रावण दहन।
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बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक पर्व यानि दशहरा मंगलवार को मनाया जाएगा। राम लीला मैदान से लेकर सेंट जोंस और पंचकुइयां से लेकर नेहरू नगर, न्यू आगरा पार्क तक शहर की सभी प्रमुख कॉलोनियों और सोसाइटियों में रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। इसके अलावा पिछले नौ दिनों से प्रतिष्ठापित देवी की प्रतिमाओं का विसर्जन भी दशमी को ही किया जाएगा। मंगलवार को शहर में गृह प्रवेश, नए प्रतिष्ठानों का शुभारंभ और नए वाहनों की खरीद-फरोख्त होगी।
विजय दशमी भगवान राम की विजय का पर्व है। इसी दिन उन्होंने रावण को मार बुराई का अंत किया था। इसके अलावा देवी दुर्गा ने नौ रात और दस दिन के युद्ध के बाद महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी। दोनों ही रूपों में यह सत्य और धर्म की विजय का पर्व है। दशहरा का पर्व दस प्रकार के पापों- काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, मत्सर (द्वेष), अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी के परित्याग की प्रेरणा प्रदान करता है। इस दिन लोग शस्त्र पूजन भी करते हैं। इसके साथ ही नया कार्य जैसे गृह प्रवेश, नए प्रतिष्ठान का शुभारंभ, नए वाहन की खरीद भी की जाती है। ऐसा विश्वास है कि इस दिन जो कार्य शुरू किया जाता है उसमें विजय मिलती है।
आयुध-पूजा महूर्त
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीता पाराशर के अनुसार दशहरा/विजयदशमी के दिन आयुध पूजन का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:20 बजे से 3:37 बजे तक रहेगा।
गृह प्रवेश एवं प्रतिष्ठानों का शुभारंभ
पं. सुभाष शर्मा के अनुसार मंगलवार को गृह प्रवेश और नवीन प्रतिष्ठानों के शुभारंभ के लिए अभिजीत मुहूर्त पूर्वाह्न 11:33 बजे से 12:30 बजे तक रहेगा। इसके बाद अपराह्न 3:30 से 7 बजे तक शुभ कार्य किए जा सकेंगे।