David Warner: ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज ओपनिंग बल्लेबाज़ ने वनडे और टेस्ट दोनों ही फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है और अब पाकिस्तान के खिलाफ आखिरी टेस्ट मैच से पहले पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क का मानना है कि डेविड वार्नर की असाधारण प्रतिभा के कारण ही यह सुनिश्चित हो पाया कि मैदान के बाहर कुछ मुद्दों के बावजूद इस विस्फोटक सलामी बल्लेबाज का क्रिकेट आस्ट्रेलिया के साथ अनुबंध खत्म नहीं हो. पाकिस्तान के खिलाफ बुधवार से शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट मैच के बाद 37 वर्षीय वार्नर इस प्रारूप से संन्यास ले लेंगे.
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अपने करियर के दौरान वह विवादों से भी जुड़े रहे जिनमें 2018 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच में गेंद से छेड़छाड़ करना भी शामिल है. क्लार्क ने ईएसपीएन के ‘अराउंड द विकेट’ शो में कहा,‘‘डेवी (वार्नर) शुरू से ही मजबूत इरादों वाले व्यक्ति हैं. उस जैसा दृढ़ और आक्रामक रवैया रखने वाला खिलाड़ी मुझे टीम में पसंद था लेकिन मैदान के बाहर भी उसका रवैया ऐसा ही था जिसके कारण वह परेशानियों में भी पड़ा.”
वार्नर को 2013 में जब बर्मिंघम के एक बार में जो रूट के साथ झगड़े के कारण निलंबित किया गया था तब क्लार्क ही ऑस्ट्रेलिया के कप्तान थे. इस कारण वार्नर उस साल एशेज के पहले दो टेस्ट मैच में नहीं खेल पाये थे. क्लार्क ने कहा,‘‘लेकिन मेरा मानना है कि उसे सीनियर खिलाड़ियों और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का काफी समर्थन मिला जिससे उसे अपना अनुबंध बरकरार रखने में मदद मिली. उसे टीम में बनाए रखने के लिए हमें थोड़ा लड़ना भी पड़ा क्योंकि वह टीम के लिए बेहद महत्वपूर्ण खिलाड़ी था.”