नई दिल्ली :
नांगलोई और पंजाबी बाग के क्षेत्रों को जल्द ही सीवर जाम की समस्या से निजात मिलने वाली है. दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने आज नांगलोई क्षेत्र का दौरा कर क्षेत्र की सीवर व्यवस्था का निरीक्षण किया. साथ ही वे दिल्ली मेट्रो की कंस्ट्रक्शन साइट पर भी पहुंचे, जहां उन्होंने दिल्ली मेट्रो के निर्माण कार्य की वजह से डीजेबी की क्षतिग्रस्त सीवर लाइन का भी निरीक्षण किया. सोमनाथ भारती ने अधिकारियों को 15 दिनों में सीवर लाइन की मरम्मत कर समस्या का समाधान करने का निर्देश भी दिया.
गौरतलब है कि, दिल्ली जल बोर्ड को स्थानीय विधायक और लोगों की तरफ से नांगलोई क्षेत्र में सीवर जाम की शिकायतें लगातार मिल रही थी. शिकायतों का संज्ञान लेते हुए मंगलवार को डीजेबी के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने नांगलोई विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया. निरीक्षण के बाद सोमनाथ भारती ने बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्लीवासियों की समस्याओं को लेकर 24 घंटे सतर्क है और वह मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के निर्देश और लोगों की शिकायतें मिलने के बाद आज नांगलोई का दौरा करने आए हैं.
उन्होंने बताया कि नांगलोई क्षेत्र में दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के निर्माण कार्य के कारण दिल्ली जल बोर्ड की सीवर व्यवस्था प्रभावित हुई है. डीजेबी को सूचना दिए बिना डीएमआरसी ने सड़कों की खुदाई कर दी. जिसकी वजह से यहां से गुजरने वाली डीजेबी की भूमिगत सीवर लाइन टूट गई. उन्होंने कहा कि डीएमआरसी की लापरवाही के चलते सीवर लाइन टूटने से नांगलोई और पंजाबी बाग में कई जगह सीवर जाम की समस्या उत्पन्न हो गई. इसका खामियाजा आम लोग और डीजेबी को भुगतना पड़ रहा है.
सड़क की खुदाई की पूर्व सूचना डीजेबी को देना आवश्यक
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती का कहना है कि, डीजेबी ने जब मामले की जांच की तो जानकारी में आया कि, यहां डेढ़ महीने पहले डीएमआरसी के निर्माण कार्य के कारण सीवर लाइन को नुकसान पहुंचा था. डीएमआरसी ने ना तो सीवर लाइन टूटने की जानकारी डीजेबी को दी और ना ही खुदाई से पहले डीजेबी को अवगत कराया. डीएमआरसी और डीजेबी के अधिकारियों को 15 दिनों के भीतर सीवर लाइन की मरम्मत का काम खत्म कर स्थिति को सामान्य करने का निर्देश दिया गया है.
साथ ही वैकल्पिक व्यवस्था के तहत जल निकासी के लिए मोटर लगाकर सीवर के पानी को निकलने की व्यवस्था कराई जा रही है. डीजेबी उपाध्यक्ष ने कहा कि इस प्रकार की स्थिति से बचने के लिए डीएमआरसी, एमसीडी और आईजीएल जैसी एजेंसियों का डीजेबी के साथ बेहतर तालमेल होना आवश्यक है. सड़कों की खुदाई से पहले डीजेबी को इसकी पूर्व सूचना देना अनिवार्य होना चाहिए. ऐसी व्यवस्था होने से लोगों को इस प्रकार की मुसीबतों का सामना नहीं करना पड़ेगा.