Crime: झुंझुनू में नकली नोट छापने की फैक्ट्री का भंडाफोड़! मार्केट में खपाए करोड़ों रूपये

Jhunjhunu Crime News: झुंझुनूं की चिड़ावा पुलिस ने नकली नोट छापने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में ​गैंग के सरगना समेत तीन जनों की गिरफ्तारी की गई है. इससे पहले मामले में एक आरोपी पूर्व में गिरफ्तारी हो चुका है. चिड़ावा सीआई विनोद सामरिया ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि इस पूरी कार्रवाई में डीएसटी प्रभारी शेरसिंह फोगाट और कांस्टेबल अमित मोटसरा का सराहनीय सहयोग रहा. जिसके कारण इस मामले का राजफाश किया जा सका.

ये है झुंझुनूं के पिलानी थाना क्षेत्र के खुडानिया गांव का शुभम जांगिड़. पेशे से वेबसाइट डवलपर. तकनीक का अच्छा जानकार. इसने कर डाला है ऐसा काम. जिसे कोई सोच भी नहीं सकता. जी, हां शुभम जांगिड़ को पुलिस ने नकली नोट छापने के आरोप में गिरफ्तार किया है. सीआई विनोद सामरिया ने बताया कि 15 दिसंबर को डीएसटी टीम ने अमित नाम के एक युवक को नकली नोट के साथ गिरफ्तार किया था. जिससे पूछताछ में जब पुलिस ने कड़ी से कड़ी मिलाई तो पूरा का पूरा गैंग धरा गया. इस गैंग का सरगना पिलानी थाना क्षेत्र के खुडानिया का रहने वाला शुभम जांगिड़ था. जो ना केवल खुद नकली नोट छाप रहा था. बल्कि उसने अपने जोधपुर के चौपासनी हाउसिंग बोर्ड निवासी दोस्त सुरेंद्र कुमावत और उसके भी दोस्त रामापीर कॉलोनी रातानाड़ा जोधपुर निवासी हिमांशु सोलंकी को नकली नोट छापना सीखा दिया.

चिड़ावा सीआई विनोद सामरिया ने बताया कि सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश करके रिमांड लिया जाएगा. ताकि मामले के हर पहलु की जांच की जा सके. उन्होंने कहा कि सभी आरोपियों से अलग—अलग पूछताछ भी की जाएगी. साथ ही उपकरणों की बरामदगी की जानी शेष है. सीआई ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि 20—25 दिनों से ही उन्होंने नकली नोट छापने का काम शुरू किया था. इसमें पूरा प्लान बनाने वाले शुभम ही था. अमित की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए अब तक इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है.

चिड़ावा सीआई विनोद सामरिया ने बताया कि शुभम जांगिड़ वेबसाइट डवलपर है. जोधपुर निवासी सुरेंद्र उसका मित्र है. शुभम ने सुरेंद्र को ही चिड़ावा में बुलाया था और चिड़ावा में संचालित खुशी होटल में कमरा किराया पर लेकर सुरेंद्र हिमांशु को नकली नोट छापना सिखाया. पिलानी से प्रिंटर खरीदा था और स्याही और कागज भी अलग—अलग जगहों से खरीदे थे. अभी सभी बरादमगी की जानी शेष है. साथ ही अब तक कितने नकली नोट उन्होंने बाजार में कहां—कहां पर खपाए है. वो भी जानकारी जुटाई जानी शेष है.

पुलिस ने ना केवल गैंग, बल्कि उसके सरगना को तो पकड़ लिया है. लेकिन एक महीने में आरोपियों ने लाखों रूपयों के नकली नोट जो बाजार में खपा दिए है. उन्हें ढूंढना नामुमकिन है. वहीं सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि शुभम और उसके साथी पुलिस को अभी भी झूठी कहानियां बता रहे है. असल में शुभम ने यह काम एक महीने से ज्यादा समय से पहले शुरू कर रखा था और अब तक 10 करोड़ रूपए के नकली नोट मार्केट में खपाने के भी अंदाजे भी लगाए जा रहे है. लेकिन इन बातों में कितना दम है और कहां तक सही है. यह तो पुलिस की जांच ही बताएगी. बहरहाल, नकली नोट के खिलाफ कम से कम राजस्थान में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है.

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