भाजपा ने वचन पत्र में कई वादे किये थे तो आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल गारंटी पत्र पेश किया था जिसमें कई लोक लुभावने वादे किये थे। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल समेत पार्टी के प्रमुख नेताओं का गुजरात में चुनाव प्रचार पर ज्यादा जोर रहा।
दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए मतों की गिनती बुधवार सुबह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हो गई। फिलहाल जो शुरुआती रुझान सामने आ रहे हैं उसके मुताबिक भाजपा 130 सीटों पर बढ़त बनाये हुए है और आम आदमी पार्टी 127 सीटों पर आगे है। इस तरह केंद्र में सत्तारुढ़ भाजपा और दिल्ली में सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला नजर आ रहा है। वहीं कांग्रेस चार सीटों पर आगे चल रही है। भाजपा पिछले 15 साल से एमसीडी में सत्ता में है इसलिए यदि उसकी फिर से सत्ता में वापसी होती है तो यह बड़े चमत्कार की तरह होगा क्योंकि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में एमसीडी के पूरी तरह विफल होने का आरोप लगाया था। आम आदमी पार्टी का आरोप था कि भाजपा के राज में दिल्ली में कूड़े का पहाड़ और कूड़े के ढेर लगे हुए हैं जबकि भाजपा ने आम आदमी पार्टी की राज्य सरकार पर आरोप लगाया था कि उसने सदैव एमसीडी के कामकाज को बाधित किया।
दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा ने वचन पत्र में कई वादे किये थे तो आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल गारंटी पत्र पेश किया था जिसमें कई लोक लुभावने वादे किये थे। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल समेत पार्टी के प्रमुख नेताओं का गुजरात में चुनाव प्रचार पर ज्यादा जोर रहा इसीलिए आम आदमी पार्टी दिल्ली में स्थानीय नेताओं की ओर से किये जा रहे प्रचार के भरोसे ही रह गयी थी। जबकि भाजपा के आला नेता खुद भी दिल्ली में प्रचार कर रहे थे और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और कई केंद्रीय मंत्रियों को भी चुनाव प्रचार में उतार दिया था। खुद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे बड़े नेताओं ने भाजपा के लिए दिल्ली में रोड़ शो और जनसभाएं की थीं।
कांग्रेस शुरू से ही पिछड़ी नजर आ रही थी और वह मुकाबले में कहीं नहीं दिख रही थी। कांग्रेस ने यह चुनाव कितनी गंभीरता से लड़ा इसका अंदाजा इसी बात से लग जाता है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी को चुनाव वाले दिन पता चला कि उनका नाम मतदाता सूची में नहीं है। कांग्रेस की दिल्ली इकाई पूरी तरह बिखरी हुई है जिसका खामियाजा दिल्ली नगर निगम चुनावों में पार्टी को उठाना पड़ रहा है।
हम आपको यह भी बता दें कि दिल्ली नगर निगम के 250 वार्ड के लिए चार दिसंबर को मतदान हुआ था जिसमें 1,349 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी है। चुनाव में इस बार 50.48 प्रतिशत मतदान हुआ था। मतगणना के लिए 42 केंद्र बनाए गए हैं जहां कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना का काम किया जा रहा है। चुनाव पूर्व अनुमानों यानि एक्जिट पोलों की बात करें तो अधिकांश सर्वेक्षणों में ‘आप’ की जीत का पूर्वानुमान लगाया गया है। इसमें भाजपा दूसरे और कांग्रेस तीसरे स्थान पर बतायी गयी।
हम आपको यह भी बता दें कि इससे पहले 2017 के नगर निगम चुनाव में भाजपा ने 270 वार्ड में से 181 पर जीत दर्ज की थी। उस समय प्रत्याशियों के निधन के कारण दो सीट पर मतदान नहीं हो सका था। 2017 में ‘आप’ ने 48 वार्ड और कांग्रेस ने 27 वार्ड जीते थे। उस साल करीब 53 प्रतिशत मतदान हुआ था।