Final Flight of MiG-21: जिससे अभिनंदन ने मार गिराया था पाक का F-16, उस MIG-21 विमान का IAF से हो गया रिटायरमेंट

MIG-21

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भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने पुराने मिग-21 लड़ाकू विमानों के अपने तीन शेष स्क्वाड्रनों में से एक को सेवानिवृत्त कर दिया है, जिसे धीरे-धीरे स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) एमके-1ए विमान से बदल दिया जाएगा।

आज से तीन साल पहले फरवरी के महीने में बालाकोट स्ट्राइक का बदला लेने भारत के वायुसीमा में घुसे पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को हमारे वायुयोद्धाओं ने खदेड़ दिया। इसी दौरान विंग कमांडर अभिनंदन ने पुरानी तकनीक वाले मिग 21 से पाकिस्तान के एफ-16 को मार गिराया। भारत के पास कई लड़ाकू विमान हैं लेकिन ज्यादातर अवसरों पर मिग-21 का इस्तेमाल होता रहा है। भारत का सबसे पुराना फाइटर जेट मिग 21 को माना जाता है। इसका इस्तेमाल दुश्मन को सीमा पर रोकने के लिए होता था। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने पुराने मिग-21 लड़ाकू विमानों के अपने तीन शेष स्क्वाड्रनों में से एक को सेवानिवृत्त कर दिया है, जिसे धीरे-धीरे स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) एमके-1ए विमान से बदल दिया जाएगा। चरणबद्ध तरीके से हटाए जाने वाले नवीनतम मिग-21 बाइसन राजस्थान के उत्तरलाई स्थित नंबर 4 स्क्वाड्रन के हैं। आईएएफ द्वारा श्रीनगर स्थित नंबर 51 स्क्वाड्रन के बाइसन को चरणबद्ध तरीके से हटाने के एक साल बाद इसे सेवानिवृत्त कर दिया गया था। 

क्यों कहा जाता था उड़ता ताबूत

नंबर 4 स्क्वाड्रन 1966 से मिग-21 का संचालन कर रहा है और अब इसे सुखोई-30 एमकेआई विमान से फिर से सुसज्जित किया जा रहा है। मिग 21 को 1964 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था। इसे सोवियत संघ द्वारा निर्मित किया गया था। किसी जमाने में फाइटर जेट मिग 21 विमान भारतीय वायुसेना की रीढ़ माने जाते थे। लेकिन अब ये विमान न तो जंग के लिए तैयार है और न उड़ान के लिए फिट है। हालांकि बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद मिग 21 विमान ने ही पाकिस्तानी फाइटर जेट्स के छक्के छुड़ाए थे। मिग 21 को फ्लाइिंग कॉफिन यानी उड़ता ताबूत भी कहते हैं। 

भारत तीसरा सबसे बड़ा ऑपरेटर

रूस और चीन के बाद मिग-21 विमान का भारत तीसरा सबसे  बड़ा उपयोगकर्ता माना जाता रहा है। साल 1964 में मिग-21 विमा को पहले सुपरसोनिक फाइटर जेट के रूप में भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया था। भारत ने रूस से इस विमान को यहीं पर असेंबल करने का अधिकार और तकनीक हासिल की थी। उस वक्त से लेकर अब तक इस विमान ने 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध, 1999 के कारगिल युद्ध समेत कई महत्वपूर्ण मौकों पर अहम भूमिका निभाई है। रूसी मूल का मिग-21 बाइसन भारत के छह फाइटर जेट्स में से एक है। ये सिंगल इंजन, सिंगल सीट मल्टी रोल फाइटर और ग्राउंड अटैक एयरक्राफ्ट है। इसकी अधिकतम स्पीड 2230 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसमें 23एमएम डबल बैरल कैनन (तोप) लगी होती है। इसमें चार आर-60 कम दूरी तक मार करने वाली मिसाइल भी होती है। टाइप-77, टाइप-96 और बीआईएस बाइसन इसका सबसे अपग्रेड वर्जन हैं। आईएएफ के 100 से ज्यादा मिग-21 को बाइसन में अपग्रेड किया जाता है। 

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