Explainer : उत्तर या दक्षिण – PM मोदी के ‘मिशन 370’ को पूरा करने में BJP के लिए बड़ी चुनौती कौन?

आइए जानते हैं कि PM मोदी के ‘मिशन 370’ की डगर कितनी मुश्किल और कितनी आसान है:-

लोकसभा में सोमवार को पीएम मोदी ने कहा- अब हमारी सरकार का तीसरा कार्यकाल भी दूर नहीं है. अबकी बार…और बीजेपी सांसदों ने एक सुर में कहा-400 पार. पीएम मोदी के ‘अबकी बार’ पर बीजेपी सांसदों का 400 पार वाला शंखनाद सदन में गूंजता रहा. इसके बाद पीएम मोदी ने कहा, “मैं ऐसे आंकड़ों में नहीं पड़ता. लेकिन मैं देख रहा हूं कि देश का मिजाज NDA को 400 सीटें पार करवाकर रहेगा. लेकिन बीजेपी को 370 सीट जरूर देगा.”


ये बयान देकर पीएम मोदी ने सीटों की लक्ष्मणरेखा खींच दी. बीजेपी के लिए 370 सीटों की गारंटी देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत की याद दिला दी. 2019 में सरकार बनने के तीसरे महीने में ही जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दिया गया, जो BJP का बहुत पुराना वादा था.

अब कश्मीर में आर्टिकल 370 को खत्म करने वाले पीएम मोदी बीजेपी के लिए आम चुनाव में 370 सीटें मांग रहे हैं. पीएम मोदी को यकीन है कि 370 सीटें तो बीजेपी को पक्का मिलेंगी. आखिर इस आत्मविश्वास की वजह क्या है? जनता को ‘मोदी की गारंटी’ देने वाले पीएम किस बात से इतने कॉन्फिडेंट हैं कि जनता उनको 370 सीटों की गारंटी दे रही है. 

पीएम मोदी को क्यों है 370 सीटों का यकीन?

-देश में 80 करोड़ लोगों को भोजन देने से लेकर गैस सिलिंडर और शौचालय जैसी चीजों ने आम लोगों को सरकार से जोड़ा. पीएम मोदी को इस बात पर भरोसा है कि जनता अपनी बेहतर जिंदगी की गारंटी उनको ही मानती है.

-पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनावों में उत्तर भारत के तीन राज्यों में मिली शानदार जीत ने भी पीएम मोदी का भरोसा बढ़ाया है. मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बन गई, जहां लोकसभा की 65 सीटें पड़ती हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने इन तीन राज्यों में 61 सीटें जीती थीं. वो जीत तब मिली थी, जबकि तीनों राज्यों में विधानसभा चुनावों में बीजेपी हार गई थी. 

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-एक साल के भीतर विपक्ष की एकता अपनी धुरी से बिखर गई. INDIA अलायंस का सबसे खास घटक JDU अब बीजेपी के साथ है. नीतीश कुमार का फिर से बीजेपी के साथ जाना, उद्धव ठाकरे का कांग्रेस को आंखें दिखाना, ममता का बात बात पर रूठ जाना… इससे यही साबित होता है कि विपक्ष में कितना बिखराव है.

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-राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी के सामने विकल्प के रूप में कांग्रेस को होना चाहिए, लेकिन कांग्रेस में दिशाहीनता की स्थिति दिखती है. ना वो सहयोगियों को साथ रख पाई, ना उसके नेताओं में एकजुटता नजर आई. राहुल गांधी जरूर ‘न्याय यात्रा’ पर निकले हैं, लेकिन पीएम मोदी को यकीन है कि इस यात्रा से कुछ होने वाला है नहीं.

लोकसभा में सोमवार को अपने संबोधन में पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर तंज कसे थे. उन्होंने कहा, ”एक ही प्रोडक्ट बार-बार लॉन्च करने के चक्कर में कांग्रेस की दुकान पर ताला लगने की नौबत आ गई है”.

-22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से बदले माहौल में बीजेपी को लगता है कि राम मंदिर का निर्माण उसके लिए अगली बार सत्ता का निर्माण करेगा.

370 सीटों का लक्ष्य- चुनौती भी, संभावनाएं भी

अगर BJP इस चुनाव में 370 सीटें जीत लेती है, तो 1984 में राजीव गांधी और 1957 में जवाहरलाल नेहरू के बाद ऐसी प्रचंड जीत हासिल करने वाले मोदी तीसरे प्रधानमंत्री होंगे. हालांकि, 370 सीटों पर जीत का लक्ष्य वाकई एक बड़ी चुनौती है. पिछली बार BJP ने 303 सीटें जीती थीं. तब उसने उत्तर भारत में विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया था.

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उत्तर भारत के 10 हिंदी भाषी राज्यों में BJP ने जीतीं 177 सीटें 

उत्तर भारत के 10 हिंदी भाषी राज्यों में कुल 225 लोकसभा सीटें आती हैं. इनमें BJP ने 177 सीटें जीती थी. प्रधानमंत्री मोदी के गृह राज्य गुजरात में BJP ने 26 में से 26 सीटें जीती. महाराष्ट्र की 48 सीटों में BJP को 23 सीटें मिलीं. 

बीजेपी के लिए दुर्गम माने जाने वाले राज्यों में देखें, तो पश्चिम बंगाल में 42 में 18 सीटें, ओडिशा की 21 में 8 सीटें, असम के 14 में 9 सीटें, तेलंगाना के 17 में 4 सीटें और कर्नाटक की 28 में 25 सीटें जीत ली थी. 290 सीटें ऐसे ही आ गई. बाकी राज्यों में 1 या 2 सीटों को मिलाकर BJP का आंकड़ा 303 हो गया था. 

