गाजा के लोगों को मदद मिलनी चाहिए। इसके लिए कॉरिडोर बनाया जाए। इजराइल को सेल्फ डिफेंस का पूरा हक है।

अमेरिका ने कहा है कि गाजा के लोगों को मदद मिलनी चाहिए। इसके लिए कॉरिडोर बनाया जाए। इजराइल को सेल्फ डिफेंस का पूरा हक है।

अमेरिकी विदेश मंत्री बोले- गाजा और वेस्ट बैंक को एक करें, फिलिस्तीन अथॉरिटी शासन करे
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बुधवार को अहम बयान दिया। उन्होंने कहा- गाजा और वेस्ट बैंक को मिलाकर एक कर देना चाहिए और शासन की जिम्मेदारी फिलिस्तीन अथॉरिटी को दी जानी चाहिए।

हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि इसके लिए जरूरी है कि जंग को पहले खत्म किया जाए। ब्लिंकन ने नेतन्याहू के इस बयान पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि गाजा की सिक्योरिटी बेमियादी वक्त तक इजराइली सेना संभालेगी।

व्हाइट हाउस की इजराइल को सलाह
व्हाइट हाउस की तरफ से जारी एक बयान में इजराइल को गाजा पर कब्जे का इरादा त्यागने की सलाह दी गई है। हालांकि, ये सलाह पहली बार नहीं दी गई है। इसके पहले भी प्रेसिडेंट बाइडेन और फॉरेन मिनिस्टर ब्लिंकन यही बात कहते रहे हैं। बहरहाल, व्हाइट हाउस ने कहा- हमें नहीं लगता कि गाजा पर दोबारा कब्जा इजराइल का सही कदम होगा।

इस बयान के मायने इसलिए अहम हो जाते हैं, क्योंकि इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को दो बार कहा था कि गाजा की पूरी सिक्योरिटी इजराइल लंबे वक्त तक अपने पास रख सकता है। व्हाइट हाउस ने कहा- हम इस मुद्दे पर इजराइल से लगातार बातचीत कर रहे हैं।

अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि कम से कम 100 ट्रक राहत सामग्री रोज पहुंचाई जानी चाहिए। हालांकि, अमेरिका अब भी फ्यूल सप्लाई पर कुछ बोलने से बच रहा है।

अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि कम से कम 100 ट्रक राहत सामग्री रोज पहुंचाई जानी चाहिए। हालांकि, अमेरिका अब भी फ्यूल सप्लाई पर कुछ बोलने से बच रहा है।

गाजा में अब तक 520 ट्रक पहुंचे
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने इंटरनेशनल रेड क्रॉस के हवाले से बताया है कि गाजा में जंग छिड़ने के बाद अब तक 520 ट्रक राफा बॉर्डर से गाजा शहर तक पहुंचे हैं। इनमें आम लोगों के लिए राहत सामग्री थी। हालांकि, ये नहीं बताया कि इन ट्रकों में फ्यूल भेजा गया या नहीं।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा- गाजा के आम लोगों को मदद की सख्त जरूरत है। हमारे अनुमान के मुताबिक, वहां कम से कम 100 ट्रक राहत सामग्री रोज पहुंचाई जानी चाहिए। हालांकि, पटेल ने भी फ्यूल का जिक्र नहीं किया।

गाजा के लोगों को 4 घंटे राहत
बुधवार को उत्तरी गाजा के लोगों को दक्षिणी हिस्से में जाने के लिए 4 घंटे का वक्त दिया गया। इजराइली सेना ने इसका ऐलान दो घंटे पहले किया था, ताकि लोग निकलने की तैयारी कर सकें। इजराइली सेना ने एक बयान में कहा- गाजा के लोगों के लिए यह कदम जरूरी था। हम आम लोगों की सुरक्षा चाहते हैं। इसलिए चार घंटे का वक्त दिया गया है। अब तक तीन बार ये काम किया जा चुका है।

न्यूज एजेंसी एएफपी की बुधवार रात जारी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कतर इस वक्त इजराइल और हमास से बातचीत कर रहा है। कोशिश की जा रही है कि जंग एक या दो दिन बंद की जा सके और इस दौरान कम से कम 15 बंधक छुड़ाए जाएं।

