DGCA ने फिर दी Airlines में चालक दल के सदस्यों को सलाह, कहा- अल्कोहल वाले माउथवॉश, टूथ जेल का इस्तेमाल न करें

भारत में पायलटों और क्रू मेंबर्स के लिए कई तरह के नियम बनाए जाते हैं जिसका उन्हें सख्ती से पालन करना होता है। ये नियम तमाम चीजों को ध्यान में रखकर बनाए जाते है। इसी बीच विमानन नियामक डीजीसीए ने पायलट और चालक दल के सदस्यों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए है। इन दिशानिर्देशों का पालन पायलटों और क्रू के सदस्यों को करना होगा।

नए दिशानिर्देशों के मुताबिक अब चालक दल के सदस्य कई ऐसी चीजों का भी उपयोग नहीं कर सकेंगे जो आमतौर पर व्यक्ति रोजमर्रा के जीवन में इस्तेमाल करता है। आम जनता के लिए डीजीसीए ने नए दिशानिर्देश बेहद अटपटे भी हो सकते है।

विमानन नियामक डीजीसीए ने नए दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा है कि पायलट और चालक दल के सदस्यों को माउथवॉश, टूथ जेल या एल्कोहल युक्त ऐसे किसी भी पदार्थ का उपयोग करने पर पांबदी होगी। डीजीसीए ने अपने विमानों के चालक और सहयोगी दल में शामिल कर्मचारियों को मेडिकल चेकअप में खरा उतरने के उद्देश्य से ये कदम उठाया है। अब अल्कोहल युक्त जितने भी प्रोडक्ट हैं उनका उपयोग चालक दल के कर्मचारी नहीं कर सकेंगे। डीजीसीए इस संबंध में संशोधित मानदंडों को जारी कर चुका है।

बता दें कि इस संबंध में डीजीसीए ने बुधवार एक नवंबर को ही नए दिशानिर्देश जारी किए है। इनके मुताबिक अब चालक दल द्वारा अल्कोहल की मात्रा वाले माउथवॉश या टूथ जेल के उपयोग पर पाबंदी होगी। इनके उपयोग से सांसों के विश्लेषक परीक्षण में नतीजे पॉजिटिव आ जाते है। डीजीसीए ने मूल रूप से विमानों को परिचालन को अधिक सुरक्षित बनाने के इरादे से इस कदम को उठाया है।

डीजीसीए ने कहा कि उसने विमानन उद्योग से मिले सुझाव के आधार पर मौजूदा नियमों के प्रावधानों को सुव्यवस्थित किया गया है। हालांकि, इसके प्रारूप में परफ्यूम को भी शामिल किया गया था लेकिन अंतिम सूची में इसे शामिल नहीं किया गया है। नियामक ने 30 अक्टूबर को जारी इस निर्देश में कहा, ‘‘चालक दल का कोई भी सदस्य किसी भी ऐसी दवा/ फॉर्मूलेशन का सेवन नहीं करेगा या माउथवॉश/टूथ जेल या ऐसे किसी उत्पाद का उपयोग नहीं करेगा जिसमें अल्कोहल की मात्रा हो। ऐसी दवा लेने वाले चालक दल के सदस्य को उड़ान से पहले कंपनी के चिकित्सक से परामर्श लेना होगा।’’ 

डीजीसीए के मुताबिक, ईंधन सेल प्रौद्योगिकी वाले श्वास विश्लेषक उपकरण का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया गया है और एजेंसियों की निगरानी एवं निरीक्षण की एक प्रक्रिया शुरू की गई है। विमानन कंपनियों को सहूलियत देने के लिए डीजीसीए ने श्वास विश्लेषक परीक्षण से गुजरने वाली इकाइयों का दायरा बढ़ा दिया है। चालक दल एवं सहयोगी स्टाफ के हरेक सदस्य को उड़ान ड्यूटी के पहले हवाई अड्डे पर सांस की जांच करानी होगी।

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