DNA: क्या जकार्ता अब इतिहास बनने वाला है, समुद्र का बढ़ता जलस्तर बना दुश्मन?

DNA Analysis: मुंबई जाने वाला हर इंसान समुद्र किनारे घूमने जरूर जाता है. इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता जाते हैं तो समुद्र किनारे जाकर खूबसुरत नजारे का लुत्फ जरूर लेते हैं. दुनिया में और भी कई ऐसे शहर हैं जो समुद्र किनारे बसे हैं. समुद्र का नीला पानी, ऊंची ऊंची इमारतें और मजा लेते पर्यटक. हर साल समुद्र किनारे बसे शहरों में पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है. हो सकता है समुद किनारे बसे शहरों में आप भी मस्ती करने गए हों. लेकिन क्या आपको पता है, समुद्र का स्तर यानि Sea Level बढ़ रहा है. ये Sea Level कई शहरों के लिए बड़ा खतरा बन गया है. इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता के बारे में आपने जरूर सुना होगा. अब समुद्र जकार्ता को निगल रहा है. यहां की जमीन धंसती जा रही है.

-जकार्ता पिछले 25 साल में 16 फीट धंस चुका है. वर्ष 2050 तक शहर का एक तिहाई हिस्सा जलमग्न हो सकता है. जकार्ता में भूजल खत्म होने से ऊपरी जमीन कमजोर हो रही है. जिस वजह से जमीन धंस रही है. या समुद्र में कट कर गिर रही है. सोचिए, एक शहर जिसमें आप कई दशकों तक रहे हो, जहां आपका बचपन बीता हो, जहां से आपकी यादें जुड़ी हो, जहां आप पैदा हुए हो, नौकरी की हो, शादी की हो.. वो शहर अचानक डूबने लगे और समंदर में समा जाए, ये किसी के लिए भी कितना डरावना होगा. जकार्ता के लोगों के लिए भी ये ऐसा ही है. Ground Water Pumping की वजह से इंडोनेशिया का ये शहर प्रति वर्ष यानि हर साल 6.7 इंच तक डूब रहा है. इस देश के लिए ये इतना बड़ा संकट है कि इंडोनेशियाई सरकार ने हाल ही में अपने 1 करोड़ लोगों को यहां से shift किया है. इस खतरे को देखते हुए राजधानी jakarta को वर्तमान स्थान से 100 मील दूर स्थानांतरित किया जा रहा है. सवाल है कि jakarta के साथ ऐसा क्यों हो रहा है. अब हम आपको इसकी वजह बताते हैं.

-jakarta शहर दुनिया का सबसे तेज़ी से डूबता शहर है. जो 25 साल में 16 फीट धंसा है.
-इसका मुख्य कारण बड़ी मात्रा में भूजल को निकालना है.
-जलवायु परिवर्तन के कारण जावा सागर और बढ़ रहा है जिसमें राजधानी समाती जा रही है.
-jakarta की हवा और भूजल बेहद प्रदूषित हैं और यहां नियमित रूप से बाढ़ आती रहती है.

jakarta की सच्चाई ये है कि jakarta के तीन में एक नागरिक को पीने का पानी नहीं मिल रहा है. पानी की कमी के चलते jakarta में कई अवैध कुएं खोदे गए हैं. ये अवैध कुएं पूरे शहर में हैं. इससे भूजल यानि Underground Water खत्म हो गया है. भूजल खत्म होने से ऊपरी जमीन कमजोर हो रही है और जमीन धंस रही है. ऐसा नहीं है कि jakarta को बचाया नहीं जा सकता…बचाया जा सकता है…लेकिन इसके लिए इंडोनेशिया सरकार को बहुत तेज़ी से काम करना होगा… 

-jakarta के हर घर में पीने के पानी की pipeline पहुंचाने की कोशिश हो रही है.
-अगर पीने के पानी की पाइप घरों में पहुंचेगी तो कुओं की जरूरत नहीं पड़ेगी.
-इससे भूजल का इस्तेमाल नहीं होगा. धीरे-धीरे जमीन की मजबूती वापस आएगी. भूधंसाव रुकेगा.
-इंडोनेशिया के अरबपति एंथनी सलीम भी सरकार के साथ मिलकर घर-घर में पानी का कनेक्शन देने की कोशिश कर रहे है.

