कृष्ण गोपाल द्विवेदी/बस्ती. धर्म नगरी अयोध्या में दीपोत्सव को लेकर तैयारियां जोरों शोरों पर हैं. जिसमें देश-विदेश से पर्यटक भाग लेंगे लेकिन भगवान राम की कहानी बस्ती जनपद स्थित यज्ञ स्थल के बिना पूर्ण नहीं होती है. भगवान राम के अवतरण की रुप रेखा यहीं से तय हुई थी. यहां के मखौड़ा धाम में पुत्रकामेष्टि यज्ञ के बाद ही अयोध्या में भगवान राम ने अवतरण लिया था. इसलिए राम नगरी अयोध्या में सरयू तट पर होने वाले दीपोत्सव का असर यज्ञ स्थली पर भी देखने को मिलेगा. यज्ञ स्थली मखौड़ा धाम को भी दीपक से सजाया जाएगा.
आपको बता दें कि धर्म नगरी अयोध्या से मात्र 20 किमी दूर स्थित यज्ञ स्थली मखौड़ा धाम में भी देव दीपावली के दिन हजारों दीपों से सजाया जाएगा. जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु सम्मालित होंगे. मिट्टी के दीए के साथ-साथ ही इसमें शुद्ध सरसों के तेल का प्रयोग किया जाएगा. जिसके लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं. मखौड़ा धाम स्थित घाटों की साफ-सफाई भी करवाई जा रही है. धाम के मुख्य पुजारी सूरजदास वैदिक ने बताया कि प्रशासन के सहयोग से देव दीपावली के दिन अयोध्या के तर्ज पर यहां भी पूरे धाम को दीपो से सजाया जाएगा. जिसमें स्थानीय नागिरको के साथ ही पूरे जिले के लोग सम्मालित होंगे.
क्या है मखौड़ा धाम की मान्यता?
बस्ती जनपद के हरैया तहसील क्षेत्र स्थित मखौड़ा धाम एक बेहत ही पौराणिक और धार्मिक स्थल है. मान्यता है कि यहां पर राजा दशरथ ने श्रृंगी ऋषि से पुत्रकामेष्टि यज्ञ करवाया था. इसके बाद यज्ञ से मिली खीर खाने के बाद अयोध्या में भगवान राम, लक्ष्मण, भारत, शत्रुघ्न का जन्म हुआ था. मखौड़ा में आज भी लोग संतान प्राप्ति के लिए यहां यज्ञ करते हैं और उनकी मनोकामना पूरी भी होती है.
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FIRST PUBLISHED : November 6, 2023, 22:51 IST