Corona Virus के मामलों में होने लगा विस्तार, JN.1 Variant ने बढ़ाई परेशानी, लगातार बढ़ रहे मामले

इन दिनों उत्तर भारत बढ़ती ठंड के कारण ठिठूरने को मजबूर है। बढ़ती ठंड के साथ ही कोरोना वायरस संक्रमण के मामले में भी इजाफा हो रहा है। कोरोनावायरस लगातार अपने पैर पसार रहा है। इसी बीच में कोरोनावायरस का नया वेरिएंट JN.1 भी नई परेशानी बनकर राज्यों के सामने आया। देश भर में कोरोनावायरस की नई वेरिएंट के मामले 12 राज्यों में दर्ज हो चुके हैं।

 

JN.1 वेरिएंट के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। हालांकि सबसे अधिक दक्षिणी राज्यों में ही इसके मामले सामने आ रहे हैं। मगर दिल्ली और हरियाणा जैसे राज्यों में भी इसके कई मामले दर्ज हो चुके हैं।

राहत है कि JN.1 वेरिएंट के मामलों में गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिल रहे हैं। वहीं डॉक्टर्स ने भी सलाह दी है कि स्थिति को काबू में रखने के लिए घबराहट ना पैदा की जाए। कोरोना वायरस संक्रमण के नए वेरिएंट के मामले 4 जनवरी तक 12 राज्यों में सामने आ चुके हैं। नए वेरिएंट की कुल मामले बढ़कर 619 पर पहुंच चुके हैं। सबसे अधिक मामले कर्नाटक में आए हैं जहां 119 लोग जेएन 1 से संक्रमित हुए है। इसके बाद सबसे अधिक मामले 148, महाराष्ट्र में 110, गोवा में 47, गुजरात में 30, आंध्र प्रदेश में 30, तमिलनाडु में 26, दिल्ली में 15, राजस्थान में चार के अलावा तेलंगाना, ओडिशा और हरियाणा में एक-एक मामले दर्ज किए गए हैं।

 

JN 1 वेरिएंट कि बढ़ते मामलों के बीच एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन मामलों को देखते हुए घबराने की जरूरत नहीं है। जितने भी मामले अब तक सामने आए हैं उनमें अधिकतर लोगों का इलाज घर में ही हो रहा है, क्योंकि संक्रमितों में हल्के लक्षण देखने को मिले हैं। 

महाराष्ट्र में जारी हुई नई गाइडलाइंस

इसी बीच कोरोना वायरस को देखते हुए महाराष्ट्र में कोविड टास्क फोर्स ने नई गाइडलाइंस यानी दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके अनुसार राज्य में जितने भी सांस संबंधित मरीज है उन सभी की कोरोना जांच अनिवार्य की गई है। किसी मरीज का कोरोना संक्रमित होने के बाद उसके संपर्क में आने वाले लोगों की भी कोरोना जांच करवाई जाएगी। महाराष्ट्र में शुक्रवार को 146 कोरोना के नए मामले दर्ज हुए है।

नया वेरिएंट नहीं घातक

वहीं एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण का नया सब वेरिएंट घातक नहीं है। ऐसे में लोगों को इस वेरिएंट को देखते हुए पैनिक नहीं होना चाहिए। कोरोना के जो लक्षण मरीजों में अब तक देखने को मिले हैं, वो काफी हल्के है। मरीज आसानी से घर पर इलाज कर तीन से चार दिनों में ठीक हो रहे है।

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