Consumer Court: बुकिंग और भुगतान के बाद जीडीए ने नहीं दिया फ्लैट, जिला उपभोक्ता आयोग ने सुनाया यह आदेश

GDA did not give the flat after booking and payment

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण

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अलीगढ़ महानगर के दुबे पड़ाब के एक परिवार के दो फ्लैटों की बुकिंग और भुगतान के बाद भी जीडीए (गाजियाबाद विकास प्राधिकरण) ने उन्हें कब्जा नहीं दिया। इन दोनों फ्लैटों के कब्जे संबंधी याचिका जिला उपभोक्ता आयोग में दायर की गई, जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने जीडीए अधिकारियों पर हर्जाना लगाया है। दो अलग-अलग याचिकाओं में यह फैसला आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश हसनैन कुरैशी, आलोक उपाध्याय व पूर्णिमा सिंह की पीठ ने दिया है।

इस संबंध में एक याचिका डॉ. अशोक मित्तल की ओर से व दूसरी उनकी पुत्रवधु रश्मि मित्तल की ओर से दायर की गई। दोनों याचिकाओं में कहा गया कि जीडीए की कोयल एन्क्लेव योजना में उन्होंने दो फ्लैट दोनों के नाम से बुक किए। बुकिंग के दौरान दोनों ने अलग-अलग 50,550 व 50, 550 रुपये जमा किए। इसके बाद आवंटन होने के समय फ्लैट की कीमत दोनों की बराबर बराबर 21 लाख 98 हजार 175 रुपये  व 21 लाख 98 हजार 175 रुपये का भी भुगतान किया। बाद में शेष रकम 189963-189963 भी जमा की गई। मगर निर्धारित समय से लेकर आज तक उन्हें इन दोनों फ्लैटों पर कब्जा नहीं दिया गया। 

इसे लेकर याचिकाओं में कहा गया कि अगर वे फ्लैट पर कब्जा लेते और उन्हें किराये पर भी उठाते तो 25-25 हजार रुपये प्रतिमाह किराया आता। इसका भी नुकसान हुआ है। अदालत ने मामले में सुनवाई करते हुए दोनों के पक्ष में फैसला सुनाया है। जीडीए उपाध्यक्ष, संपित्त अधिकारी सचिव के खिलाफ दायर याचिकाओं में कहा है कि दोनों मामलों में अलग अलग 24 लाख 38 हजार 688 रुपये व 24 लाख 38 हजार 688 रुपये रुपये 27 जनवरी 2020 से देने के समय तक 18-18 फीसदी ब्याज दर से भुगतान किया जाए। साथ में दोनों को 11-11 हजार रुपये वाद व्यय व 25-25 हजार रुपये मानसिक उत्पीड़ हर्जाना दिया जाए।

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