COP28: PM मोदी ने जलवायु शिखर सम्मेलन में की ‘ग्रीन क्रेडिट’ की पेशकश, जानिए इसके बारे में सबकुछ

highlights

  • COP28 में पीएम मोदी ने की ग्रीन क्रेडिट की पहल
  • ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम का वेब पोर्टल भी किया लॉन्च
  • पृथ्वी के स्वास्थ्य के लिए जरूरी बताया ग्रीन क्रेडिट

 

नई दिल्ली:  

PM Modi in COP28: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दुबई में सीओपी-28 शिखर सम्मेलन में ग्रीन क्रेडिट को शुरू करने की पहल की. पीएम मोदी की इस पहल का विश्व के कई नेताओं ने समर्थन किया. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जलवायु से जुड़ी वार्ता के लिए अहम माने जाने वाले मंच कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (COP28) समिट में शामिल होने के लिए गुरुवार देर रात दुबई पहुंचे थे. जहां शुक्रवार को उन्होंने सीओपी28 के शिखर सम्मेलन में शिरकत की. इस दौरान पीएम मोदी ने ग्रीन क्रेडिट को शुरू करने की पहल की. इसके साथ ही उन्होंने स्वीडन के पीएम उल्फ क्रिस्टरसन, मोजाम्बिक के राष्ट्रपति फिलिप जैसिंटो न्यूसी और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल के साथ ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम का वेब पोर्टल भी लॉन्च किया.

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जलवायु परिवर्तन पर बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल साउथ पर जलवायु परिवर्तन के असर के बारे में बात की. सीओपी28 में पीएम मोदी ने कहा कि, “जिस तरह हम जीवन में अपने हेल्थ कार्ड को महत्व देते हैं, उसी तरह हमें पर्यावरण के संदर्भ में भी सोचना शुरू करना होगा. हमें देखना होगा पृथ्वी के स्वास्थ्य कार्ड में सकारात्मक बिंदु जोड़ने के लिए क्या किया जाना चाहिए. मुझे लगता है कि ग्रीन क्रेडिट यही है.” बता दें कि पीएम मोदी सीओपी-28 के उद्घाटन समारोह में भाषण देने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं. शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने प्रदूषण फैलाने वालों की निंदा की और विकासशील देशों की आवाज को बुलंद किया. 

जानिए क्या है ग्रीन क्रेडिट कार्ड पहल?

बता दें कि ग्रीन क्रेडिट पहल को पहली बार 13 अक्टूबर, 2023 को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया. ग्रीन क्रेडिट की दो प्रमुख प्राथमिकताएं हैं. पहली जल संरक्षण और दूसरी नवीकरण. पर्यावरण मंत्रालय ने इस पहल को “व्यक्तियों, समुदायों, निजी क्षेत्र के उद्योगों और कंपनियों जैसे विभिन्न हितधारकों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में स्वैच्छिक पर्यावरणीय कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किया, जिसे बाजार-आधारित तंत्र के रूप में परिभाषित किया है.

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इस योजना के तहत, विशिष्ट पर्यावरणीय गतिविधियों के लिए ग्रीन क्रेडिट आवंटित किया जाएगा और इसे व्यापार योग्य वस्तुओं के रूप में माना जाएगा. ये ग्रीन क्रेडिट घरेलू बाजार प्लेटफॉर्म पर बेचे जा सकेंगे. इस पहल का मुख्य उद्देश्य बड़े निगमों और निजी कंपनियों को प्रोत्साहित करके वृक्षारोपण, जल संरक्षण, टिकाऊ कृषि और अपशिष्ट प्रबंधन जैसी स्वैच्छिक पर्यावरणीय गतिविधियों को बढ़ावा देना है, जिससे देश के सामने आने वाले जलवायु संबंधी मुद्दों में बदलाव लाया जा सके.

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COP28 में ग्रीन क्रेडिट के लिए वेब पोर्टल लॉन्च करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ”जिस तरह हम जीवन में अपने हेल्थ कार्ड को महत्व देते हैं, उसी तरह हमें पर्यावरण के बारे में भी सोचना होगा. उन्होंने कहा कि हमें पृथ्वी के स्वास्थ्य कार्ड में सकारात्मक बिंदु जोड़ने के लिए भी देखना होगा. बता दें कि इस बार दुबई ने सीओपी28 की मेजबानी की. वहीं समिट के दौरान पीएम मोदी ने अपने भाषण में साल 2028 में भारत द्वारा COP33 की मेजबानी करने का प्रस्ताव भी रखा.




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