Delhi Metro: वॉयलेट लाइन पर बढ़ सकती है यात्रियों की बेचैनी, 6 मेट्रो में शुरू होने जा रहा ये पायलट प्रोजेक्ट

हाइलाइट्स

दिल्‍ली मेट्रो की वॉयलेट लाइन पर ट्रेनों में ऑडियो विज्ञापन की शुरुआत की गई है.
साइकोलॉजिस्‍ट की मानें तो लगातार कान पर बजते विज्ञापन यात्रियों के लिए परेशान करने वाले हो सकते हैं.

Delhi metro Audio Ads: दिल्‍ली की सड़कों पर ट्र्रैफिक जाम के शोरगुल से बचने के लिए अगर आप दिल्‍ली मेट्रो ट्रेन में सफर करते हैं और शांति की उम्‍मीद रखते हैं तो आपके लिए बुरी खबर है. डेढ़ घंटे की आपकी जर्नी में आपके कान पर सिर्फ दरवाजे दायीं तरफ खुलेंगे या बायीं तरफ खुलेंगे ही नहीं बजेगा, बल्कि एक ऐसी आवाज गूंजेगी और लगातार ऐसी चीज सुनने को मिलेगी जिससे बचने के लिए आप यूट्यूब और डिज्‍नी प्‍लस हॉटस्‍टार जैसे चैनलों के प्रीमियम सब्‍सक्रिप्‍शंस लेते हैं.

जी हां अब से आपको दिल्‍ली मेट्रो में गंतव्‍य स्‍टेशनों, यात्रा के तरीकों के अलावा विज्ञापन भी सुनने को मिलेंगे. ये ऑडियो एडवरटाइजमेंट होंगे. ऐसा सिर्फ एक बार नहीं होगा बल्कि आपकी करीब डेढ़ घंटे की यात्रा में आपको कई बार सुनना पड़ सकता है.

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दिल्‍ली मेट्रो ट्रेनों में ऑडियो एडवरटाइजमेंट शुरू हो गए हैं.

दिल्‍ली मेट्रो ट्रेनों में ऑडियो एडवरटाइजमेंट शुरू हो गए हैं.

बता दें कि दिल्‍ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने हाल ही में अपने नेटवर्क के माध्‍यम से विज्ञापन प्रसारित करने का फैसला कर लिया है. दिल्‍ली मेट्रो ने पायलट प्रोजेक्‍ट के तौर पर इसे सबसे पहले दिल्‍ली मेट्रो की वॉयलेट लाइन पर कश्‍मीरी गेट से बदरपुर के लिए शुरू किया है. दिल्‍ली मेट्रो का कहना है कि इन विज्ञापनों को दिल्‍ली मेट्रो की जरूरी अनाउंसमेंट के साथ इतने अच्‍छे ढंग से जोड़कर प्रसारित किया जाएगा कि यात्रियों को सुख का अनुभव होगा.

दिल्‍ली मेट्रो की ओर से बताया गया है कि फिलहाल मेट्रो ट्रेनों में अनाउंसमेंट के साथ ऑडियो विज्ञापन की सुविधा 6 ट्रेनों में शुरू की जा रही है. ये विज्ञापन दिसंबर 2023 से लेकर एक साल तक प्रसारित होंगे. फीडबैक के बाद अन्‍य लाइनों पर भी विस्‍तार किया जाएगा. डीएमआरसी का कहना है कि मुंबई मेट्रो भी वर्सोवा से घाटकोपर तक ऐसी सुविधा दे रही है. वहीं डीएमआरसी का ये भी कहना है कि कोविड के चलते सीमित हुए आय के स्‍त्रोतों के चलते मेट्रो और नए गैर टिकटिंग स्‍त्रोतों से राजस्‍व जुटाने के लिए भी ये सब कर रही है.

कितना लंबा होगा विज्ञापन?
दिल्‍ली मेट्रो की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि मेट्रो ट्रेनों में चलने वाले विज्ञापनों की अवधि करीब 20 से 40 सेकेंड के बीच होगी. यानि मेट्रो के अनिवार्य अनाउंसमेंट के बीच में जो समय बचता है उसमें यात्रियों को ये एडवरटाइजमेंट्स सुनने को मिलेंगे.