रिपोर्ट के मुताबिक- कतर के अलावा अमेरिका भी इस बातचीत का हिस्सा है। हालांकि, मामले की गंभीरता को देखते हुए इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है। इस बीच, इजराइली सेना ने हमास के लिए हथियार बनाने वाले कमांडर मुहसिन अबू जिना को मार गिराया है।

तस्वीर में 'सन्स ऑफ अबू जंदल' के आतंकी दिख रहे हैं।

तस्वीर में ‘सन्स ऑफ अबू जंदल’ के आतंकी दिख रहे हैं।

इजराइली एम्बेसडर बोले- बंधकों की वापसी के लिए दिवाली पर जलाएं दीया
भारत में मौजूद इजराइली एम्बेसडर नाओर गिलोन ने बुधवार को कहा कि इस दिवाली भारतीय एक दीया उन इजराइलियों के लिए भी जलाएं जिन्हें हमास ने बंधक बना रखा है। गिलोन ने कहा- हर साल भारत में भगवान राम के लौटने वाले दिन दीये जलाए जाते हैं। इस साल दीया 240 इजराइली बंधकों के लिए भी जलाएं।

इजराइल में फिलिस्तीनी कामगारों की जगह लेंगे भारतीय
इजराइल फिलिस्तीनी कामगारों की जगह भारत के 1 लाख कर्मचारियों की नियुक्ति करने वाला है। वॉइस ऑफ अमेरिका की रिपोर्ट के मुताबिक, हमास के हमले के बाद इजराइल में काम करने वाले फिलिस्तीनियों को नौकरी से निकाल दिया गया। इसकी जगह इजराइल और भारत सरकार के बीच भारतीयों को नौकरी देने को लेकर चर्चा चल रही है।

गाजा के अल-शिफा अस्पताल में हजारों फिलिस्तीनियों ने पनाह ले रखी है।

गाजा के अल-शिफा अस्पताल में हजारों फिलिस्तीनियों ने पनाह ले रखी है।

इजराइली रक्षा मंत्री बोले- गाजा आतंक का गढ़
मंगलवार को इजराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा कि गाजा पट्टी इंसानों द्वारा बनाया गया आतंक का सबसे बड़ा अड्डा है। हम बंधकों को वापस लाने के लिए हर मिलिट्री और पॉलिटिकल एक्शन लेंगे।

दूसरी तरफ, इजराइली सेना ने दावा किया है कि वो गाजा शहर के केंद्र में पहुंच चुकी है। PM नेतन्याहू ने कहा- हम गाजा शहर में घुसते जा रहे हैं। हम हमास के उन ठिकानों पर भी पहुंच चुके हैं, जहां उसने उम्मीद भी नहीं की थी। हजारों हमास लड़ाकों को मारा जा चुका है। अगर हिजबुल्लाह इस जंग में घुसा तो ये उसकी सबसे बड़ी भूल होगी।

नेतन्याहू बोले- जंग के बाद इजराइल को गाजा से खतरा नहीं होगा
नेतन्याहू ने कहा- जब तक बंधक आजाद नहीं हो जाते, जंग में सीजफायर नहीं होगा। हम गाजा में फ्यूल भी नहीं पहुंचने देंगे। हम हमास और उसकी सत्ता को मिटा देंगे। इस जंग के बाद इजराइल को गाजा से कोई खतरा नहीं होगा।

वहीं मंगलवार रात लेबनान से इजराइल पर एक के बाद एक 20 रॉकेट से हमला किया गया। ज्यादातर रॉकेट को आयरन डोम ने इंटरसेप्ट कर लिया। हमले के बाद इजराइली सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए हिजबुल्लाह के हथियार डिपो, रॉकेट लॉन्चिंग पैड, एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल सेल सहित कई ठिकानों पर हमले किए।

तस्वीर गाजा शहर में मौजूद इजराइली टैंकों की है।

तस्वीर गाजा शहर में मौजूद इजराइली टैंकों की है।

रक्तदान मेरा सौभाग्य
जंग के बीच इजराइल के पश्चिमी सहयोगी उसके साथ खड़े नजर आ रहे हैं। जर्मनी के एयरफोर्स चीफ कमांडर जनरल इन्गो मंगलवार दोपहर तेल अवीव के शेबा मेडिकल सेंटर पहुंचे। यह इजराइल का सबसे बड़ा सिविल हॉस्पिटल है। यहां उन्होंने ब्लड डोनेट किया और इसके बाद मीडिया को बयान दिया।

