G20 Summit का काउंटडाउन शुरू, जानें कौन से विदेशी नेता आ रहे और कहां हुआ है ठहरने का इंतजाम

इस सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जापान के पीएम फिमियो किशिदो, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीज, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति हिस्सा लेंगे।

भारत की राजधानी दिल्ली में आयोजित होने जा रहे जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी है। अब सिर्फ आयोजन की मेजबानी को सफलता से आयोजित करने की बारी है। नई दिल्ली जी20 शिखर सम्मेलन में आ रहे नेताओं की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। 

जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन दिल्ली के प्रगति मैदान के नवनिर्मित अत्याधुनिक भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर में होना है। इस सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जापान के पीएम फिमियो किशिदो, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीज, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कुल 20 देशों के नेता अपनी टीमों के साथ दिल्ली आने वाले है।

शुक्रवार से तीन दिनों के लिए दिल्ली में होने वाले शिखर सम्मेलन में सभी नेता मिलकर अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, बुनियादी ढांचे, सतत विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे। सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए दिल्ली पूरी तरह से तैयार है। सुरक्षा से लेकर ट्रैफिक संभालने की पूरी व्यवस्था कर ली गई है। आपात स्थिति से निपटने के लिए भी सारी तैयारी की गई है। दिल्ली की सड़कों को भी पेंटिंग, मूर्तियों, फव्वारों और पोधों से सजाया गया है।

 

ये देश हैं शामिल

जी20 शिखर सम्मेलन में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूके और यूएस शामिल है। उनके अलावा यूरोपीय यूनियन के भी 27 सदस्य देश इसमें शामिल है। जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत की ओर से कई देशों को न्यौता भेजा गया है जिसमें नीदरलैंड, सिंगापुर, स्पेन, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस और नाइजीरिया शामिल है। इसके लिए यूक्रेन को न्यौता नहीं मिला है।

 

ये नेता करेंगे शिरकत

इस बार जी20 शिखर सम्मेलन में कई नेता शामिल होने जा रहे है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो, ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक, जापान के पीएम फिमियो किशिदो, ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथोनी अल्बनीज, द कोरिया के राष्ट्रपति, जर्मन चांसलर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी जी-20 समिट में शामिल होंगे। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने वाले सबसे पहले नेता होंगे। भारत आने के बाद वो पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। वहीं ब्रिटेन का पीएम बनने के बाद पहली बार ऋषि सुनक भारत आएंगे। इनके अलावा दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति सम्मेलन में हिस्सा लेने भारत आएंगे। ब्राजील, बांग्लादेश, इटली के राष्ट्राध्यक्ष भी दिल्ली पहुचेंगे। बता दें कि नाइजीरिया के राष्ट्रपति पहले ही भारत पहुंच चुके है।

 

ये नेता रहेंगे नदारद

इस बार जी20 शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग हिस्सा नहीं लेंगे जबकि उनकी जगह सम्मेलन में चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग हिस्सा लेंगे। वर्ष 2008 के बाद ये पहला मौका है जब चीन के राष्ट्रपति जी20 शिखर सम्मेलन का हिस्सा नहीं होंगे। वर्ष 2020 और 2021 में शी जिनपिंग ने कोरोना वायरस महामारी के कारण वर्चुअल तौर पर सम्मेलन में शिरकत की थी। उनके अलावा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी भारत नहीं आ रहे हैं जबकि उनकी जगह विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

यहां ठहरेंगे नेता

– अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन –  आईटीसी मौर्या, दिल्ली

– ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक-   होटल शांगरी ला, दिल्ली

– कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो-  द ललित होटल, दिल्ली

– फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों – क्लैरिजेस होटल दिल्ली

– फिमियो किशिदो- द ललित होटल, दिल्ली

– एंथोनी अल्बनीज- इंपीरियल, दिल्ली

– द कोरिया के राष्ट्रपति  यून सुक योल- ओबेरॉय होटल गुरुग्राम

– तुर्की के राष्ट्रपति रसीप तैयप एर्दोआन- ओबेरॉय होटल

– चीनी पीएम ली कियांग-  ताज पैलेस होटल

– ब्राजील प्रतिनिधिमंडल- ताज पैलेस होटल

– इंडोनेशिया- इंपीरियल होटल, दिल्ली

– ओमान- लोधी होटल 

– बांग्लादेश- ग्रांड हयात होटल गुरुग्राम

– इटली- हयात रिजेंसी

– सऊदी अरब प्रतिनिधिमंडल- लीला होटल गुरुग्राम

ये है सम्मेलन का एजेंडा

इस बार इस सम्मलेन का एडेंजा आर्थिक, जलवायु परिवर्तन और शिक्षा रहने वाला है। सम्मेलन में इन ही मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। सम्मेलन में यूक्रेन-रूस युद्ध, कोरोना महामारी के प्रभाव पर चर्चा होगी। भारत जलवायु परिवर्तन और खाद्य सुरक्षा पर जोर देगा।

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