हाइलाइट्स
G20 में शनिवार को वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन की शुरुआत की घोषणा की गई.
भारत धीरे-धीरे जैव ईंधन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए क्षमता का निर्माण कर रहा है.
G20 में स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने नई दिल्ली में दो दिवसीय शिखर सम्मेलन (G20 Summit) के पहले दिन शनिवार को घोषणा की कि जी20 ने समूह के सामने आने वाले मुद्दों पर एक आम सहमति घोषणा को अपनाया है. पीएम मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी में जी20 नेताओं से कहा कि ‘सभी टीमों की कड़ी मेहनत के दम पर, हमें G20 लीडर्स समिट घोषणा पर आम सहमति मिली है. मैं इस घोषणा को अपनाने की घोषणा करता हूं.’ इस घोषणा के साथ ही भारत ने जी20 शिखर सम्मेलन में स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक जैव ईंधन (Clean Energy) गठबंधन की शुरूआत की.
जलवायु परिवर्तन पर नेताओं की घोषणा में जी20 के सदस्य देशों से साल 2024 में जलवायु वित्त का एक महत्वाकांक्षी, पारदर्शी और ट्रैक करने योग्य नया सामूहिक परिमाणित लक्ष्य (NCQG) निर्धारित करने का आह्वान किया गया. UNFCCC के उद्देश्य को पूरा करने और पेरिस समझौते के कार्यान्वयन में विकासशील देशों की जरूरतों और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए, प्रति वर्ष 100 अरब डॉलर खर्च करने की बात कही गई.
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घोषणा में कहा गया है कि ‘ग्लासगो जलवायु संधि के पैरा 18 को याद करते हुए, हम विकसित देशों से वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने के संदर्भ में, साल 2019 के स्तर से साल 2025 तक अनुकूलन वित्त के अपने सामूहिक प्रावधान को कम से कम दोगुना करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने का आग्रह करते हैं.’
G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की जलवायु परिवर्तन से संबंधित शीर्ष घोषणाओं पर एक नजर:
- राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुरूप, बेरोकटोक कोयला बिजली को चरणबद्ध तरीके से बंद करने के प्रयासों में तेजी लाने की आवश्यकता है.
- विकासशील देशों को कम कार्बन/उत्सर्जन में परिवर्तन का समर्थन करने के लिए वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करने की दिशा में काम करेंगे.
- 2030 तक राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुरूप, मौजूदा लक्ष्यों और नीतियों के माध्यम से वैश्विक स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करने के प्रयासों को आगे बढ़ाएंगे और प्रोत्साहित करेंगे.
- स्थायी वित्त को बढ़ाने के लिए कार्रवाई करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएंगे.
- पेरिस समझौते के जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए बढ़े हुए वैश्विक निवेश की आवश्यकता को पहचानेंगे.
- 2030 से पहले की अवधि में विकासशील देशों के लिए 5.8 से 5.9 ट्रिलियन डॉलर की आवश्यकता पर ध्यान देंगे, विशेष रूप से उनके उत्सर्जन लक्ष्यों को लागू करने की जरूरतों के लिए.
स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग पर जोर
भारत ने जी20 शिखर सम्मेलन में स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक जैव ईंधन (Clean Energy) गठबंधन शुरू करने की घोषणा करते हुए स्वच्छ ऊर्जा पर जोर दिया है. संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्राजील के संस्थापक सदस्यों के साथ गठबंधन, पौधों और जानवरों के अपशिष्ट सहित स्रोतों से प्राप्त जैव ईंधन में व्यापार की सुविधा प्रदान करके शुद्ध शून्य उत्सर्जन लक्ष्य को पूरा करने के वैश्विक प्रयासों में तेजी लाने में मदद करेगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने शिखर सम्मेलन में 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के समूह के नेताओं को अपनी टिप्पणी में कहा ‘हम वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन शुरू कर रहे हैं. भारत आप सभी को इस पहल में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता है.’ जैव ईंधन गठबंधन पर जोर सभी की पहुंच के भीतर स्वच्छ और सस्ती सौर ऊर्जा लाने के लिए साल 2015 में नई दिल्ली और पेरिस द्वारा शुरू किए गए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को प्रतिबिंबित करता है.
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने जुलाई की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि साल 2050 तक दुनिया की ऊर्जा प्रणाली को शुद्ध शून्य उत्सर्जन की दिशा में लाने के लिए वैश्विक टिकाऊ जैव ईंधन उत्पादन को 2030 तक तीन गुना करने की आवश्यकता होगी. मालूम हो कि भारत, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और उपभोक्ता है, अपनी कच्चे तेल की जरूरतों का लगभग 85% आयात करता है और धीरे-धीरे जैव ईंधन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए क्षमता का निर्माण कर रहा है.
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FIRST PUBLISHED : September 10, 2023, 08:58 IST