G-20 में एक आंख पर पट्टी बांधकर क्यों आए जर्मन चांसलर ओलाफ? हो गया खुलासा

G20 in India german Chancellor Olaf Scholz Wears Eye Patch: जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज दिल्ली में चल रहे जी-20 में शामिल होने के लिए शनिवार को आए। उन्होंने अपनी दाहिनी आंख पर काली पट्टी बांध रखी है। इसके पीछे की वजहों पर चर्चा शुरू हो गई। इसका जवाब उनके एक ट्वीट में मिला। दरअसल, पिछले शनिवार को जॉगिंग के दौरान 65 साल के ओलाफ को चोट लग गई थी। उन्हें चोट को छिपाने के लिए आंखों पर पट्टी बांधनी पड़ी है। उनकी प्रवक्ता स्टीफन हेबेस्ट्रेट ने बताया कि ओलाफ को मामूली चोट है। उन्हें अगले कुछ दिनों तक पट्टी बांधनी होगी।

आंखों पर आई खरोंच

स्टीफन ने बताया कि स्कोल्ज ओलाफ कई वर्षों से नियमित धावक रहे हैं, अभी भी अच्छा महसूस कर रहे हैं और अच्छी स्थिति में हैं। इससे पहले जर्मन चांसलर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक तस्वीर भी पोस्ट की थी, जिसमें वह अपनी दाहिनी आंख पर पट्टी बांधे नजर आए। उनकी आंखों पर खरोंच के निशान दिखाई दे रहे हैं। पोस्ट में स्कोल्ज़ ने शुभकामनाओं के लिए आभार व्यक्त किया और मजाकिया अंदाज में कहा कि शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद। यह जैसा है उससे भी बदतर दिखता है! मीम्स देखने के लिए उत्साहित हूं।

यूजर्स ने कई मीम्स भी बनाए थे, जिसमें समुद्री लुटेरों को अपनी आंखों पर काली पट्टी बांधे दिखाया था।

दिल्ली में 20 देशों के नेताओं का जमावड़ा

दिल्ली में 20 देशों के टॉप लीडर्स का जमावड़ा है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम स्थल पर जी-20 नेताओं की मेजबानी की, जिसमें कोणार्क व्हील की प्रतिकृति की पृष्ठभूमि दिखाई गई, जो मूल रूप से ओडिशा के पुरी में सूर्य मंदिर की है।

प्रधान मंत्री मोदी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल जैसी प्रमुख हस्तियों के साथ वैश्विक नेताओं की दो दिवसीय सभा के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय समकक्षों का स्वागत किया।

शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधान मंत्री मोदी ने अपने कई अंतरराष्ट्रीय समकक्षों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो, ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री एंथनी अल्बानीज़ और बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना उन गणमान्य व्यक्तियों में शामिल थे जिनका सौहार्दपूर्ण स्वागत किया गया।

वसुधैव कुटुम्बकम जी-20 का विषय

भारत द्वारा आयोजित इस वर्ष के G20 शिखर सम्मेलन का विषय ‘वसुधैव कुटुंबकम’ है, जो ‘एक पृथ्वी · एक परिवार · एक भविष्य’ है। शिखर सम्मेलन के एजेंडे में इन विषयों पर केंद्रित सत्र शामिल थे, जिसमें विभिन्न वैश्विक चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा हुई।

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