सच्चिदानंद/पटना. इस साल दीपावली का पर्व 12 नवंबर को है. दिवाली के दिन लोग माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं. इस दिन शुभ संयोग है. दरसअल कार्तिक कृष्ण प्रदोष और निशीथ व्यापिनी अमावस्या में 12 नवंबर रविवार को स्वाति, विशाखा नक्षत्र और आयुष्मान के साथ सौभाग्य योग के युग्म संयोग में दीपावली मनेगी, जो कि बेहद खास होगा.
पटना के मशहूर ज्योतिषविद् डॉ श्रीपति त्रिपाठी के अनुसार, इस दिन स्थिर लग्न में धन, वैभव की कामना से महालक्ष्मी, महासरस्वती, विघ्नहर्ता गणेश और कुबेर की विधिवत पूजा की जाएगी. सालभर माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और धन का संकट नहीं रहता.
पूजा करने के ये हैं शुभ मुहूर्त
डॉ. श्रीपति त्रिपाठी के अनुसार , 12 नवंबर को लक्ष्मी पूजा के तीन शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. पहला कुंभ लग्न है जो दिन में 12 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर दोपहर 2 बजकर 16 मिनट तक चलेगा. दूसरा और सर्वोत्तम मुहूर्त सांय 5:13 बजे से शुरू होगा और 07:17 बजे तक रहेगा. जबकि तीसरा मुहूर्त सिंह लगन में रात्रि 11: 51 बजे से लेकर 02:04 बजे तक रहेगा. इसी लग्न में बड़े उद्योग वाले लोग पूजा कर सकते हैं. इस दिन गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है.
क्यों मनाई जाती है दिवाली?
डॉ. श्रीपति त्रिपाठी के मुताबिक, हम सभी जानते हैं कि जब भगवान राम 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे तो लोगों ने उनके स्वागत में घी के दीपक जलाकर अपनी खुशी का इजहार किया. उसी दिन से दीपावाली मनाई जाती है. इसके अलावा भी कई कहानियां प्रचलित हैं. मसलन 13 वर्षों बाद जब पांडव वनवास के बाद हस्तिनापुर लौटे तब वहां के लोगों ने दीपक जलाकर खुशी मनाई थी. वहीं, समुंद्र मंथन के दौरान निकले 14 रत्नों में से माता लक्ष्मी का अवतरण हुआ था, इसीलिए माता लक्ष्मी के प्रकाट दिवस होने के कारण इस दिन दिवाली मनाई जाती है. इसके अलावा एक और कथा प्रचलित है कि नरकासुर के आतंक से जब लोग त्राहिमाम कर रहे थे, उस समय भगवान विष्णु ने उसका वध किया था. ग्रामवासियों ने दीपक जलाकर अपनी खुशी जाहिर की थी.
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FIRST PUBLISHED : November 11, 2023, 07:20 IST