Crime: चुनाव से पहले शुरू होता है हथियारों का कारोबार, जानें कैसे लगती हैं मंडी

नई दिल्ली :

देश में आम चुनावों का बिगुल बज चुका है. चुनाव आते ही हथियारों की खऱीद-फरोख्त भी शुरू हो जाती है. क्योंकि लोग सुरक्षा के चलते अवैध हथियार खरीदते हैं.चुनावों से पहले हाथियारों की खरीद इसलिए बढ़ जाती है क्योंकि लोग चुनावी माहौल में सुरक्षा की चिंता करते हैं। चुनावी क्षेत्रों में अक्सर राजनीतिक गतिविधियों, आग्रहों और संघर्षों का खतरा होता है, और इसलिए लोग अपनी सुरक्षा के लिए हाथियारों की खरीद करने की प्रतिक्रिया करते हैं। इसके अलावा, चुनावों में बढ़ती राजनीतिक टेंशन और उलझन के कारण भी लोग हाथियारों की खरीद करते हैं ताकि वे खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें। चुनावों से पहले हथियारों की खरीद बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं –

1. राजनीतिक अस्थिरता का डर: चुनावों के दौरान, कुछ लोगों को राजनीतिक अस्थिरता या हिंसा का डर हो सकता है। वे अपनी सुरक्षा के लिए हथियार खरीद सकते हैं।

2. सामाजिक अशांति का डर: चुनावों के दौरान, कुछ लोगों को सामाजिक अशांति या दंगों का डर हो सकता है। वे अपनी सुरक्षा और अपनी संपत्ति की सुरक्षा के लिए हथियार खरीद सकते हैं।

3. राजनीतिक उम्मीदवारों के रुख का प्रभाव: कुछ राजनीतिक उम्मीदवार बंदूक नियंत्रण कानूनों के खिलाफ होते हैं। इन उम्मीदवारों के समर्थक चुनावों से पहले हथियार खरीद सकते हैं, इस डर से कि यदि ये उम्मीदवार चुनाव जीत जाते हैं, तो बंदूक नियंत्रण कानून सख्त हो जाएंगे।

4. हथियारों के व्यापारियों द्वारा मार्केटिंग: चुनावों से पहले, हथियारों के व्यापारी अक्सर अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए मार्केटिंग अभियान चलाते हैं। वे लोगों को डर का हवाला देकर हथियार खरीदने के लिए प्रेरित करते हैं।

5. सोशल मीडिया का प्रभाव: सोशल मीडिया पर अक्सर चुनावों से पहले हिंसा और अस्थिरता की अफवाहें फैलाई जाती हैं। इन अफवाहों से लोगों में डर पैदा हो सकता है, जिसके कारण वे हथियार खरीद सकते हैं।

चुनावों से पहले हथियारों की खरीद हमेशा नहीं बढ़ती है। यह कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि देश की राजनीतिक स्थिति, सामाजिक माहौल, और हथियारों के नियंत्रण कानून। हथियारों की खरीद हमेशा सुरक्षा का समाधान नहीं होती है। वास्तव में, यह हिंसा और अपराध को बढ़ा सकती है। चुनावों से पहले हथियारों की खरीद के बारे में निर्णय लेने से पहले, सभी कारकों पर ध्यान से विचार करना महत्वपूर्ण है।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *