Coronavirus: कोरोना काल में ‘कोविड किचन’ से जगी थी आस, हर जरूरतमंद को दिया सहारा

ईशा बिरोरिया/ ऋषिकेश. भारत में कोरोनावायरस (Coronavirus Cases in India) के मामले फिर बढ़ रहे हैं. इसका नया वेरिएंट JN.1 मुश्किलें बढ़ा रहा है. राज्य सरकारें एहतियात बरतने के लिए एडवाइजरी जारी कर रही हैं. Covid-19 की पहली और दूसरी लहर का खौफनाक मंजर आज भी लोगों के जेहन में जिंदा है.लाखों लोगों ने अपनों को खोया. उस समय कोरोना से बचने के लिए सभी घर पर बैठे हुए थे, न किसी से मिलना-जुलना, न साथ बैठना. तब कई लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने खुद से पहले जरूरतमंदों के लिए सोचा. उन्हीं में से एक उत्तराखंड के ऋषिकेश के रहने वाले राधे साहनी भी हैं. राधे साहनी शहर के मशहूर रेस्टोरेंट 5 स्टेट्स और साथ ही मद्रास होटल और स्वाद नगरी के मालिक हैं. कोरोना के समय इन्होंने अपने रेस्टोरेंट के माध्यम से कोविड किचन (Covid Kitchen) की शुरुआत की, जिसके जरिए वह सभी जरूरतमंदों को खाना खिलाया करते थे. इसके साथ ही वह गरीब बच्चों को चप्पल, सभी को सैनिटाइजर, दवाइयां, प्रतिदिन पक्षियों को चारा आदि दिया करते थे.

Local 18 से बातचीत में राधे साहनी बताते हैं कि लॉकडाउन के समय जब सब कुछ बंद था, तब उन्होंने कोविड किचन की शुरुआत की थी. इसका मुख्य उद्देश्य सभी जरूरतमंद और गरीब लोगों को भोजन करवाना था. शुरुआती दिनों में वह अपनी गाड़ी में करीब 50 लोगों का खाना लेकर जाया करते थे. वहीं उन्हें ऐसा करते देख लोग उनसे जुड़ते गए और एक समूह बन गया. जिसके बाद कोविड किचन केवल भोजन ही नहीं बल्कि बाकी जरूरत का सामान आदि भी उपलब्ध करवाने लगा.

लावारिस शवों का भी किया अंतिम संस्कार

राधे साहनी बताते हैं कि वह सुबह पक्षियों को चारा देने जाया करते थे. जिसके बाद उनके रेस्टोरेंट में भारी मात्रा में खाना बना करता था और गाड़ी से वो खाना ऋषिकेश के अलग-अलग क्षेत्रों में बांटा जाता था. यहीं नहीं, लॉकडाउन की वजह से ऋषिकेश में फंसे लोगों को भी वे लोग भोजन और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाया करते थे. समूह द्वारा कई लावारिस शवों का भी अंतिम संस्कार किया गया. वह बताते हैं कि उनका समूह दिन-रात एकजुट होकर सभी जरूरतमंदों के लिए निरंतर खड़ा रहा.

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