चंडीगढ़. किसान आंदोलन के चलते हरियाणा के 7 जिलों में इंटरनेट बंदी की समय सीमा एक बार फिर से बढ़ाई गई है. अब 23 फरवरी रात 11:59 बजे तक इंटरनेट बंद रहेगा. हरियाणा के अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल,जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में इंटरनेट सेवाएं 23 फरवरी रात 23:59 बजे तक बंद रहेगा. यानी इंटरनेट सेवाएं 2 दिन और बंद रहेंगी.
इधर, भारतीय किसान यूनियन गुरनाम सिंह चढूनी ग्रुप ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि गुरुवार को प्रदेशभर में पंजाब के किसानों के समर्थन में 12:00 से 2:00 बजे तक हाईवे जाम करेंगे. उसके अगले दिन किसानों के समर्थन में कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा.
आंसू गैस छोड़ने से किसान की मौत
हरियाणा पुलिस ने शंभू और खनौरी सीमा पर किसानों द्वारा अवरोधक तोड़ने के प्रयासों को विफल करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे जिससे एक किसान की मौत हो गई और अन्य कुछ लोग घायल हो गए. किसानों ने अपना ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन फिर से शुरू कर दिया है. किसान नेताओं ने गतिरोध को तोड़ने के लिए दोनों पक्षों के बीच चौथे दौर की वार्ता में सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव को खारिज कर दिया था और घोषणा की थी कि इन दोनों सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए पंजाब के हजारों किसान बुधवार सुबह अपना आंदोलन फिर से शुरू करेंगे.
एक किसान बुरी तरह घायल, रोहतक पीजीआई में चल रहा इलाज
पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर पुलिस और आंदोलनकारी किसानों के बीच टकराव में प्रीतपाल नाम का एक किसान बुरी तरह से घायल हो गया, जिसे हरियाणा पुलिस के जवान रोहतक पीजीआई में लेकर आए, जहां पर उसका इलाज चल रहा है. प्रीतपाल के चेहरे और पैरों पर चोट लगी है और फिलहाल उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है. प्रीतपाल के घायल होने के बाद सोशल मीडिया पर काफी अफवाहें भी फैली और कहा गया कि पुलिस से टकराव में प्रीतपाल की मौत हो चुकी है, जिसे हरियाणा पुलिस दबा रही है. देर शाम हरियाणा पुलिस की तरफ से सोशल प्लेटफार्म एक्स पर एक ट्वीट भी किया गया, जिसमें बताया गया कि प्रीतपाल के बारे में जो खबरें चल रही हैं, वह पूरी तरह से अफवाहें हैं.
हरियाणा पुलिस रोहतक पीजीआई में उसका इलाज करा रही है, उसे कुछ चोटें लगी हैं. पुलिस ने प्रीतपाल की मौत की खबर का पूरी तरह से खंडन किया. रोहतक पीजीआई के निदेशक डॉक्टर एसएस लोहचब ने भी इस खबर का खंडन किया और बताया कि प्रीतपाल का ट्रॉमा सेंटर में इलाज चल रहा है. उसे कुछ चोटें लगी हैं, लेकिन उसकी हालत खतरे से बाहर है.
किसान एमएसपी की कानूनी गारंटी के अलावा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने, पुलिस मामलों को वापस लेने, 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘न्याय’, भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 बहाल करने और 2020-21 के आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : February 21, 2024, 21:55 IST