ED दफ्तर के बाहर पहुंचे तेज प्रताप यादव, रोहिणी ने कहा- तेजस्वी झुकेगा नहीं…

Patna:

Bihar Politics News: एक तरफ बिहार की सियासत दिन-ब-दिन गर्म होती दिख रही है तो वहीं दूसरी तरफ नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में पूर्वी डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से पटना में आज ईडी की पूछताछ जारी है. तेजस्वी यादव 11:30 बजे ईडी दफ्तर पहुंचे थे, तब से उनसे पूछताछ जारी है. इधर, ईडी दफ्तर के बाहर राजद समर्थकों की भीड़ जमा हो गई है. राजद के विधायक और सांसद भी ईडी कार्यालय के पास मंदिर में बैठे हैं. बता दें कि पूर्व मंत्री और तेजस्वी यादव के बड़े भाई तेज प्रताप यादव भी वहां पहुंचे. सभी लोग तेजस्वी यादव के जाने का इंतजार कर रहे हैं. इधर, भीड़ को देखते हुए ईडी दफ्तर के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. अतिरिक्त बल भी तैनात किये गये हैं.

‘भाजपा को हार का डर सता रहा है’ – रोहिणी आचार्या

वहीं आपको बता दें कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य सोशल मीडिया पर लगातार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोल रही हैं. रोहिणी ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा कि, ”भाजपा चाहे कोई भी चाल चल ले, शेर दिल नेता के बेटा के रहते, बिहार में इनकी दाल नहीं गलने वाली है. तेजस्वी डरने वाला नहीं है बल्कि भाजपा को धूल चटाने वाला है. भाजपा को हार का डर सता रहा है. इसलिए ईडी के बल पर तेजस्वी को डरा रही है.” रोहिणी आचार्य ने आगे लिखा कि, सामाजिक न्याय का सेनापति: इसकी रवानी में ललकार है, वाणी में हुँकार है, दुश्मनों पर प्रचंड इसका वार है, पीछे इसके जनता की जयकार है, रोक नहीं पाएगी इसे जो डरी हुई सरकार है.” अब रोहिणी के इस ट्वीट से विपक्ष में हंगामा मच गया है. वहीं अपने पिता लालू प्रसाद की तरह उनसे भी ईडी की दिल्ली और पटना टीम के अधिकारी पूछताछ करेंगे. सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने पहले ही 60 से ज्यादा सवालों की लिस्ट तैयार कर ली है.

RJD ने पूछा सवाल- ‘जो काम करे वह क्रेडिट ना ले?’

वहीं, आपको बता दें कि राजद की ओर से सोशल मीडिया पर एनडीए सरकार और सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला गया है. राजद की ओर से सवाल पूछा गया है कि, ”जो काम करता है उसे श्रेय नहीं लेना चाहिए? जो रोजगार और नौकरियों को देश की राजनीति के केंद्र में लाए वह क्रेडिट ना ले? जो सकारात्मक राजनीति से सबकी उम्मीदों को पूरा करे वह क्रेडिट ना ले? जो युवाओं की आकांक्षाओं को वास्तविकता बनाए वह क्रेडिट ना ले? तो क्रेडिट कौन ले? जो अपने राजनीतिक नाटक से हर दूसरे-तीसरे साल मुख्यमंत्री की शपथ ले? जिसकी राजनीति निराशा, बहानेबाजी और असमर्थता का पर्याय हो? जो स्वयं दिशाहीन, युक्ति-विहीन, अनैतिक, शिथिल, अहंकारी और अकर्मण्य हो?”



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