UPSC IES Result: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की इंडियन इकोनामिक्स सर्विसेज की परीक्षा में बोकारो की रहने वाली अदिति ने दूसरा स्थान हासिल किया है. अदिति के इस सफलता के बाद माता-पिता काफी खुश हैं. यूपीएससी के इंडियन इकोनामिक्स सर्विसेज में अदिति झा ने दूसरा रैंक हासिल किया है. यह सफलता उन्होंने तीसरे प्रयास में हासिल किया है.
परीक्षा की तैयारी के दौरान उन्होंने ऑनलाइन कंटेंट पर भरोसा किया. शिक्षकों से जुटाई गई अध्ययन सामग्री से मदद ली. अदिति झारखंड राज्य से एकमात्र सफल अभ्यर्थी है, जिसने सफलता हासिल किया है. अदिति के पिता दिलीप कुमार झा बोकारो में एलआईसी में कार्यरत हैं. उनकी मां आभा झा चास स्थित रामरुद्र सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस सरकार में हाई स्कूल में संस्कृत की शिक्षिका है. अदिति का बड़ा भाई अनिमेष कुमार झा एआईईईई कर अभी बेंगलुरु में पद्स्थपित है.
पोस्ट ग्रेजुएशन में रहीं यूनिवर्सिटी टॉपर
बोकारो जीजीपीएस की छात्रा रही अदिति ने स्कूल के बाद से 12वीं चिन्मया विद्यालय से किया. इसके बाद क्रिस्ट यूनिवर्सिटी बंगलुरु से इकोनॉमिक्स से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएट किया है. अदिति ने पोस्ट ग्रेजुएट में यूनिवर्सिटी टॉपर रही हैं. अदिति ने बताया कि पढ़ाई के करने के दौरान उसे लगा कि उसे इकोनॉमिक्स में इंटरेस्ट है. इसके बाद उन्होंने इसी क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने की सोची. उन्होंने कहा कि छात्रों को ऐसा लगता है की डॉक्टर इंजीनियरिंग के अलावा सिविल सेवा परीक्षा से ही अपना कैरियर बनाया जा सकता है. लेकिन इकोनॉमिक्स में भी अपना कैरियर बनाया जा सकता है.
इकोनॉमिक्स सेवा से भी की जा सकती है देश सेवा
अदिति ने कहा कि इकोनॉमिक्स सेवा में जाकर भी देश सेवा की जा सकती है, क्योंकि देश के लिए पॉलिसी बनाना भी एक महत्वपूर्ण काम है. जिस प्रकार से देश में बेरोजगारी है उसके लिए हम कुछ बेहतर कर सकते हैं क्योंकि देश में युवाओं की संख्या अधिक है. अदिति ने बताया कि यूपीएससी भवन में इंटरव्यू देने जाना है एक बहुत बड़ी बात होती है जब मैं यह मौका पाया तो काफी खुशी हुई.
UPSC IES में हासिल की दूसरी रैंक
अदिति के पिता दिलीप कुमार झा ने कहा कि जब रिजल्ट आया तो एकदम से सबकुछ शून्य सा हो गया था, क्योंकि मुझे यह विश्वास नहीं हुआ कि मेरी बेटी देश में दूसरा स्थान ला सकती है. उन्होंने बताया कि जब वह मैट्रिक में बेहतर अंक लाई तो उसे इकोनॉमिक्स में पढ़ाई कराने के लिए परिवार तैयार हुआ, तो लोगों ने इसकी आलोचना भी की लेकिन बेटी की मेहनत को देखकर लगा कि वह एक दिन जरूर कामयाब होगी.
उन्होंने कहा कि घर की लड़की कभी बाहर नहीं गई थी लेकिन उसे बेंगलुरु भेजा गया और वह आज सफल हुई है. हाई स्कूल में शिक्षिका के रूप में कार्यरत मां आभा झा ने कहा कि अदिति में अधिक से अधिक देर तक बैठकर पढ़ाई करने की क्षमता को देखकर 10वीं के बाद आर्ट्स की पढ़ाई कराने का निर्णय लिया. आज मेहनत के दम पर उसने यूपीएससी की परीक्षा पास कर लिया है.
.
Tags: Success Story, UPSC, Upsc result
FIRST PUBLISHED : January 26, 2024, 04:57 IST