दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव 22 सितंबर यानी शुक्रवार को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए है। अब चुनाव होने के बाद अगले ही दिन यानी शनिवार 23 सितंबर को इन चुनावों के परिणाम जारी किए जाएंगे। डूसू चुनाव अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव पदों के लिए आयोजित किए गए है।
इन चार पदों के लिए विभिन्न छात्र संघ पार्टियों के कुल 24 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे है। इन सभी किस्मत का फैसला 22 सितंबर को छात्रों ने बंद कर दिया है जिसका खुलासा कुछ ही देर में कर दिया जाएगा। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के लिए शनिवार को मतगणना आरंभ हो गई और सभी चार पदों- अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव तथा संयुक्त सचिव के लिए नतीजे जल्द ही घोषित किए जाएंगे।
#WATCH | Security has been tightened in the North Campus area of Delhi University ahead of the counting of votes for the Delhi University Students Union (DUSU) elections today. pic.twitter.com/2ctD3339G6
— ANI (@ANI) September 23, 2023
चार साल बाल हुए चुनाव
बता दें कि इस वर्ष लंबे अर्से के बाद डूसू चुनाव आयोजित हो रहे है। इससे पहले 2019 में हुए थे। कोविड-19 महामारी के कारण 2020 और 2021 में चुनाव नहीं कराए जा सके थे, जबकि शैक्षणिक कैलेंडर में संभावित व्यवधानों के कारण 2022 में इसका आयोजन नहीं हो सका। चुनाव के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रोफेसर चंद्रशेखर ने बताया कि इन चुनावों में 42 प्रतिशत मतदान हुआ। चुनाव में करीब एक लाख छात्र मतदान करने के योग्य थे। इससे पहले 2019 में हुए डूसू चुनाव में मतदान प्रतिशत 39.90 रहा था जबकि 2018 और 2017 में मतदान प्रतिशत क्रमश: 44.46 और 42.8 फीसदी रहा था।
केंद्रीय पैनल के लिए 52 कॉलेज और विभागों में चुनाव ईवीएम के माध्यम से कराए गए, जबकि कॉलेज संघ चुनावों के लिए मतदान कागजी मतपत्र पर हुआ। फीस वृद्धि, किफायती आवास का अभाव, कॉलेज में विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के दौरान सुरक्षा बढ़ाई जाना और मासिक धर्म अवकाश चुनाव में छात्रों के लिए मुख्य मुद्दे रहे। इन चुनावों में राजनीतिक दल विभिन्न संगठनों को समर्थन देते हैं, ऐसे में ये चुनाव युवा मतदाताओं के मिजाज को भांपने का एक तरीका हैं। इस साल के चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले हुए हैं। कांग्रेस से संबद्ध ‘नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया’ (एनएसयूआई) ने 17 कॉलेज (दिन की पाली वाले कॉलेज) में चुनाव जीतने का दावा किया है, जबकि आरएसएस समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने 34 में जीत का दावा किया है।
एबीवीपी, एनएसयूआई, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी समर्थित ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (एसएफआई) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा-माले) से संबद्ध ‘ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन’ (एआईएसए) ने सभी चार पदों के लिए उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है। एबीवीपी ने 2019 डूसू चुनाव में चार पदों में से तीन पर जीत दर्ज की थी। दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिकतर कॉलेजों और संकायों के लिए डूसू मुख्य प्रतिनिधि निकाय है। हर कॉलेज का अपना अलग छात्र संघ भी है, जिसके लिए हर साल चुनाव होता है।
पूरे इलाके में कड़ी सुरक्षा
दिल्ली विश्वविद्यालय में हो रही मतगणना से पहले ही पूरे इलाके में सुरक्षा के चाकचौबंद इंतजाम किए गए है। जानकारी के मुताबिक दिल्ली विश्वविद्यासय छात्र संघ चुनावों के लिए मतगणना नॉर्थ कैंपस स्थित कॉन्फ्रेंस सेंटर में की जा रही है। इस कॉन्फ्रेंस सेंटर में ही चीफ इलेक्शन ऑफिसर प्रोफेसर चंद्रशेखर भी मौजूद है। पूरी दिल्ली यूनिवर्सिटी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं।