पंजाबी-हिदी फिल्मों के अभिनेता और पहलवान रहे दारा सिंह किसी पहचान के मोहताज नहीं है। आज यानी की 19 नवंबर को दारा सिंह का जन्म हुआ था। पहलवानी से लेकर फिल्म और राजनीति में दारा सिंह ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है। बता दें कि रामानंद सागर के ‘रामायण’ में दारा सिंह ने हनुमान जी का किरदार निभाया था। जो आज भी दर्शकों के दिलों में जिंदा है। दारा सिंह एक प्रतिभाशाली कलाकार होने के साथ ही बेहद फेमस पहलवान और निर्माता-निर्देशक भी थे। आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर दारा सिंह के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…
जन्म
पंजाब के अमृतसर स्थित धरमूचक गांव में 19 नवंबर 1928 को दारा सिंह का जन्म हुआ था। दारा सिंह को बचपन से ही कुश्ती लड़ने का शौक था। वहीं समय के साथ वह भारत के फेमस पहलवान थे। उनके पिता का नाम सूरत सिंह रंधावा और मां का नाम बलवंत कौर था। बता दें कि महज 17 साल की उम्र में दारा सिंह एक बच्चे के पिता भी बन गए थे। वहीं बाद में उन्होंने दूसरी शादी की भी की थी।
पहलवानी
वैसे तो बचपन से दारा सिंह की कद-काठी काफी अच्छी थी। वह अपने जमाने के सभी नामी पहलवानों को आसानी से चारों खाने चित कर देते थे। आपको जानकर हैरानी होगी कि दारा सिंह ने अपने कुश्ती के करियर में करीब 500 मुकाबले खेले थे। लेकिन इनमें से एक भी मुकाबले में दारा सिंह को हार नहीं मिली थी। उन्होंने 55 साल तक की उम्र तक पहलवानी की थी, जोकि अपने आप में ही एक रिकॉर्ड था।
दारा सिंह के वैसे तो मुकाबले रोमांच से भरपूर होते थे। वहीं आज भी ऑस्ट्रेलिया के किंग कॉन्ग के साथ हुए उनके मुकाबले को याद किया जाता है। उस दौरान दारा सिंह का वेट 130 किलोग्राम था। तो वहीं किंग कॉन्ग का वजन 200 किलोग्राम था। लेकिन इसके बाद भी किंग को एक झटके में दारा सिंह ने अपने सिर से ऊपर उठा लिया और घुमा कर फेंक दिया। उस दौरान मौके पर मौजूद दर्शकों की आंखें खुली की खुली रह गई थीं।
फिल्मी सफर
साल 1952 में दारा सिंह ने अपने फिल्मी कॅरियर की शुरूआत ‘संगदिल’ से किया था। इस फिल्म में दिलीप कुमार और अभिनेत्री मधुबाला मुख्य भूमिका में थी। इसके बाद दारा सिंह ने कई फिल्मों जैसे मेरा नाम जोकर, धर्मात्मा, मर्द, फौलाद और राम भरोसे आदि में काम किया। वहीं साल 2007 में उन्होंने आखिरी बार फिल्म ‘जब वी मेट’ में करीना कपूर के दादाजी का रोल किया था। उन्होंने अपना स्टूडियो भी शुरू किया था। जिसमें वह पंजाबी फिल्में बनाते थे। दारा सिंह ने 7 पंजाबी फिल्में डायरेक्ट की थीं। वहीं उन्होंने करीब 100 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया था।
राजनीतिक सफर
इसके अलावा साल 1998 में दारा सिंह ने भाजपा ज्वॉइन कर ली थी। उस दौरान वह पहले ऐसे स्पोर्ट्सपर्सन थे। जिन्हें राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया गया था। साल 2003 से लेकर 2009 तक वह राज्यसभा के सदस्य रहे थे। इसके अलावा दारा सिंह जल महासभा के अध्यक्ष पद पर भी रहे।
इसके अलावा दारा सिंह ने रुस्तम- ए- पंजाब, रुस्तम ए हिंद जैसे टाइटल जीते। बता दें कि साल 1968 में वह अमेरिकी चैंपियन लाऊ थेज को हराकर वर्ल्ड चैंपियन बने थे। वहीं साल 1996 में रेसलिंग ऑब्जर्वर न्यूजलेटर हॉल ऑफ फ्रेम में दारा सिंह की तस्वीर शामिल हुई थी। साल 1983 में उन्होंने कुश्ती को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था।
मौत
दिल का दौरान पड़ने के कारण 7 जुलाई 2012 को दारा सिंह को हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया। जिसके बाद 12 जुलाई 2012 को उन्होंने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। भले ही आज दारा सिंह हम सभी के बीच नहीं हैं। लेकिन रामायण में दारा सिंह द्वारा निभाया गया हनुमान का किरदार आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है।