चंडीगढ़। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अमरिंदर सिंह ने रविवार को खनौरी सीमा पर विरोध प्रदर्शन के दौरान घायल हुए एक किसान के खिलाफ ‘हिंसा के बर्बर कृत्य’ के लिए हरियाणा पुलिस की निंदा की। खनौरी सीमा पर किसान फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गांरटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भी आग्रह किया। किसान नेताओं ने भी किसान प्रीतपाल सिंह को लगी चोटों को लेकर हरियाणा पुलिस पर निशाना साधा। प्रीतपाल का इस समय चंडीगढ़ के स्नातकोत्तर चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमईआर) में इलाज चल रहा है।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ मैं हमारे युवा किसान प्रीतपाल सिंह के खिलाफ हरियाणा पुलिस द्वारा की गई बर्बरतापूर्ण हिंसा की कड़ी निंदा करता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से आग्रह करता हूं कि उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए जो लोगों को लंगर परोस रहे एक निहत्थे युवक को बुरी तरह से पीटने के दोषी हैं।’’ किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि हरियाणा के पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर प्रीतपाल सिंह को जब घसीटा तब वह पंजाब-हरियाणा की खनौरी सीमा पर ‘लंगर सेवा’ कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें ट्रैक्टर ट्रॉली से खींचकर पीटा गया और बाद में उनको रोहतक के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन हमने उन्हें चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर में स्थानांतरित करवा दिया है।’’ किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने रविवार को कहा कि प्रीतपाल सिंह को कई चोटें आई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम पुलिस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं।’’
पंधेर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आगे आना चाहिए और प्रदर्शनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार करना चाहिए ताकि केंद्र और किसान नेताओं के बीच जारी गतिरोध समाप्त हो। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को ऐसे ‘बर्बर कृत्य’ करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए। पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने शनिवार को हरियाणा में अपने समकक्ष को पत्र लिखकर मांग की कि प्रितपाल सिंह को पंजाब के अधिकारियों के सुपुर्द कर दिया जाए। उन्हें शुरू में रोहतक स्थित पीजीआई में भर्ती कराया गया था। वर्मा ने अपने समकक्ष से कहा, ‘‘आपसे अनुरोध है कि प्रीतपाल सिंह को पंजाब के अधिकारियों को सौंप दिया जाए ताकि उसका इलाज पंजाब सरकार द्वारा पंजाब में निःशुल्क करवाया जा सके।’’
इससे पहले गत बुधवार को बठिंडा के मूल निवासी शुभकरण सिंह (21) की खनौरी सीमा पर सुरक्षाकर्मियों से झड़प के दौरान मौत हो गई थी। झड़प तब शुरू हुई जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाए गए अवरोधकों को जबरन तोड़ने की कोशिश की। शुभकरण सिंह का अबतक अंतिम संस्कार नहीं हुआ है क्योंकि किसान नेता उनकी मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ पंजाब सरकार द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिए जाने पर अड़े हैं। इससे पहले 18 फरवरी को चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच चौथी दौर की हुई बैठक भी बेनतीजा रही थी।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित अपनी अन्य मांगों के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के वास्ते ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। खनौरी में 21 फरवरी को हुई झड़प में एक प्रदर्शनकारी किसान की मौत हो जाने और लगभग 12 पुलिसकर्मियों के घायल होने के बाद किसान नेताओं ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च को दो दिनों के लिए रोक दिया था। दो दिन बाद किसान नेताओं ने कहा कि प्रदर्शनकारी 29 फरवरी तक हरियाणा और पंजाब की सीमा पर स्थित खनौरी और शंभू बॉर्डर पर डेरा डाले रहेंगे। केएमएम नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा है कि वे 29 फरवरी को अपनी अगली कार्रवाई की घोषणा करेंगे।
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