Dussehra 2023: दशहरा के दिन करें ये उपाय, आर्थिक तंगी होगी दूर, बरसेगा अपार धन! अयोध्या के ज्योतिष से जानें

सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या: सनातन धर्म में विजयादशमी का पर्व बेहद खास माना गया है. असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक दशहरा हर वर्ष आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन मनाया जाता है. इस साल यहां पर 24 अक्टूबर यानी कि कल है. इतना ही नहीं विजयदशमी के दिन मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन भी किया जाता है. कहा जाता है दशहरे का दिन समृद्धि दायक भी होता है. मान्यता है कि दशमी तिथि के दिन ही मां दुर्गा ने भी महिषासुर का वध किया था. ऐसे में इस दिन कुछ उपाय करने से जीवन में समृद्धि आती है.

अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि विजयदशमी का पर्व सनातन धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन 10 सिर वाले रावण का दहन किया जाता है और इसी दिन माता जगत जननी जगदंबा की मूर्ति का विसर्जन भी किया जाता है. इसके अलावा इस दिन अगर कुछ खास उपाय किया जाए तो हर तरह की मुसीबत से मुक्ति मिलेगी, धन आगमन के नए मार्ग प्रशस्त होंगे.

कारोबार में पाना चाहते हैं उन्नति
अगर आप अपने कारोबार को लेकर परेशान हैं और आप अपने कारोबार में उन्नति पाना चाहते हैं तो दशहरे के दिन एक पीले वस्त्र में नारियल लपेटकर राम मंदिर में दान करना चाहिए. ऐसा करने से कारोबार संबंधित तमाम परेशानियां दूर होती हैं.

रोगों से मुक्ति के लिए
अगर आप कई तरह के रोगों से परेशान हैं तो फिर दशहरे के दिन घर में सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए. ऐसा करने से तमाम तरह की परेशानियां रोग दूर होती हैं.

शनि की महादशा से मिलेगी राहत
अगर आप शनि की महादशा से परेशान हैं तो आपको दशहरे के दिन शमी का पेड़ लगाना चाहिए या फिर शमी के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए. ऐसा करने से शनि की महादशा से मुक्ति मिलेगी.

करना चाहिए गुप्त दान
अगर आप दशहरे के दिन किसी गरीब असहाय लोगों को गुप्त तरीके से दान करते हैं तो घर से दरिद्रता का नाश होता है. धन लाभ में बरकत होती है.

अपराजिता पूजा
अगर आप दशहरे के दिन विजय मुहूर्त में देवी अपराजिता की विधि-विधान पूर्वक पूजा आराधना करते हैं तो आपको हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी.

बुराइयों से पाना है मुक्ति
विजयादशमी का पर्व सिर्फ बाहरी जगत की बुराइयों से लड़ने का नहीं है. अपने भीतर के व्यसन और विकृतियों के उन्मूलन का मौका भी है. इस दिन को मनुष्य के अंदर पल रहे क्रोध, लालच, भ्रम, ईर्ष्या, अहंकार से जोड़कर देखा जाता है. रावण के पुतले के दहन के साथ ही अपनी इन बुराइयों को भी इस दिन जला देना चाहिए.

(नोट: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष के मुताबिक है, न्यूज़ 18 इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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