DNA: अमेरिका में निशाने पर भारतीय छात्र, इस साल 5 की हुई संदिग्ध मौत; क्या अपने नागरिकों की मौत पर भी ऐसे चुप रहते बाइडेन

Indian Students Death News in USA: दुनिया की सुपरपावर, सबसे सुरक्षित देश अमेरिका, भारतीय छात्रों के लिए बहुत ही असुरक्षित देश बन गया है. पिछले कुछ महीनों में अमेरिका के अलग-अलग शहरों में भारतीय छात्रों पर हमले की घटनाएं बढ़ गई हैं. कई घटनाओं में भारतीय छात्रों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत भी हुई है. 2024 में ही अब तक 6 भारतीय छात्रों पर हमले हुए हैं. इन 6 भारतीय छात्रों में से 5 छात्रों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है.

तो क्या ये मान लिया जाए कि अमेरिका जैसा देश, भारतीय छात्रों के लिए SAFE नहीं है? ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि 4 फरवरी को chicago में एक भारतीय छात्र पर 3 हमलावरों ने रात में उस वक्त हमला किया, जिस वक्त को खाना लेकर, अपने घर जा रहा था. इस हमले का एक सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया है. इस सीसीटीवी वीडियो में इस हमले की कहानी साफ नजर आ रही है.

लूट के लिए बदमाशों ने किया हमला

ये वही वीडियो है, जिसमें भारतीय छात्र सैयद मजाहिर अली, खाने-पीने का सामान लेकर घर जाते नजर आ रहे हैं, उनके पीछे 3 युवक हैं, जो एक कार के पीछे अपने शिकार की तलाश में थे. इन सभी ने नकाब पहने हुए हैं और hoodie jacket पहनी हुई है. जैसे ही ये तीनों मजाहिर की तरफ बढ़े तो मजाहिर उनका इरादा भांपते हुए घर की तरफ भागने लगते हैं.

लेकिन कुछ ही देर बाद वो बदमाशों के गिरफ्त में आ गए. इन बदमाशों ने मजाहिर के साथ खूब मारपीट की. उनके सिर पर घातक वार किए, जिसकी वजह से वो बुरी तरह घायल हो गए . बताया जा रहा है कि ये लूटपाट के मकसद से किया गया हमला था, मजाहिर से उनका मोबाइल फोन भी छीन लिया गया.

अटैक में भारतीय छात्र घायल

जिस जगह पर इन बदमाशों ने मजाहिर को अपना शिकार चुना था, वहां पर एक काले रंग की sedan कार भी खड़ी थी. ये कार start करके रखी गई थी. दरअसल इसी कार में तीनों बदमाश आए थे. इस कार की headlights भी जली हुई थीं, ताकि भागने की नौबत आने पर इससे भागा जा सके.घायल मजाहिर ने खुद पर हुए हमले का एक वीडियो भी बनाया, मदद की अपील भी की है. मजाहिर बुरी तरह से घायल हैं.

सैयद मजाहिर अली, हैदराबाद के रहने वाले हैं, वो शिकागो की Indiana Wesleyan University से Information & Technology में masters कर रहे हैं. मजाहिर पर हुआ ये हमला, अमेरिका में भारतीय छात्रों पर होने वाला पहला हमला नहीं है, इसीलिए इन मामलों की गंभीरता समझते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय भी एक्टिव हो गया है. इस हमले के बाद मजाहिर के परिवारवाले काफी परेशान हो गए है. उन्होंने भारतीय विदेश मंत्रालय से मजाहिर को मेडिकल हेल्प पहुंचवाने की अपील की थी.मजाहिर की पत्नी रुकिया फातिमा ने विदेश मंत्रालय से शिकागो जाने देने की अपील की है. 

अमेरिका में भरतीय छात्रों पर बढ़ रहे हमले

सैयद मजाहिर अली पर हुआ हमला, कोई पहली घटना नहीं है. मजाहिर अली किस्मत वाले थे, नहीं तो इस साल अमेरिका में कई भारतीय छात्रों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है. पिछले 2 महीने के अदंर ही अमेरिका के अलग-अलग शहरों में भारतीय छात्रों पर हमले की कई घटनाएं हो चुकी हैं.

इसी महीने 1 फरवरी को अमेरिका के ओहायो में भारतीय छात्र श्रेयस रेड्डी का शव मिला था. पुलिस की जांच अभी भी जारी है. रेड्डी की मौत हत्या है या कुछ और, इसको लेकर कुछ नहीं बताया गया है. श्रेयस रेड्डी THE UNIVERSITY OF CINCINNATI के THE LINDNER SCHOOL OF BUSINESS में पढ़ाई करते थे.

