Meta Threat to America Government: सोशल मीडिया के सबसे बड़े प्लेटफॉर्म फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक और अमेरिकी सरकार के बीच टकराहट नजर आने लगी है. टकराहट की वजह एक कानून है, जिसे अमेरिकी सरकार पास करने की तैयारी कर रही है और मेटा इसका विरोध कर रही है. इस संबंध में मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक ने कहा है कि अगर अमेरिकी कांग्रेस जर्नलिज्म कॉम्पिटिशन एंड प्रीजर्वेशन एक्ट को पास करती है तो वह अपने प्लेटफॉर्म से खबरों को पूरी तरह से हटाने के लिए मजबूर हो जाएगा. कंपनी का कहना है कि इस कानून से ब्रॉडकास्टर्स को अपनी सामग्री पोस्ट करने से फायदा होगा.
क्या कहते हैं मेटा के अधिकारी
यह अधिनियम समाचार कंपनियों के लिए मेटा और अल्फाबेट इंक जैसे इंटरनेट दिग्गजों के साथ सामूहिक रूप से बातचीत करने को आसान बनाएगा इसके अलावा इसकी शर्तें भी उनके लिए काफी फायदेमंद होंगी. मेटा के प्रवक्ता एंडी स्टोन ने एक ट्वीट में कहा कि अधिनियम यह पहचानने में विफल है कि पब्लिशर और ब्रॉडकास्टर मंच पर सामग्री डालते हैं क्योंकि यह उनकी निचली रेखा को लाभ पहुंचाता है – अन्य तरीके से नहीं.
ऑस्ट्रेलिया में न्यूज फीड बंद कर चुकी है मेटा
एक सरकारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी तरह का एक ऑस्ट्रेलियाई कानून, जो मार्च 2021 में आया था, ने बड़ी टेक फर्मों के साथ बातचीत को आसान बनाया था. पर इसके बाद मेटा ने अपने फेसबुक न्यूज फीड को वहां बंद कर दिया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि जब से न्यूज मीडिया बार्गेनिंग कोड प्रभावी हुआ है, मेटा और अल्फाबेट सहित विभिन्न तकनीकी फर्मों ने मीडिया आउटलेट्स के साथ 30 से अधिक सौदे किए हैं, जिससे उन्हें क्लिक और विज्ञापन डॉलर उत्पन्न करने वाली सामग्री के लिए मुआवजा मिला है.
मेटा के सामने बड़ी चुनौती
बता दें कि पिछले एक साल में मेटा लगातार गिरती जा रही है. उसका घाटा बढ़ता जा रहा है. इस साल तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में मेटा के मुनाफे में भारी गिरावट आई है. ये घटकर 4.4 अरब डॉलर पर आ गया है जो कि इससे पिछले साल की समान तिमाही में 9.2 अरब डॉलर रहा था. इसके अलावा कंपनी के राजस्व को देखें तो ये पिछले साल की समान तिमाही से 4 फीसदी गिरा है. मेटा का राजस्व गिरकर 27.71 अरब डॉलर पर आ गया है जो पिछले साल की समान तिमाही में 29.01 अरब डॉलर पर रहा था.
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