राहुल दवे/ इंदौर. पर्वों और त्योहारों का माह मार्च कुछ दिनों में शुरू होने वाला है. धार्मिक दृष्टि से मार्च का महीना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. इस वर्ष मार्च माह में महाशिवरात्रि, होलिका दहन, धुलेंडी, रमजान, विजया एकादशी और फाल्गुन अमावस्या जैसे बहुत व्रत तथा त्यौहार आएंगे. यानी कुल मिलाकर मार्च महीने में त्योहार तथा व्रतों की बौछार होने वाली है.
हिन्दू पंचांग के अनुसार इस वर्ष मार्च महीने में फाल्गुन कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को स्वाती नक्षत्र तथा ध्रुव योग से प्रारंभ हो रहे हैं. इस कारण मार्च महीने में महाशिवरात्रि, विजया एकादशी, होलिका दहन, संकष्ठी, पूर्णिमा व्रत इत्यादि त्योहार तथा व्रत आने वाले हैं.
मुस्लिम समुदाय के लिए भी खास है यह माह
मार्च महीना सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों, पर्व और व्रत के साथ-साथ मुस्लिम समुदाय के लिए भी बहुत ही खास है. दरअसल इस माह में ही रमजान भी शुरू होने वाले हैं, जो मुस्लिम समुदाय के लिए खास है.
पंचांग के हिसाब से कब हैं कौन सा त्योहार
6 मार्च- विजय एकादशी : वर्ष भर में कई एकादशी आती हैं और सभी का अलग महत्व होता है. विजय एकादशी भी बहुत ज्यादा पवित्र मानी गई है. मार्च माह में 6 तारीख को यह एकादशी आएगी. माना जाता है कि इस दिन जो भी श्री विष्णुजी का व्रत रखता है, उसे हर कार्य में सफलता मिलती है.
8 मार्च-महाशिवरात्रि: हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का बहुत ही ज्यादा महत्व है. वैसे तो हर माह शिवरात्रि आती है, मगर महाशिवरात्रि सबसे बड़ी होती है और इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की शादी का उत्सव मनाया जाता है. यह त्योहार हर साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन मनाया जाता है. इस दिन शिव भक्त घर या मंदिरों में जाकर शिवजी की पूजा अभिषेक करते हैं.
10 मार्च- फाल्गुन अमावस्या: फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को ही फाल्गुन की अमावस्या कहा जाता है. इस अमावस्या पर आपको सूर्य देव को तर्पण देना चाहिए और किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए.
20 मार्च-आमलकी एकादशी : आमलिका एकादशी पर आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है. ऐसा कहा जाता है कि आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है. इस दिन आप आंवला ग्रहण भी कर सकते हैं और आंवले का दान भी कर सकते हैं.
24 मार्च – होलिका दहन : इस प्रमुख त्योहार के लिए ही मार्च माह को जाना जाता है. आठ दिन के होलाष्टक के बाद होलिका दहन किया जाता है, जिसके बाद से शुभ कार्य शुरू होते हैं. दहन के बाद लोग एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं और शुभकामनाएं भी देते हैं. होलिका दहन के दूसरे दिन होली खेली जाती है और इस दिन रंग खेलने के साथ-साथ एक दूसरे के गले लगने और पुराने गिले-शिकवे भूलने का रिवाज है.
30 मार्च – रंगपंचमी: होलिका दहन के पांच दिन बाद मनाया जाने वाला पर्व रंगपंचमी है. इस पर्व पर होली का समापन होता है. इस दिन बृज में 40 दिनों से चला आ रहा होली का उत्सव समाप्त होता है.
कब शुरू होगा रमजान का महीना
रमजान चंद्रमा पर निर्भर है. अगर चांद 10 मार्च को निकलता है तो 11 मार्च को रमजान महीने की शुरुआत हो जाएगी, लेकिन उम्मीद यह लगाई जा रही है कि 11 मार्च को ही रमजान महीने का प्रारंभ होगा. अगर रमजान 11 मार्च को शुरू हो जाएगी तो 9 अप्रैल इसका अंतिम दिन होगा.
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FIRST PUBLISHED : February 27, 2024, 13:59 IST