इससे कुछ दिन पहले नील आचार्य नाम के भारतीय छात्र की मौत की खबर भी आई थी. इनकी मौत भी संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी. इन मामले में भी पुलिस कुछ खास नहीं बता पाई है. नील आचार्य PURDUE UNIVERSITY में पढ़ते थे. 28 जनवरी को वो अचानक लापता हो गए थे, लेकिन कुछ दिन बाद पुलिस को उनका शव बरामद हुआ था.

इसी तरह से MBA छात्र विवेक सैनी पर GEORGIA में नशे में धुत व्यक्ति ने हथौड़े से हमला कर दिया था. हालांकि हमलावर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. अकुल बी धवन भी University Of Illinois में पढ़ाई करते थे. अकुल 20 जनवरी को लापता हो गए थे, इसके 10 घंटे बाद, अकुल का शव उनके कैंपस से कुछ ही दूरी पर मिला था.

इन सभी छात्रों की मौत को लेकर पुलिस कुछ नहीं कह पा रही है. अमेरिका जैसे देश की पुलिस से ये उम्मीद नहीं है कि वो भारतीय छात्रों की संदिग्ध हालात में हुई मौतों पर चुप्पी साध ले, या जांच पूरी ना कर पाए. क्या अमेरिका अपने किसी नागरिक की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत पर शांत बैठता?

सबसे ज्यादा मौतें कनाडा में

अभी हाल फिलहाल में भारत के 15 लाख छात्र, दुनिया के अलग-अलग देशों में पढ़ाई करने गए हुए हैं. इसी महीने लोकसभा में दिए गए एक जवाब में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया था कि वर्ष 2018 से लेकर 2 फरवरी 2024 तक करीब 403 भारतीय छात्रों की अलग-अलग देशों में मौत हुई है. भारतीय छात्रों की मौतों के कई कारण भी बताए हैं, जिसमें प्राकृतिक कारण, बीमारियां और हमले शामिल हैं.

भारतीय छात्रों की सबसे ज्यादा मौतें कनाडा में हुई है. विदेशों में मारे गए 403 भारतीय छात्रों में से इक्यानवें की मौत कनाडा में हुई है. यही नहीं इसमें से 48 छात्रों की मौत ब्रिटेन में और 36 छात्रों की मौत अमेरिका में हुई है. 

हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर बाइडेन सरकार मौन

अमेरिका एक ऐसा देश है, जो उच्च स्तरीय शिक्षा देने वाले विश्वविद्यालयों के लिए मशहूर है. उच्च शिक्षा हासिल करने के मामले में अमेरिका, अंतरराष्ट्रीय छात्रों की पहली पसंद है. बावजूद इसके अमेरिका में विदेशी छात्रों की सुरक्षा एक गंभीर विषय है, जिस पर बाइडेन सरकार का ध्यान नहीं है. जहां तक अमेरिका जाने वाले विदेशी छात्रों की बात है तो, वर्ष 2022-2023 में 10 लाख सत्तावन हजार 188 अंतरराष्ट्रीय छात्रों ने उच्च शिक्षा के लिए अमेरिकी विश्वविद्यालयों को चुना था. इनमें से 2 लाख अडसठ हजार 923 भारतीय छात्र थे. 

अमेरिका में उच्च शिक्षा पाने के लिए चीन के बाद सबसे ज्यादा संख्या भारतीय छात्रों की है. विदेश जाकर पढ़ाई करने के मामले में भारतीय छात्रों की पसंदीदा लिस्ट में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया शामिल है. इन देशों की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है, इसलिए ये भारतीयों की पसंद बनता है. हालांकि पिछले कुछ वर्षों में जर्मनी, फ्रांस, रूस और सिंगापुर भी भारतीय छात्रों की पसंद बन रहा है.

परिवार वालों में बढ़ रहा है डर

Global Education Conclave के मुताबिक वर्ष 2022 में भारत से बाहर जाकर पढ़ाई करने वाले छात्रों ने लगभग 4 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं.  जबकि 2025 तक ये खर्च 50 प्रतिशत तक बढ़कर लगभग 6 लाख करोड़ रुपये तक हो जाएगा. यानी उच्च शिक्षा के मामले में विदेश जाकर पढ़ना, भारतीय छात्रों को पसंद है. अब मां-बाप भी अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजना चाहते हैं . लेकिन लेकिन अमेरिका, कनाडा या यूके जैसे देशों से जब भारतीय छात्रों की हत्या या संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की खबर आती है, तो डर लाजमी हो जाता है.



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