लखेश्वर यादव/जांजगीर चांपा: धनतेरस का त्यौहार कार्तिक महीना के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. इसे छोटी दीपावली के नाम से भी जानते हैं. धनतेरस के दिन से ही दीपावली की शुरुआत होती है. इस साल धनतेरस 10 नवंबर 2023 शुक्रवार को मनाया जाएगा.
धनतेरस के बारे में जांजगीर के पंडित बसंत तिवारी महाराज ने बताया कि हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, धनतेरस के दिन ही आयुर्वेद के जनक माने, जाने वाले भगवान धन्वंतरी का भी जन्म (अवतार) हुआ था. इसलिए धनतेरस की पूजा की जाती है. इस दिन खरीददारी करना या कोई भी नया समान लेना काफी शुभ माना जाता है. इसी कारण लोग धनतेरस के दिन बर्तन, सोना, चांदी, झाड़ू आदि खरीदते हैं.
दीपदान करने से मनोकामनाएं होगी पूरी
बसंत महाराज ने बताया कि धनतेरस के दिन शाम के समय भगवान धनवंतरी जी, श्री लक्ष्मी मां, श्री गणेश जी और मां सरस्वती जी की पूजा की जाती हैं और लोग घरों में तेरह दीपक जलाते हैं. इस धनतेरस के दिन दीपदान करने की भी परंपरा है. मान्यता है कि धनतेरस पर दीपदान करने पर व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं शीघ्र ही पूरी हो जाती है.
धनतेरस पर 13 दीये जलाने का महत्व
पण्डित बसंत तिवारी महाराज ने बताया कि धनतेरस के दिन शाम के समय 13 दिए जलाने चाहिए. जिसमें से सबसे पहले दिया को दक्षिण दिशा में यम देवता के लिए रखना चाहिए और दूसरा दिया देवी मां लक्ष्मी के लिए जलाना चाहिए. तीसरा दिया तुलसी महारानी के लिए, इसी तरह दो दीये, घर के मुख्य द्वार पर, एक दीये घर की छत पर और बाकी सभी दीये को घर के अलग-अलग कोने में रख देना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : November 3, 2023, 13:59 IST