नई दिल्ली:
CUET UG Exam 2024: देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों में एडमिशन के लिए होने वाली सामान्य विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा- स्नातक (CUET UG) में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) बड़ा बदलाव करने जा रहा है. इस बदलाव में मार्क नॉर्मलाइजेशन को समाप्त करना भी शामिल है. कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट अंडरग्रेजुएट (सीयूईटी यूजी ) के संबंध में शीर्ष अधिकारियों की ओर से ये जानकारी दी गई है. जिसके मुताबिक, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) इस अहम परीक्षा में कई बड़े बदलाव करने की योजना बना रही है. बता दें कि इस परीक्षा का माध्यम से दिल्ली विश्वविद्यालय (DU), बनारस हिंदू विश्विद्यालय (BHU), अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) जामिया मिलिया विश्वविद्यालय समेत देश के 250 से ज्यादा विश्वविद्यालयों के स्नातक यानी यूजी कोर्सेज में एडमिशन होता है.
एनटीए कराता है सीयूईटी यूजी परीक्षा
बता दें कि सीयूईटी यूजी परीक्षा का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा कराया जाता है. इस परीक्षा के प्रत्येक सत्र में उम्मीदवारों को प्रश्न पत्र के अलग-अलग सेट दिए जाते हैं. एनटीए प्रश्न पत्रों को समान स्तर का बनाने की पूरी कोशिश करती है, हालांकि, कई बार ये भी होता है कि किसी पाली में उम्मीदवारों को परीक्षापत्र में कुछ कम कठिन प्रश्न दे दिए जाते हैं. जबकि किसी पाली में उम्मीदवारों को कुछ कठिन प्रश्न मिल जाते हैं. जिससे कठिन प्रश्न पत्र वाले उम्मीदवारों के कम अंक आते हैं. इस परेशानी को दूर करने के लिए और परीक्षा में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए, एनटीए प्रतिशत स्कोर के आधार पर अंकों के ‘यूजीसी नेट सामान्यीकरण’ का फॉर्मूला अपनाता है.
अब कम समय में होगी परीक्षा
इस परीक्षा का आयोजन अब तक कम से कम एक माह तक कराया जाता था. लेकिन एनटीए अब इस परीक्षा को इससे कम समय में कराने की कोशिश कर रहा है. साथ ही एजेंसी ओएमआर शीट और कंप्यूटर बेस्ट परीक्षा कराने की तैयारी में है. जिससे यह भी सुनिश्चित होगा कि अधिकतर छात्रों को अपनी पसंद के शहर में परीक्षा देने का मौका मिल सकता है.
ओएमआर आधारित होगी परीक्षा
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार के मुताबिक, इस परीक्षा के लिए बड़ी संख्या में छात्र रजिस्ट्रेशन कराते हैं, जिसके चलते एनटीए ओएमआर आधारित परीक्षाएं करा सकता है. इससे परीक्षा केन्द्र बनाने के लिए बड़ी संख्या में स्कूलों का चुनाव करने में मदद मिलेगी. साथ ही इससे सुनिश्चित होगा कि छात्रों को अपने शहरों या कस्बों में ही परीक्षा केन्द्र मिल जाएं. जिससे उन्हें किसी दूसरे शहर जाने की जरूरत न पड़े.