इन्गो ने कहा- मैंने इजराइली सेना के साथ बहुत वक्त बिताया है। आज आप हमास के साथ जंग लड़ रहे हैं। ये मेरा खुशकिस्मती है कि मैं यहां आपके साथ एकजुटता दिखाने के लिए आ पाया हूं और ब्लड डोनेट भी कर सका हूं। हो सकता है आपको इसकी जरूरत हो। बाद में शेबा हॉस्पिटल ने एक बयान जारी किया। कहा- जनरल इन्गो का यहां आना और ब्लड डोनेट करना काफी अहम है। उनकी यह विजिट उम्मीद, एकता और भरोसे का संदेश देती है।

मंगलवार को तेल अवीव के शेबा हॉस्पिटल में ब्लड डोनेट करते जर्मनी के एयरफोर्स चीफ।

मंगलवार को तेल अवीव के शेबा हॉस्पिटल में ब्लड डोनेट करते जर्मनी के एयरफोर्स चीफ।

संसद में बंधकों की तस्वीरें लगाएं
इजराइल में विपक्ष के नेता येर लैपिड ने मंगलवार को संसद के स्पीकर आमिर ओहाना को पत्र लिखा। कहा- हमास ने जिन इजराइलियों और दूसरे देशों के नागरिकों को बंधक बनाया है, उनकी तस्वीरें स्थायी रूप से संसद में लगाई जानी चाहिए।

लैपिड आगे लिखते हैं- मैंने उन परिवारों से मुलाकात की है, जिनके परिजन हमास की कैद में हैं। परिवार कितने दर्द में हैं, इसको महसूस किया जाना चाहिए। सबसे पहले तो सरकार को इन बंधकों की रिहाई के लिए हर मुमकिन कोशिश करनी होगी। जब तक बंधक घर वापस नहीं आते, तब तक हम इनके परिवारों से आंख भी नहीं मिला सकेंगे।

यह पोस्टर तेल अवीव की एक सड़क पर लगा है। इसमें सरकार से मांग की गई है कि वो हमास के कब्जे में मौजूद लोगों को जल्द छुड़ाए।

यह पोस्टर तेल अवीव की एक सड़क पर लगा है। इसमें सरकार से मांग की गई है कि वो हमास के कब्जे में मौजूद लोगों को जल्द छुड़ाए।

इजराइली फौज ने रणनीति बदली
इजराइली फौज ने गाजा में ग्राउंड ऑपरेशन कर रही फौज की स्ट्रैटेजी में कुछ बदलाव किया है। ‘यरूशलम पोस्ट’ के मुताबिक- IDF अब ज्यादातर उन घनी बस्तियों पर फोकस कर रही है, जहां हमास ने सीक्रेट टनल नेटवर्क बना रखा है या उनके रॉकेट लॉन्च पैड्स हैं।

IDF ने खुद एक बयान जारी कर सिविलियन एरियाज में ऑपरेशन की पुष्टि की है। दूसरी तरफ, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि बड़ी इमारतों में मौजूद हमास की टनल एंट्री गेट को इजराइल के स्पेशल डिटेक्शन डिवाइस से खोजा जा रहा है। इसमें अब तक जबरदस्त कामयाबी मिली है।

इजराइली फौज गाजा को दो हिस्सों में बांटकर ऑपरेशन चला रही है।

इजराइली फौज गाजा को दो हिस्सों में बांटकर ऑपरेशन चला रही है।

एक महीने बाद हमास के हमले की जांच शुरू
7 अक्टूबर को हमास के हमले इस जंग की वजह बने थे। अब बेंजामिन नेतन्याहू सरकार, इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) और इंटेलिजेंस एजेंसियां (मोसाद, मिलिट्री इंटेलिजेंस और लोकल नेटवर्क) जांच करने जा रही हैं कि आखिर 7 अक्टूबर को हमास इतने बड़े हमले करने में कामयाब कैसे हुआ।

इस बीच, इजराइल के अखबार ‘यरुशलम पोस्ट’ ने जांच के पॉइंट्स पर रिपोर्ट पब्लिश की है। इसके मुताबिक- हमले की पहली और सबसे बड़ी वजह सेना का यह मुगालता था कि हमास के पास बड़े हमलों की ताकत ही नहीं है। यानी वो ओवर कॉन्फिडेंस की शिकार रही।