किन भाषाओं में होंगा एडवरटाइजमेंट?
ये विज्ञापन हिंदी और अंग्रेजी दोनों में से किसी भी भाषा में हो सकते हैं. इसके साथ ही ये प्राइवेट कंपनी या किसी सरकारी संस्‍थान के हो सकते हैं.

कौन से विज्ञापन होंगे बैन?
दिल्‍ली मेट्रो ट्रेनों में जो भी विज्ञापन सुनाए जाएंगे उनकी बाकायदा स्‍क्रूटनी की जाएगी. मेट्रो में पान-मसाला, धूम्रपान आदि चीजों के विज्ञापन प्रसारित नहीं किए जाएंगे.

कौन सी हैं वे 6 ट्रेनें?
दिल्‍ली मेट्रो का कहना है कि विज्ञापनों की अनाउंसमेंट वाली ट्रेनें कश्मीरी गेट से बदरपुर के बीच में चल रही हैं. ये किस समय पर चलती हैं और कौन-कौन सी ट्रेन हैं, इनका टाइम-टेबल शेयर नहीं किया जा सकता है.

दिल्‍ली मेट्रो में कौन करते हैं सफर?
दिल्‍ली मेट्रो में बहुत बड़ी संख्‍या में ऑफिस जाने वाले, पढ़ने वाले और कामकाजी लोग सफर करते हैं. इनमें से भी अधिकांश लोग मेट्रो में सफर के दौरान किसी न किसी शेड्यूल, प्‍लानिंग, मीटिंग, कॉन-कॉल, किताबें पढ़ने या जरूरी अपडेट देखने में व्‍यस्‍त रहते हैं. बहुत सारे लोग सड़क के शोर से बचने के लिए मेट्रो लेते हैं और शांति भरा सफर करना पसंद करते हैं.

क्‍या कहती हैं साइकोलॉजिस्‍ट…
20 साल से मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पर काम कर रहीं मेंटल हेल्‍थकेयर प्रोफेशनल डॉ. निशा खन्‍ना कहती हैं कि मेट्रो में अनिवार्य अनाउंसमेंट एक बेहद जरूरी चीज है जो होगी ही. अगर कोई व्‍यक्ति पसंदीदा गीत सुनता है तो वह एक या दो घंटे तक सुन सकता है लेकिन किसी ऐसी आवाज या बात के लगातार और लंबे समय तक कान पर बजते रहना, जो पसंद नहीं है, काफी परेशानी भरा हो सकता है. फिर वह एडवरटाइजमेंट है तो इससे लोग काफी हद तक परेशान हो सकते हैं.

कश्‍मीरी गेट से बदरपुर के बीच लगने वाला समय करीब डेढ़ घंटा है, ऐसे में इस दौरान अनाउंसमेंट के साथ विज्ञापन लगातार सुनना उन लोगों की मेंटल हेल्‍थ के लिए खराब हो सकता है, जो इस समय कोई मीटिंग, कॉल या एकाग्रता वाला जरूरी काम करना चाहते हैं या पूरी तरह शांति से बैठना चाहते हैं. इसके प्रभाव के रूप में लोगों में चिड़चिड़ापन, खीझ, कई बार गुस्‍सा, मूड अपसेट होना, मूड बुरी तरह खराब होना, फोन पर बात न कर पाने की वजह से परेशान होने की समस्‍याएं देखने को मिल सकती हैं.

जहां तक एडवरटाइजमेंट की बात है तो लोग यूट्यूब, न्‍यूज या किसी भी मनोरंजक चैनल पर भी विज्ञापन देखना पसंद नहीं करते और इसीलिए इनके प्रीमियम सब्सिक्रिप्‍शन तक लेते हैं, ताकि बिना एड के देख सकें. अब सोचिए अगर उन्‍हें डेढ़ की घंटे की यात्रा के दौरान बार-बार विज्ञापन सुनने को मिलेगा तो कैसा लगेगा. मेट्रो की यात्रा जितनी हो सके शांतिमय होनी चाहिए.

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Tags: Delhi Metro, Delhi Metro News, Delhi Metro operations

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