G20 Summit में Global South, ग्लोबल बायोफ्यूल्स एलायंस जैसी उपलब्धियों पर डालें एक नजर, एक्सपर्ट Brigadier DS Tripathi से जानें

इस बार भारत की अध्यक्षता में हुए जी20 शिखर सम्मेलन में नेट, पीपुल, पीस एंड प्रोसपैरिटी जैसे चार अहम मुद्दों पर सहमति बनी है। इसके जरिए कई बड़े मुद्दों पर सभी सदस्य सहमत हुए है। अब विश्व को सशक्त, सतत, संतुलित और समावेशी विकास करना है। विकास करने के लिए जरुरी है कि लक्ष्य की प्राप्ति की ओर बढ़ा जाए।

भारत के नेतृत्व में नई दिल्ली में हो रहे जी-20 शिखर सम्मेलन का पहला ही दिन ऐतिहासिक रहा है। भारत में दिल्ली में घोषणा पत्र पर सर्व सम्मति बनाई है और इतिहास रच दिया है। दिल्ली में जारी किए गए इस घोषणा पत्र को जारी करने में सभी सदस्यों को खुशी हुई है। इस घोषणा पत्र की खासियत रही कि इस सम्मेलन में सभी बिंदुओं पर पूर्ण सहमति मिली है।

इस जी20 शिखर सम्मेलन में 20 सदस्य देशों, नौ मेहमान देशों और 14 संस्थानों ने हिस्सा लिया है। इस सम्मेलन की शुरुआत में माना जा रहा था कि कई तरह के मतभेदों का सामना किया जाएगा। दरअसल बीते वर्ष बाली में हुए शिखर सम्मेलन में रूस और यूक्रेन में कई तरह के मतभेद सामने आए है। यूरोपीय देसों के अलावा कई देशों ने शुरुआत में आशंका व्यक्त की थी कि भारत जी20 शिखर सम्मेलन में साझा बयान शेयर नहीं कर सकेगा। हालांकि सभी आशंकाओं को दरकिनार करते हुए भारत ने साझा बयान जारी किया है जो देश के लिए बड़ी उपलब्धि है। इस घोषणा पत्र में जिक्र किए मुद्दों पर सहमति बनी हैं जिनपर प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे ने बात की है एक्सपर्ट Brigadier DS Tripathi से।

दरअसल इस बार भारत की अध्यक्षता में हुए जी20 शिखर सम्मेलन में नेट, पीपुल, पीस एंड प्रोसपैरिटी जैसे चार अहम मुद्दों पर सहमति बनी है। इसके जरिए कई बड़े मुद्दों पर सभी सदस्य सहमत हुए है। अब विश्व को सशक्त, सतत, संतुलित और समावेशी विकास करना है। विकास करने के लिए जरुरी है कि लक्ष्य की प्राप्ति की ओर बढ़ा जाए।

इस सम्मेलन में भारत ने दुनिया को सहमत किया कि हरित विकास समझौते और बहुपक्षीय संस्थानों का गठन किया जाए। इस सम्मेलन में भारत ने स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए शनिवार को नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन शुरू करने की घोषणा की। पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज और इटली के प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी की उपस्थिति में ‘ग्लोबल बायोफ्यूल्स एलायंस’ का शुभारंभ किया।

एक्सपर्ट Brigadier DS Tripathi ने खुशी जताते हुए बताया कि भारत ने जी20 की अध्यक्षता की और इसका बेहद सफल आयोजन किया है। समिट में कई बड़ी सफलताएं भारत को मिली है। भारत की अध्यक्षता में अफ्रिकन यूनियन को जी21 का सदस्य बनाया गया है, जो 21वां सदस्य बन गया है। इसके बाद सभी सदस्यों ने घोषणा पत्र को सर्वसम्मति के साथ स्वीकारा है, जिससे दुनिया भर में हो रही आलोचनाओं को विराम लगा है।

