Covid 19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए क्या बंद हो सकते हैं स्कूल, अभिभावकों ने स्कूलों से की दिशा निर्देश जारी करने की मांग

देश और दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में फिर से इजाफा होने लगा है। एक बार फिर से देश में भी कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। देश में बीते 24 घंटे के दौरान कोरोनावायरस के कुल 412 मामले सामने आए है। कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब अभिभावक भी परेशान हो गए है।

स्कूल जाने वाले बच्चों के अभिभावक कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सकते में आ गए है। माता-पिता बच्चों को स्कूल भेजने के फैसले को लेकर सकते में है। इसी बीच अभिभावकों ने मांग शुरू कर दी है कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए स्कूलों को संबंधित दिशा निर्देश जारी करने चाहिए।

इसी बीच दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली में तीन से चार कोरोना संक्रमण के मामले रोजाना देखने को मिल रहे है। उन्होंने ये भी कहा कि दिल्ली इस वायरस से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार तक देश में कोरोना वायरस संक्रमण के सब वेरिएंट जेएन.1 के 63 मामले सामने आए थे। देश भर में वेरिएंट जेएन.1 के सबसे अधिक मामले 34 हैं, जो कि गोवा में देखने को मिले है।

 

बढ़ते मामलों से परेशान हैं अभिभावक

इसी बीच अभिभावक भी दिल्ली में लगातार बढ़ रहे मामलों की स्थिति को देखते हुए गंभीर हो गए है। उत्तर पश्चिमी दिल्ली के पेरेंट्स एसोसिएशन के सदस्य पंकज गुप्ता ने इंडिया टुडे को बताया कि शहर में अभिभावकों के लिए स्थिति गंभीर नहीं बल्कि डरावनी है। उन्होंने आगे कहा कि स्कूलों को स्वत: संज्ञान लेते हुए एहतियाती कदम उठाने चाहिए और सामाजिक दूरी और मास्क सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा, “अगर हम व्यक्तिगत रूप से अपने बच्चों पर मास्क थोपने की कोशिश करेंगे, तो इसका कोई फायदा नहीं होगा और अधिकांश छात्र मास्क नहीं पहनेंगे।” 

गौरतलब है कि दिल्ली और एनसीआर में स्कूल और कॉलेज अब पूरी क्षमता से चल रहे हैं। बढ़ते मामलों के बीच पूरे एनसीआर में कोई भी कोविड प्रोटोकॉल लागू नहीं है। हालाँकि कोविड 19 के बढ़ते मामलों के बीच माता-पिता अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेहद अधिक चिंतित है। सरकार को पहले से सोचना चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए।’ कोरोना वायरस संक्रमण की पुरानी वेव को देख चुके कई छात्र समझदारी दिखाते हुए प्रोटोकॉल की अहमियत समझते हैं। हालांकि कई बच्चे ऐसे भी हैं जो इस स्थिति से निपटने में समर्थ नहीं है। गाजियाबाद के पेरेंट्स एसोसिएशन की सदस्य प्रिया राणा ने ये जानकारी साझा की है।

कोरोना वायरस के मामले दिल्ली में भी बढ़ रहे है। इसे देखते हुए 25 दिसंबर को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में हर दिन औसतन तीन से चार कोविड मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मामलों से निपटने के लिए दिल्ली पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की स्थिति पर केंद्र सरकार के साथ भी बैठक की गई है। 

उन्होंने कहा कि हम संभावित मरीजों का लगातार टेस्ट कर रहे हैं। सैंपल टेस्टिंग में रोज तीन से चार मामले कोरोना के देखने को मिल रहे हैं, जो एक प्रतिशत से भी कम है। हमने मॉक ड्रिल आयोजित की है और सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की हैं। राज्यों को मामलों की बढ़ती प्रवृत्ति का शीघ्र पता लगाने के लिए सभी स्वास्थ्य सुविधाओं से इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के जिलेवार मामलों की निगरानी और रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। 

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