पिछले 25 साल में 16 फीट एक शहर का धंसना, कोई आम बात नहीं है. इसी वजह से jakarta को दुनिया का सबसे तेज़ी से डूबता शहर कहा जाने लगा है. जिस तरह से समुद्र अपनी सीमा को लांघकर शहर पर कब्जा कर रहा है उसे देखकर लग रहा है कि jakarta बहुत जल्द इतिहास बन सकता है.

धरती का तापमान बढ़ रहा है. भारत समेत दुनिया भर में मौसम बदल रहा है. कहीं सूखा पड़ रहा है तो कहीं बे-मौसम बारिश ने लोगों का जीना मुश्किल किया है. हर साल समुद्र के जल स्तर में बढ़ोतरी हो रही है, और इन सभी समस्याओं की एक ही जड़ है…जलवायु परिवर्तन. समुद्र का बढ़ता जल स्तर कई देशों के लिए खतरे की घंटी बजा रहा है. अब हम आपको समुद्र के बढ़ते जल स्तर पर कुछ आंकड़े बताते हैं. जिसे जानकर आपको इस खतरे का पता चलेगा. वर्ष 2023 की World Meteorological Organization की रिपोर्ट के मुताबिक…

-1901 से लेकर 1971 तक हर साल समुद्र के जलस्तर में औसतन 1.3 मिलीमीटर का इजाफा हुआ.
-1971 से 2006 के बीच में ये बढ़कर 1.9 मिलीमीटर प्रतिवर्ष हो गई.
-2006 से 2018 के दौरान ये करीब डबल होकर 3.7 मिलीमीटर प्रतिवर्ष हो गई.

समुद्र के जलस्तर में एक इंच की बढोतरी भी बेहद मायने रखती है. global warming की वजह से ग्लेशियर तेज़ी से पिघल रहे है. इन पिघलते ग्लेशियर की वजह से समुद्र का जल स्तर बढ़ा है. जिसकी वजह से सिर्फ jakarta ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई उन शहरों पर खतरा मंडरा रहा है जिनकी शान ही समंदर है.

– भारत का मुंबई…
– egypt का काहिरा
– थाइलैंड का bangkok
– बांग्लादेश की राजधानी ढाका
– इंडोनेशिया का शहर jakarta
– चीन का shanghai
– डेनमार्क का Copenhagen
– ब्रिटेन का लंदन
– अमेरिका का Los Angeles और New York
– argentina का ब्यनर्स आयर्स
– चिली के santiago..समेत, हर महाद्वीप के बड़े शहरों पर समुद्र के उठने के गंभीर प्रभाव पड़ेगे, यानि इन शहरों के समंदर में समाने का खतरा है.

हम कोई मजाक नहीं कर रहे, ये 100 फीसदी सच है United Nations की एक रिपोर्ट के मुताबिक समुद्र का जल स्तर अगर इसी तरह से बढ़ता रहा तो वर्ष 2100 तक 5 देश समंदर में समा जाएंगे या रहने लायक नहीं बचेंगे. ये पांच देश हैं – Maldives…Tuvalu..Marshall Islands..Nauru और Kiribati. यहां की करीब 6 लाख की आबादी को शरणार्थी बनना पड़ेगा. भले ही इन देशों को पूरी तरह जलमग्न होने में अभी और 70-75 साल बचे हैं, लेकिन धीरे-धीरे समुद्र के उठने का असर इन देशों पर दिखने लगा है. जरा अंदाजा लगाइए, ये कितनी खतरनाक स्थिति होगी…जब समंदर बड़े बड़े शहरों को निगल जाएगा. हजारों लाखों लोग इस खतरे की ज़द में होंगे…हमारा मकसद आपको डराना नहीं है, बल्कि हम इस खतरे के बारे में आपको बताता चाहते है…क्योंकि इस खतरे का समाधान भी हम सबको ही निकालना है.

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