भारत, मिडिल इस्ट और यूरोप के बीच कॉरिडोर का समझौता हुआ है। एक महत्वपूर्ण विकास में, भारत-मध्य-पूर्व यूरोप कनेक्टिविटी कॉरिडोर विकसित करने के लिए एक समझ शुरू की गई है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के साथ एक ब्रीफिंग के दौरान विकास की पुष्टि की है। यह भारत, यूएई, सऊदी अरब, यूरोपीय संघ, फ्रांस, इटली, जर्मनी और संयुक्त राज्य अमेरिका को शामिल करते हुए कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे पर सहयोग पर एक ऐतिहासिक और अपनी तरह की पहली पहल होगी। इससे चीन की टेंशन बढ़ सकती है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम सबने एक महत्त्वपूर्ण और ऐतिहासिक समझौता संपन्न होते हुए देखा है। आने वाले समय में ये भारत-पश्चिम एशिया और यूरोप के बीच आर्थिक एकीकरण का प्रभावी माध्यम होगा। ये पूरे विश्व में कनेक्टिविटी और विकास को टिकाऊ दिशा प्रदान करेगा। ये कॉरिडोर आर्थिक, अर्थव्यवस्था को लाभ देगा। ये यूरोपीयन और एशियन बाजारों को एक साथ लेकर आएगा। कच्चे माल से लेकर क्रूड ऑयल तक पहुंच आसान हो जाएगी। बता दें कि इस रास्ते के बनने से जो सामान पहुंचने में महीनों का समय लगता है वो घटकर अधिकतम एक सप्ताह का हो जाएगा। इसमें रेल नेटवर्क, शिपिंग और सड़क नेटवर्क तीनों का उपयोग होगा। इस पूरे बयान में भारत की छाप देखने को मिल रही है। इस सम्मेलन में डिजिटल इंटरफेस, मल्टीलेटरल संस्थानों पर अहम फैसले हुए है। आगामी 10 वर्षों में 200 बिलियन डॉलर की उधार देने की क्षमता का विकास किया जाएगा। टास्कफोर्स की पहली रिपोर्ट आ चुकी है।

 

 इस सम्मेलन में जी20 नई दिल्ली नेताओं की घोषणा में, “यूक्रेन में व्यापक, न्यायपूर्ण और स्थायी शांति” की स्थापना का आह्वान किया गया है। इसके अलावा, सदस्य देशों से यह भी आग्रह किया गया है कि वे “क्षेत्रीय अधिग्रहण के लिए बल प्रयोग की धमकी से बचें” या ऐसे किसी भी कार्य से बचें जो किसी भी राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर कर सकता हो। घोषणा में इस बात पर भी जोर दिया गया कि परमाणु हथियारों का उपयोग या उपयोग की धमकी को ‘अस्वीकार्य’ माना जाएगा। युद्ध को समाप्त करने की बात होनी चाहिए।

सम्मेलन में जेंडर इक्वालिटी, क्लाइमेट चेंज, शिक्षा, स्वास्थ्य, वुमेन इंपारवमेंट, डीपीआई, साइबर सिक्योरिटी, एआई आदि पर पूरा फोकस किया गया है। सम्मेलन में महिलाओं के विकास को ध्यान में रखते हुए महिला सशक्तिकरण के लिए नया वर्किंग ग्रुप बनाया गया है। इस दौरान सभी देशों के बीच आतंकवाद पर बी चर्चा हुई है। आतंकवाद को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों का जिक्र किया गया है। इसके लिए मनी लॉन्ड्रिंग को महत्वपूर्ण कारक बताया गया है, जिसपर रोक लगाने के लिए उपाय करने पर चर्चा हुई है।

इस दौरान ग्लोबल साउथ का भी जिक्र हुआ है। जिस तरह से भारत में अफ्रिकन यूनियन को जी20 में शामिल करवाया उससे भारत की भूमिका साफ हो गई है। भारत गरीब देशों का नेता बनकर उभरेगा। गौरतलब है कि जी20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन से पहले लगभग 200 बैठकों का आयोजन हुआ था। जी20 के सफल आयोजन से साफ है कि विश्व पटल पर भारत का उदय हो चुका है। भारत के नेतृत्व में विकास करने के लिए विश्व के कई देश बेताब है। खासतौर से सबका साथ सबका विकास की सोच को पूरी दुनिया के सामने रखने के बाद दुनिया भारत की ओर आशाभरी नजरों से देख रही है। 

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *