Deepdaan: कार्तिक पूर्णिमा पर इस विधि से जलाएं दीपक, मिलेगा अनंत फल! ज्योतिष से जानें महत्व

सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या: सनातन धर्म में कार्तिक माह बहुत पवित्र माना जाता है. कार्तिक माह में सनातन धर्म को मानने वाले लोग कल्पवश करते हैं. धार्मिक मान्यता के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा के दिन आश्रम दान और दीपदान करने से जातक को कई गुना फल की प्राप्ति भी होती है. हिंदू पंचांग के मुताबिक इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा का स्नान 27 नवंबर को है. अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा पर तमाम सनातनी भाई-बहन पवित्र नदियों में स्नान कर दान पुण्य करते हैं और दीपक प्रज्वलित करते हैं.

किंतु दीपक जलाने की विधि की अज्ञानता के चलते उन्हें मानसिक संतोष तो हो जाता है किंतु उसका पुण्य फल उन्हें नहीं प्राप्त होता है. ध्यान रहे किसी भी पवित्र नदी गंगा, यमुना, सरस्वती और सरयू जहां भी आप स्नान दान के बाद दीपक प्रज्वलित कर उसे पवित्र जल में प्रवाहित करते हैं. उससे पहले उस विधान का पालन जरूर करें. जिससे कि आपके द्वारा छोड़े गए दीपक का अनंत गुना फल आपको प्राप्त हो.

दीपदान करते समय करें नियमों का पालन
कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपक दान करते समय सबसे पहले आप एक दोनें अथवा दीपक में बासमती के थोड़े चावल डाल दें. फिर पुष्प लेकर इस चावल के ऊपर बिखर दें और घी अथवा तिल के तेल की बत्ती पर थोड़ा सा कपूर डाल दें और दीपक प्रज्वलित कर उसे जल में प्रवाहित कर दें.

इस तरह होगी अनंत फल की प्राप्ती
ऐसा करने के बाद आपके वह चावल दीपक की लौं में भून जाएंगे. दीपक की लौं पूर्ण होने के बाद उन चावल को जल में विचरण करने वाले जीव जंतु उसको आहार के रूप में ग्रहण करेंगे. आपके इस विधान का पालन करने पर आपके छोड़े गए एक दीपक का ही अनंत गुना फल आपको प्राप्त होगा और कार्तिक पूर्णिमा में छोड़े गए दीपक पूर्ण फल सहितापूर्वक प्राप्त करें.

नोट: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष के मुताबिक है. न्यूज़ 18 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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