East Champaran: मनोकामना पूरी होने पर भैरव स्थान पर चढ़ाते हैं धन की ध्वजा, जानें क्या है लोगों की मान्यताएं

नकुल कुमार/मोतिहारी. मोतिहारी के बनियापट्टी-ठाकुरबाड़ी स्थित भैरव स्थान पर पिछले डेढ़ सौ वर्षों से भैरव बाबा एवं हनुमान जी की पूजा अर्चना हो रही है. यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और मनोकामना पूरी होने पर घर से सजा कर लाए हुए धन की ध्वजा (धाजा) लगाते हैं. धाजा मुख्य रूप से कच्चे बस का बना हुआ होता है, जिसमें ऊपर हनुमान जी की चित्र बनी हुई पताका (लाल झंडा) लगी रहती है. पताका के साथ ही मालिन के यहां से लाए हुए विशेष तरह के फूल की माला लगी रहती है एवं नीचे लंगोट बंधा रहता है.

हर साल सावन मास शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को यहां भैरव पूजा और वीर हनुमान पूजा-अर्चना की जाती है. इस बार यह आयोजन आज 30 अगस्त को हो रहा है. इसे लेकर विशेष तैयारी की गई है. इस दौरान भैरो स्थान की साफ-सफाई, पूरे मंदिर का‌ रंग रोगन के साथ फूलों से सजाया जाता है. संध्या के समय विशेष पूजा एवं आरती के बाद बाद भक्तों द्वारा अपने-अपने घर से लाए गए धन की ध्वजा (धाजा) को लगाया जाता है.

पहले भैरो बाबा फिर हनुमान जी की होती है पूजा
संध्या के समय पहले भैरव बाबा की और बाद में हनुमान जी की पूजा और भव्य आरती की जाती है. जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल होते हैं. वही बड़ी संख्या में स्थानीय महिलाएं भी शामिल होती हैं. इस दौरान महिलाओं के द्वारा मंगल गान किया जाता है. महिलाएं अपने साथ लाए हुए पूजन सामग्री से भैरव बाबा एवं हनुमान की पूजा करती है और पति-पुत्र की लंबी आयु की प्रार्थना करती है. वहीं दूसरी ओर, पुरुष श्रद्धालुओं के द्वारा अपने घर से सजा कर लाए हुए ध्वजा को लगाया जाता है.

मनोकामनाएं पूरी होने पर ध्वजा चढ़ाने आते हैं लोग
बनियापट्टी मोहल्ले के रहने वाले 76 वर्षीय महेश्वर नाथ प्रसाद ने बताया कि वे बचपन से भैरो स्थान पर पूजा देख रहे हैं और धन की धाजा लगा रहा हूं. इसी मोहल्ले के मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होने से प्रत्येक वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है. वहीं, राजन कुमार गुप्ता ने बताया कि इस बार 500 से ज्यादा ध्वजा लगने की है संभावना.

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