G20: चप्पे चप्पे पर पुलिस जवान तैनात, दिल्ली का बड़ा इलाका छावनी में बदला, सुरक्षा इंतजामों में 1.30 लाख जवान तैनात

G20: चप्पे चप्पे पर पुलिस जवान तैनात, दिल्ली का बड़ा इलाका छावनी में बदला, सुरक्षा इंतजामों में 1.30 लाख जवान तैनात

नई दिल्ली:

दुनिया के बीस सबसे ताक़तवर देशों के समूह जी 20 के शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली पूरी तरह तैयार हो चुकी है. जी 20 सम्मेलन 9 और 10 सितंबर को होगा जिसके लिए दुनिया के 40 से भी ज़्यादा बड़े नेता दिल्ली में होंगे. इनमें कई देशों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री शामिल होंगे. विदेशों से आने वाले मेहमानों और नेताओं की सुरक्षा के लिए दिल्ली के एक बड़े इलाके को छावनी में बदल दिया गया है. ड्रोन और हैलिकॉप्टरों से कई जगहों की हवाई निगरानी की जा रही है.

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एक लाख 30 हज़ार जवानों को कई स्तर की सुरक्षा में तैनात किया गया है. कई देशों के प्रतिनिधिमंडल आने शुरू हो चुके हैं जिन्हें दिल्ली के अलग अलग पांच सितारा होटलों मे ठहराया जा रहा है. दिल्ली की सड़कों को नए सिरे से चमका दिया गया है. सड़कों के किनारों पर हज़ारों गुलदस्ते लगाए गए हैं.

रोशनी में नहाई कुतुब मीनार

दिल्ली में ऐतिहासिक स्मारकों को भी जी 20 सम्मेलन के लिए ख़ास तौर पर सजाया गया है. हर अहम स्मारक इस वक्त रोशनी में नहाया हुआ है.  लेकिन सबसे अलग लग रही है कुतुब मीनार की रोशनी में नहाई कुतुब मीनार की चमक दूर से ही महसूस की जा सकती है. इसे कई तरह की रंगीन लाइटों से सजाया गया है. कुतुब मीनार पर रोशनी से बनाई गई कई तरह की आकृतियां इसे एक अलग ही रूप दे रही हैं. 

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दुनिया के कई बड़े नेता पहुंच रहे हैं दिल्ली

जो बड़े नेता भारत आ रहे हैं उनमें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रों, जर्मनी के चांसलर ओलफ़ शोल्ज़, ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुला डि सिल्वा, जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़, सऊदी अरब के सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रामाफ़ोसा शामिल हैं. चीन की ओर से वहां के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की जगह वहां के प्रधानमंत्री ली छियांग, रूस की ओर से वहां के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जगह वहां के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव जी 20 की बैठक में हिस्सा लेंगे. दिल्ली में इतने बड़े नेता इससे पहले एक साथ कभी नहीं जुटे थे. यही वजह है कि इस बार जो इंतज़ाम हैं वो भी अभूतपूर्व हैं.

वायुसेना भी अलर्ट

सम्मेलन के दौरान हवाई सुरक्षा को लेकर वायुसेना भी मुस्तैद है. आसमान से किसी ख़तरे से निपटने के लिए ऑपरेशन डायरेक्शन सेंटर बनाया गया है… इसके तहत रफ़ाल लड़ाकू विमान से लेकर सुखोई लड़ाकू  विमानों को भी तैयार रखा गया है.

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