अभिषेक जायसवाल/वाराणसी. जगत के पालन हार श्री हरि विष्णु इन दिनों क्षीर सागर में शयन मुद्रा में है. हिन्दू पंचाग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी (देवशयनी एकादशी) को भगवान विष्णु शयन मुद्रा में चले जाते हैं. इनके शयन मुद्रा में जाने के साथ ही सभी मांगलिक कार्य भी रुक जाते हैं. अब वापस से भगवान विष्णु अब जगने वाले हैं. इसी महीने की 23 तारीख यानी कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु जग जाएंगे.
काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि श्री हरि विष्णु के जगने के साथ ही इस साल मांगलिक कार्य जैसे विवाह, शादी, मुंडन जैसे कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे. इसके अलावा इस दिन से ही चातुर्मास का समापन भी हो जाएगा. इस साल चार नहीं बल्कि पांच महीनों तक चातुर्मास था जिसके कारण सभी मांगलिक कार्य भी बंद थे.
बन रहा शुभ संयोग
ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय के मुताबिक, इस बार देवउठनी एकादशी पर कई ग्रहों का शुभ संयोग भी बन रहा है. इस दिन सिद्धि योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग भी है. 23 नवम्बर 2023 को ब्रह्म मुहूर्त में सिद्धि योग है, जो कि सुबह से शुरू होकर 11 बजकर 55 मिनट तक रहेगा. ऐसे में इस समय में स्नान और दान से भगवान विष्णु की कृपा बरसेगी. इसके अलावा पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग होगा, जोकि मनोकामनाओं की पूर्ति करेगा.
पूजन के लिए यह समय है बेहद शुभ
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के पूजा के लिए सबसे शुभ समय सुबह 7 बजकर 40 मिनट से 8 बजकर 42 मिनट तक है. 1 घंटे 2 मिनट के इस समय में भगवान विष्णु की पूजा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी. इसके अलावा माता लक्ष्मी की कृपा भी बरसेगी. (नोट: यह खबर धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषशास्त्र पर आधारित है. News 18 इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.)
.
Tags: Dharma Aastha, Lord vishnu, Religion 18, Varanasi news
FIRST PUBLISHED : November 21, 2023, 14:09 IST