यह तस्वीर यरुशलम पोस्ट ने जारी की है। इसमें इजराइली सेना के अफसर वॉर स्ट्रैटेजी रूम में अगले एक्शन के बारे में बातचीत कर रहे हैं।

यह तस्वीर यरुशलम पोस्ट ने जारी की है। इसमें इजराइली सेना के अफसर वॉर स्ट्रैटेजी रूम में अगले एक्शन के बारे में बातचीत कर रहे हैं।

जांच के लिए कमीशन बनेगा
रिपोर्ट के मुताबिक- जांच में कुछ वक्त या कहें कुछ महीने लग सकते हैं। इसके लिए एक इन्क्वॉयरी कमीशन बनने जा रहा है। इसके सामने जांच के लिए जो पॉइंट्स रखे जाएंगे, उनकी कुछ जानकारी सामने आ रही है। कुछ बातों को तो फौज और इंटेलिजेंस एजेंसियां पहले ही मान चुकी हैं और कुछ पॉइंट्स ऐसे हैं, जिनका अभी तक किसी प्लेटफॉर्म पर जिक्र नहीं हुआ।

दरअसल, इजराइली सेना को ये लगता था कि गाजा में हमास कमजोर हो रहा है और वो किसी बड़े टकराव से बचेगा। उसका इस्लामिक जिहाद से भी विवाद चल रहा था। मई 2021 में भी इजराइल फौज ने गाजा में हमले किए थे। उसका ख्याल था कि उसने हमास के टनल नेटवर्क को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है, हालांकि ये उसकी गलतफहमी साबित हुई, क्योंकि टनल नेटवर्क को उस वक्त कोई खास नुकसान नहीं हुआ था।

इजराइल-हमास जंग तस्वीरों में…

गाजा के खान यूनिस में घायल बच्चे का इलाज करते डॉक्टर।

गाजा के खान यूनिस में घायल बच्चे का इलाज करते डॉक्टर।

गाजा शहर में इजराइली हमलों के बीच मलबा हटाकर घायलों को रेस्क्यू किया गया।

गाजा शहर में इजराइली हमलों के बीच मलबा हटाकर घायलों को रेस्क्यू किया गया।

मलबे के बीच फिलिस्तीनी अपनी जरूरत का सामान ढूंढते नजर आए।

मलबे के बीच फिलिस्तीनी अपनी जरूरत का सामान ढूंढते नजर आए।

अल-शिफा अस्पताल में घायल बच्चों का इलाज किया गया।

अल-शिफा अस्पताल में घायल बच्चों का इलाज किया गया।

अल-मगाजी की इमारत में मलबे के बीच लोगों को बचाने के लिए आवाजें सुनता युवक।

अल-मगाजी की इमारत में मलबे के बीच लोगों को बचाने के लिए आवाजें सुनता युवक।

गाजा में हर घंटे मारे जा रहे 15 लोग
अलजजीरा के मुताबिक, गाजा में हो रही इजराइली बमबारी से हर घंटे 15 लोगों की मौत हो रही है। 35 लोग घायल हो रहे हैं और 12 इमारतें तबाह हो रही हैं। इस बीच हिजबुल्लाह ने इजराइली आर्मी की 6 पोस्ट पर हमला किया है। इजराइली सेना ने भी जवाबी कार्रवाई की है।

लेबनान का आतंकी संगठन हिजबुल्लाह 8 अक्टूबर से ही इजराइल पर हमले कर रहा है। इधर, 7 अक्टूबर से अब तक जंग में फ्रांस के 39 नागरिक मार गए हैं। 9 अन्य लापता हैं। हमास ने हमले के दौरान करीब 250 लोगों को बंधक बनाया, इनमें कई विदेशी नागरिक भी हैं।

‘अल-अक्सा फ्लड’ के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’
हमास ने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया है। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।

वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।

इजराइल और फिलिस्तीन के बीच क्यों है विवाद?
मिडिल ईस्ट के इस इलाके में यह संघर्ष कम से कम 100 साल से चला आ रहा है। यहां वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स जैसे इलाकों पर विवाद है। फिलिस्तीन इन इलाकों समेत पूर्वी यरुशलम पर दावा जताता है। वहीं, इजराइल यरुशलम से अपना दावा छोड़ने को राजी नहीं है।

गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच में है। यहां फिलहाल हमास का कब्जा है। ये इजराइल विरोधी समूह है। सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली थी। 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए। फिलिस्तीन का कहना है कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो।

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