2019 के चुनाव में उत्तर भारत में BJP का परफॉर्मेंस

-हिंदी पट्टी में BJP ने 225 सीटों में से 177 पर जीत हासिल की. 

-गुजरात में BJP ने सभी 26 सीटों पर जीत हासिल की.

-महाराष्ट्र की 48 सीटों में BJP ने 23 सीटों पर कमल खिलाया.

-पश्चिम बंगाल की 42 सीटों में से BJP को 18 सीटें मिली.

-ओडिशा की 21 सीटों में से BJP के खाते में 8 सीटें गईं.

-असम की 14 लोकसभा सीटों में से 9 सीटें पार्टी को मिली.

-तेलंगाना की 17 सीटों में से 4 सीटों पर भगवा पार्टी को जीत मिली.

-कर्नाटक की 28 सीटों में से 25 सीटें BJP के पास गईं.

पीएम मोदी ने अब अपनी ही खींची विजय रेखा को बड़ा बनाने की चुनौती BJP के सामने रख दी है. पीएम मोदी ने खुद को OBC बताकर देश की 54 फीसदी आबादी पर भी हाथ रखने की कोशिश की, लेकिन जवाब में राहुल गांधी जातिगत जनगणना पर अड़े हुए हैं.

BJP को नए क्षेत्र तलाशने होंगे

इस राजनीतिक आरोपों-प्रत्योरोपों के बीच सबसे बड़ा सवाल ये है कि BJP कैसे 303 में 67 सीटें जोड़कर इसे 370 तक पहुंचाएगी? जाहिर है कि इसके लिए BJP को नए क्षेत्र तलाशने होंगे, जो बहुत आसान नहीं है.

-उत्तर प्रदेश में BJP को 80 में 62 सीटें मिली थी. 400 पार जाने के लिए यहां पार्टी को कम से कम 10 सीटें बढ़ानी होगी.

-उसी तरह महाराष्ट्र में पिछली बार मिली 48 में 23 की जीत को 30 तक बढ़ाना होगा, यानी 7 सीटें बढ़ानी होंगी.

-पश्चिम बंगाल की जीत को 18 से 30 करनी होगी.

-मध्य प्रदेश, राजस्थान में जिन एक एक सीटों को BJP हार गई थी, उसे भी जीतना होगा. 

-उसी तरह छत्तीसगढ़ में हारी दोनों सीटें भी BJP को जीतनी होगी.

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370 सीटों के लिए BJP को क्या करना होगा?

उत्तर प्रदेश- 72/80 (+10)

महाराष्ट्र-30/48 (+7)

पश्चिम बंगाल- 30/42 (+12)

मध्य प्रदेश- 29/29 (+1)

राजस्थान- 25/25 (+1)

छत्तीसगढ़- 11/11 +2)

ओडिशा- 15/21 (+7)

असम- 12/14 (+3)

आंध्रप्रदेश- 10/25 (+10)

तमिलनाडु- 10/39 (+10)

केरल- 10/20 (+10)

तेलंगाना- 8/17 (+4)

दक्षिण भारत में सुधारना होगा परफॉर्मेंस

दक्षिण की तरफ बढ़ें तो आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल जैसे अहम राज्यों में BJP की जीत को जीरो से 10-10 पर ले जाना होगा. तेलंगाना में 4 वाली जीत को 8 पर तो कर्नाटक में पुरानी जीत को कायम रखना होगा. अगर ऐसा हुआ, तो BJP 370 के पार अपने दम पर पहुंच जाएगी. 

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BJP के सामने 2 अहम चुनौतियां

PM मोदी के इस टारगेट और BJP के कॉन्फिडेंस पर विपक्ष कह रहा है कि ये मुंगेरीलाल के हसीन सपने हैं. बीजेपी को यकीन है कि विपक्ष तो टूटे मन से काम कर रहा है, ऐसे में वो कहां रोक पाएगा लेकिन बीजेपी के सामने दो अहम चुनौतियां हैं:-
चुनौती नंबर 1- उत्तर भारत की पिछली जीत को हर हाल में बरकरार रखना.

चुनौती नंबर 2- दक्षिण भारत के कई राज्यों में मिले जीरो को शानदार सफलता में बदलना.

उत्तर भारत में अगर BJP ने अपना पिछला रिकॉर्ड दोहरा दिया, तो BJP को अपने दम पर बहुमत मिल जाएगा. लेकिन 370 सीटों के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए दक्षिण भारत को भी जीतना होगा. इस चुनावी साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे ज्यादा दक्षिण भारत की यात्रा पर ही देखे गए. जानकारों को लगता है कि जिस 370 सीटों पर जीत का लक्ष्य उन्होंने तय किया है, उसके लिए दक्षिण विजय बहुत जरूरी है. इसीलिए पीएम मोदी कर्नाटक, केरल, तेलंगाना से लेकर तमिलनाडु तक का दौरा कर रहे हैं.

दक्षिण भारत में 5 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों को मिलाकर कुल 131 सीटों में BJP के पास अभी 29 सीटें हैं. तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश जैसे तीन अहम राज्यों में अभी BJP निल बटे सन्नाटा है. BJP जितनी ज्यादा सीटें दक्षिण भारत में जीतेगी, उसके विजय का कारवां उतना ही बड़ा होगा.


 

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