दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस की छात्राओं ने हाल ही में दिल्ली पुलिस के साथ बैठकर कॉफी पी और एक पुलिसकर्मी के जीवन के भीतर चल रही जद्दोजहद को जानने की कोशिश की।
छात्राओं को इस बातचीत के दौरान पुलिस के मानवीय पहलू से रूबरू होने में भी मदद मिली।
दिल्ली पुलिस के उत्तरी जिले के अधिकारियों ने मिरांडा हाउस के साथ मिलकर कॉफी विद अ कॉप कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसमें वे छात्राओं के साथ आराम से बैठकर गपशप करेंगे।
वहीं, कॉलेज के लिए इस पहल का मकसद विश्वविद्यालय में लिंग एवं सुरक्षा ऑडिट शुरू करने में मदद करना है।
अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस के मौके पर 21 सितंबर को पहले सत्र का आयोजन किया गया था, जिसमें 100 छात्राओं के एक समूह को उत्तरी जिले के पुलिस उपायुक्त सागर सिंह कलसी ने संबोधित किया था।
कलसी ने बताया कि पुलिस का मकसद महीने में दो बार 20 से 40 छात्राओं के एक समूह के साथ इस तरह के संवाद सत्र का आयोजन करना है, जिसमें करियर, कानून-व्यवस्था, छात्र-पुलिस टकराव और सामुदायिक सेवा से जुड़े विषयों पर चर्चा की जाए।
अधिकारी के मुताबिक, इस पहल के पीछे का मकसद पुलिस के प्रति छात्रों के रवैये में बदलाव लाना है, जो उसे अक्सर एक ‘असंवेदनशील बल’ के रूप में देखते हैं।
उन्होंने उम्मीद जताई कि एक बार बीट पुलसकर्मी छात्राओं के साथ बातचीत करना शुरू कर देंगे, तो उन्हें मालूम पड़ जाएगा कि पुलिस उनसे अलग नहीं है और जल्द ही खाकी को लेकर उनके मन में मौजूद डर खत्म हो जाएगा।
कलसी के अनुसार, पुलिस के प्रति उनका रवैया बदलेगा। बातचीत जितनी अधिक मैत्रीपूर्ण होगी, उतना ही उन्हें समझ आएगा कि पुलिस अधिकारी भी संवेदनशील होते हैं।
दिल्ली पुलिस ने बताय कि मिरांडा हाउस पहला कॉलेज है, जिसे इस पहल के लिए चुना गया है।
उसने कहा कि इससे हमें भविष्य के सत्रों के लिए संकेत मिलेगा कि किस तरह अन्य कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में इस तरह की बातचीत शुरू की जाए।
इस पहल के अंतर्गत छात्र-छात्राओं को पुलिस के अलग-अलग स्तर के अधिकारियों के अलावा सहायक पुलिस आयुक्त और अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जैसे शीर्ष अधिकारियों के साथ बातचीत करने का मौका मिलेगा।
ये पुलिस अधिकारी छात्र-छात्राओं के सवालों के जवाब देने के साथ ही उन्हें करियर संबंधी परामर्श मुहैया कराएंगे।
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