Earthquake Hits Kutch Gujarat: कच्छ में लगे भूकंप के झटके, जानें तीव्रता और कहां था केंद्र?

Earthquake Hits Kutch Gujarat: गुजरात के कच्छ में शुक्रवार देर शाम भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.5 दर्ज की गई। भूकंप के बाद कहीं से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

जानकारी के मुताबिक, देर शाम करीब 8 बजकर 54 मिनट पर कच्छ के दुधई में 4.5 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप के बाद स्थानीय लोग घरों से बाहर निकल आए। भूकंप का केंद्र दुधई से 15 किमी दूर दर्ज किया गया। बता दें कि दुधई में एक दिन पहले यानी गुरुवार रात करीब 12 बजकर 18 मिनट पर भी 3.2 तीव्रता वाला भूकंप आया था।

17 अगस्त को आया था 3.3 तीव्रता वाला भूकंप

इससे पहले 17 अगस्त को भी कच्छ में भूकंप आया था। उस वक्त रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.3 मापी गई थी। भूकंप का केंद्र दुधई से 19 किमी दूर था। इसकी गहराई 15 किलोमीटर थी। इससे पहले भी खावड़ा से 20 किलोमीटर दूर उत्तर में इतनी ही गहराई पर 3.2 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था।

अक्सर कच्छ में आते हैं भूकंप

रिपोर्ट्स के मुताबिक, कच्छ में अक्सर भूकंप के झटके लगते हैं। कच्छ मुख्य भूकंप दोष रेखा पर स्थित है जिसे KMF के नाम से जाना जाता है। 6 अगस्त को भी गुजरात के वाव से 53 किलोमीटर दूर राजस्थान सीमा के पास धनेरा और नेनावा गांव के पास 4.2 तीव्रता वाला भूकंप आया था। इसकी गहराई पृथ्वी की सतह से लगभग 10 किमी था।

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अगर भूकंप आ जाए तो क्या करें?

  • भूकंप के झटके महसूस होने के बाद तुरंत मकान, दुकान या फिर ऑफिस से बाहर निकल जाएं।
  • बिजली के खंभों, पेड़ों और ऊंची इमारतों से दूर रहना चाहिए।
  • घर या ऑफिस में हों तो लिफ्ट का इस्तेमाल न करें, बल्कि सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
  • ऐसी जगह ढूंढें जहां आप छिपकर बैठ सकें।
  • अगर आपको भागने का समय न मिले तो किसी मजबूत जगह जैसे टेबल, बिस्तर, डेस्क के नीचे छिप जाएं।

कितनी तीव्रता वाला भूकंप कितना खतरनाक?

  • 0 से 2: इस भूकंप का असर कम होता है। झटका महसूस नहीं होता है। इसका पता केवल सिस्मोग्राफ से ही लगाया जा सकता है।
  • 2 से 2.9: इसमें भूकंप का सामान्य झटका महसूस होता है। इसका काफी कम प्रभाव होता है।
  • 3 से 3.9: इसमें पंखे और लटके बल्ब हिलने लगते हैं।
  • 4 से 4.9: इतनी तीव्रता वाला भूकंप चेतावनी वाला होता है। दीवारें दरक सकती हैं। कच्चे मकान गिर जाते हैं।
  • 5 से 5.9: ये खतरनाक साबित होता है। फर्नीचर हिलने लगता है। ज्यादा नुकसान होने की संभावना होती है।
  • 6 से 6.9: ये बेहद खतरनाक माना जाता है। इसमें इमारते गिर जातीं हैं। संपत्ति का अधिक नुकसान होता है।
  • 7 से 7.9: इतनी तीव्रता वाला भूकंप ज्यादा तबाही मचाता है। ऐसा भूकंप साल 2001 में गुजरात के भुज और साल 2015 में नेपाल आया था।
  • 8 से 8.9: ये काफी ज्यादा तबाही मचाता है। इसमें इमारतों के अलावा पुल वगैरह भी गिर सकते हैं।
  • 9 और उससे ऊपर: इतनी तीव्रता वाला भूकंप पूरी तरह तबाही मचा सकता है। यदि कोई खेत में खड़ा हो तो उसे धरती हिलती हुई दिखाई देती है।

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